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Crude Oil Prices: भारत में पेट्रोल-डीजल की बढ़ेगी कीमत?, अंतरराष्ट्रीय से लेकर घरेलू बाजार में कच्चे तेल की कीमत में उछाल

Crude Oil Prices: विदेश से लेकर भारत तक के वायदा बाजारों में कच्चे तेल की कीमत में उछाल आया है। कच्चे तेल से ही पेट्रोल, डीजल और विमानों में इस्तेमाल होने वाला एटीएफ बनता है। ऐसे में कच्चे तेल की कीमत ज्यादा बढ़ने पर इन जरूरी चीजों के दाम भी बढ़ सकते हैं और इससे महंगाई भी ज्यादा हो सकती है।

नई दिल्ली। विदेश से लेकर भारत तक के वायदा बाजारों में कच्चे तेल की कीमत में उछाल आया है। कच्चे तेल से ही पेट्रोल, डीजल और विमानों में इस्तेमाल होने वाला एटीएफ बनता है। भारत के एमसीएक्स में कच्चे तेल के वायदा कारोबार में 1.1 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। ये बीते हफ्ते के अंतिम कारोबारी दिन में 6044 रुपए प्रति बैरल रहा। वहीं, ब्रेंट वायदा में कच्चे तेल की कीमत 1.5 फीसदी ज्यादा के बाद 74.49 डॉलर प्रति बैरल रहा। डब्ल्यूटीआई वायदा 1.8 फीसदी बढ़कर 71.29 डॉलर प्रति बैरल दर्ज हुआ। आंकड़ों के मुताबिक बीते सोमवार से शुक्रवार तक कच्चे तेल के वायदा कारोबार में करीब 6 फीसदी की बढ़ोतरी हो चुकी है और 2025 के शुरुआती महीनों तक कच्चे तेल की कीमत में तेजी देखी जा सकती है।

रूस और यूक्रेन के युद्ध, हमास, ईरान और हिजबुल्लाह से इजरायल की तनातनी और संघर्ष के बाद सीरिया में असद सरकार के पतन के कारण अर्थव्यवस्था पर निवेशकों की चिंता बढ़ी है। बताया जा रहा है कि निवेशकों की इसी चिंता के कारण कच्चे तेल की कीमतों में उछाल देखा जा रहा है। ईरान पर पहले से ही कच्चा तेल बेचने पर पाबंदी लगी थी। इसके बाद रूस पर भी ऐसी पाबंदी लगी। इससे कच्चे तेल की सप्लाई में गिरावट आने की आशंका भी है। इसका भी असर कच्चे तेल की कीमत में उछाल के तौर पर देखा जा रहा है। अगर कच्चे तेल की कीमत में गिरावट न आई, तो भारत में भी पेट्रोल, डीजल और एटीएफ की कीमत बढ़ सकती है और ऐसा होने पर महंगाई फिर बढ़ेगी।

Petrol-Diesel Price

भारत में अक्टूबर 2024 में खुदरा महंगाई दर 6.21 फीसदी रही। जबकि, नवंबर में खुदरा महंगाई दर में गिरावट आई और ये 5.89 फीसदी दर्ज की गई। भारत अभी रूस से सबसे ज्यादा कच्चा तेल ले रहा है। भारत अपनी जरूरत का 35 फीसदी कच्चा तेल रूस से ही खरीद रहा है। जबकि, पहले ईरान और सऊदी अरब की तरफ से भारत को सबसे ज्यादा कच्चे तेल की सप्लाई की जाती थी। अमेरिका से भी भारत कच्चा तेल खरीदता है। ऐसे में भारत में लोगों को अब तक पेट्रोल और डीजल की ज्यादा कीमत नहीं चुकानी पड़ रही। अब कच्चे तेल की कीमत दुनियाभर के वायदा बाजारों में बढ़ रही है। ऐसे में सबकी नजर इस पर है कि क्या भारत अब रूस से सस्ती कीमत पर और ज्यादा कच्चे तेल की सप्लाई लेता है या कोई और रास्ता तलाशता है। बता दें कि यूरोप के देशों ने रूस से कच्चा तेल खरीदना बंद कर रखा है। ऐसे में भारत रूस से कच्चा तेल लेकर पेट्रोल, डीजल और एटीएफ बनाकर यूरोपीय देशों को बेच भी रहा है।