
नई दिल्ली। बीते सोमवार को ये खबर आई थी कि केंद्र सरकार ने प्याज के निर्यात पर लगा बैन हटा दिया है। इस खबर के आने के बाद बाजार में प्याज की कीमतें बढ़ने लगी। हालत ये हुई कि प्याज की सबसे बड़ी थोक मंडी महाराष्ट्र के लासलगांव में इसकी थोक कीमत 1280 रुपए प्रति क्विंटल से बढ़कर 1800 रुपए हो गई। अब केंद्र सरकार ने कहा है कि प्याज का निर्यात फिर शुरू होने की खबरें झूठी हैं।
उपभोक्ता मामलों के सचिव रोहित कुमार सिंह ने मीडिया को बताया कि प्याज के निर्यात पर बैन को हटाया नहीं गया है। स्थिति में कोई बदलाव न होने की जानकारी भी उन्होंने दी। सचिव ने कहा कि लोगों को उचित कीमत पर प्याज उपलब्ध कराना सरकार की जिम्मेदारी है। केंद्र सरकार ने प्याज की कीमतें लगातार बढ़ते देख 8 दिसंबर 2023 को 31 मार्च 2024 तक इसके निर्यात पर रोक लगा दी थी। खबरों के मुताबिक लोकसभा चुनाव के कारण सरकार प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध को 31 मार्च से आगे भी बढ़ा सकती है। रबी की फसल के दौरान प्याज उगाया जाता है। बताया जा रहा है कि कृषि मंत्रालय के अफसर अब महाराष्ट्र, गुजरात और मध्यप्रदेश जाकर प्याज के उत्पादन का आंकड़ा जुटाएंगे। प्याज का उत्पादन अगर ठीक रहा, तो लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद इसके निर्यात को फिर हरी झंडी मिल सकती है।
जानकारी के मुताबिक केंद्र सरकार के पास मार्च 2024 तक के लिए 5 लाख टन प्याज का स्टॉक है। सरकार इसे और बढ़ाने की कोशिश कर रही है। प्याज पर निर्यात बैन तो लगा है, लेकिन अंतर मंत्रालयी समूह की सिफारिश पर मित्र देशों को प्याज का निर्यात भी होता है। केंद्र सरकार की तरफ से अब प्याज के निर्यात संबंधी खबरों का खंडन होने के बाद थोक और खुदरा बाजार में इसकी कीमतें कम होने के आसार हैं।