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PM Narendra Modi Remembers Ratan Tata At Inauguration Of Tata Aircraft Complex : सी-295 विमान निर्माण फैक्ट्री के उद्घाटन पर पीएम नरेंद्र मोदी को याद आए भारत के ‘रतन’ टाटा

PM Narendra Modi Remembers Ratan Tata At Inauguration Of Tata Aircraft Complex : मोदी ने कहा कि हाल ही में हमने देश के महान सपूत रतन टाटा जी को खो दिया है। अगर वह आज हमारे बीच होते तो शायद सर्वाधिक खुशी उन्हें होती, लेकिन उनकी आत्मा जहां भी होगी, उन्हें खुशी होगी।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज गुजरात के वडोदरा में सी-295 विमान निर्माण के लिए टाटा एयरक्राफ्ट कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन किया। इस अवसर पीएम नरेंद्र मोदी को दिवंगत रतन टाटा की याद आई। मोदी ने कहा कि हाल ही में हमने देश के महान सपूत रतन टाटा जी को खो दिया है। अगर वह आज हमारे बीच होते तो शायद सर्वाधिक खुशी उन्हें होती, लेकिन उनकी आत्मा जहां भी होगी, उन्हें खुशी होगी। स्पेन और भारत के बीच सी-295 विमान बनाने का समझौता हुआ है। देश के लिए यह बहुत बड़ी उपलब्धि है कि सी-295 जैसा विमान अब भारत में टाटा ग्रुप द्वारा बनाया जाएगा, यह रतन टाटा का सपना था।

प्रधानमंत्री बोले, सी-295 विमान बनाने की ये फैक्ट्री नए भारत की नई कार्य संस्कृति को दर्शाती है। जब मैं गुजरात का सीएम था, तो ट्रेन के डिब्बे बनाने के लिए वडोदरा में एक फैक्ट्री स्थापित करने का निर्णय लिया गया था। फैक्ट्री को रिकॉर्ड समय में उत्पादन के लिए तैयार भी कर लिया गया, आज हम उस फैक्ट्री में बने मेट्रो कोच दूसरे देशों में निर्यात कर रहे हैं, मुझे विश्वास है कि भविष्य में इस फैक्ट्री में बने विमान दूसरे देशों में भी निर्यात किये जायेंगे।

मोदी ने कहा कि भारत और स्पेन के बीच साझेदारी को हम नई दिशा दे रहे हैं। हम सी-295 विमान के उत्पादन के लिए फैक्ट्री का उद्घाटन कर रहे हैं। यह फैक्ट्री न केवल भारत-स्पेन संबंधों को मजबूत करेगी बल्कि ‘मेक इन इंडिया, मेड फॉर द वर्ल्ड’ मिशन का भी समर्थन करेगी। मोदी ने कहा, कि आज भारत में रक्षा विनिर्माण पारिस्थितिकी तंत्र नई ऊंचाइयों को छू रहा है। अगर हमने 10 साल पहले ठोस कदम नहीं उठाए होते, तो यह नहीं होता, आज इस स्तर तक पहुंचना असंभव होता।

नरेंद्र मोदी ने कहा कि समय कोई सोच भी नहीं सकता था कि भारत में इतने बड़े पैमाने पर रक्षा विनिर्माण हो सकता है। लेकिन हमने नई राह पर चलने का फैसला किया, अपने लिए एक नया लक्ष्य तय किया और आज उसका परिणाम है हमारे सामने है। हमने रक्षा विनिर्माण में निजी क्षेत्र की भागीदारी का विस्तार किया, सार्वजनिक क्षेत्र को कुशल बनाया, ऑर्डिनेंस फैक्टरियों को सात बड़ी कंपनियों में बदल दिया, डीआरडीओ और एचएएल को मजबूत किया, यूपी और तमिलनाडु में नई ऊर्जा के साथ रक्षा क्षेत्र के दो बड़े डिफेंस कॉरिडोर बनाए।