newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Paytm: पेटीएम पर रिजर्व बैंक के एक्शन से दूसरी फिनटेक सर्विस पर बढ़े उपभोक्ता, जानिए किन प्लेटफॉर्म को हुआ फायदा

Paytm: आरबीआई ने तमाम गड़बड़ियां पाने के बाद पेटीएम के पेमेंट्स बैंक पर 29 फरवरी के बाद पूरी तरह से काम करने की रोक लगाई है। जानकारी के मुताबिक एक ही पैन नंबर पर तमाम खाते खोले गए। इसके अलावा पेटीएम पेमेंट्स बैंक में बिना पैन और केवाईसी ही तमाम उपभोक्ता मिले।

नई दिल्ली। रिजर्व बैंक ने दिग्गज फिनटेक कंपनी पेटीएम के पेमेंट्स बैंक पर रोक लगाने का आदेश दिया है। 29 फरवरी के बाद पेटीएम अपने ग्राहकों को पेमेंट्स बैंक की सुविधा नहीं दे सकेगा। आरबीआई के आदेश के कारण पेटीएम की जगह अन्य फिनटेक सर्विस से ग्राहक जुड़ रहे हैं। दरअसल, ग्राहकों को अंदेशा है कि पेटीएम की वॉलेट सर्विस भी उनके लिए दिक्कत का सबब बन सकती है। जबकि, आरबीआई ने पेटीएम की वॉलेट सर्विस बंद करने का कोई आदेश नहीं दिया है और उपभोक्ताओं की राशि भी सुरक्षित है।

मनी कंट्रोल की रिपोर्ट के मुताबिक एपफिगर्स नाम की एप इंटेलिजेंस कंपनी ने बताया है कि पेटीएम पर आरबीआई के एक्शन के कारण अन्य फिनटेक कंपनियों की सर्विस की ओर उपभोक्ताओं का रुझान बढ़ा है। एपफिगर्स के आंकड़ों के मुताबिक फोनपे और भीम एप से लोग जुड़ रहे हैं। जबकि, गूगल पे में ज्यादा लोगों ने रुचि नहीं दिखाई है। एपफिगर्स के ताजा डेटा के अनुसार फोनपे को 3 फरवरी के दिन 2.79 लाख नए उपभोक्ता मिले। ये सभी एंड्रॉइड प्लेटफॉर्म से जुड़े हैं। इससे पहले फोनपे पर 27 जनवरी को 1.92 लाख लोग जुड़े थे। इस तरह दोनों तारीखों के बीच फोनपे से जुड़ने वालों में 24 फीसदी की उछाल देखी गई। एपफिगर्स के अनुसार भीम एप से जुड़ने वालों में भी 50 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। गूगल पे से जुड़ने वाले लोगों की संख्या सिर्फ 4.9 फीसदी ही बढ़ी है।

RBI

पेटीएम ने भारत में डिजिटल पेमेंट सेवा देने में सबसे आगे स्थान हासिल किया था। पेटीएम के बाद अन्य फिनटेक कंपनियों ने काम शुरू किया था। अब आरबीआई ने तमाम गड़बड़ियां पाने के बाद पेटीएम के पेमेंट्स बैंक पर रोक लगाई है। जानकारी के मुताबिक एक ही पैन नंबर पर तमाम खाते खोले गए। इसके अलावा पेटीएम पेमेंट्स बैंक में बिना पैन और केवाईसी ही तमाम उपभोक्ता मिले। ये बड़ी गड़बड़ियां रिजर्व बैंक की नजर में आने के बाद ही उसने पेटीएम पर एक्शन लिया। अब पेटीएम की तरफ से कहा गया है कि वो अन्य बैंकों के जरिए अपनी फिनटेक सेवा जारी रखेगा। हालांकि, अगर उपभोक्ता दूसरी वॉलेट सेवा की तरफ झुके, तो इससे कंपनी को आने वाले दिनों में मुश्किलों की सामना करना पड़ सकता है।