मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मौद्रिक नीति के मामले में समायोजी रुख कायम रखते हुए नीतिगत ब्याज दर यानी रेपो रेट में एक बार फिर कोई बदलाव नहीं किया है। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास (Shaktikanta Das) ने बुधवार को रेपो रेट को चार फीसदी पर स्थिर रखने के केंद्रीय बैंक के फैसले की घोषणा की। आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक के नतीजों की घोषणा करते हुए दास ने कहा कि रेपो रेट को चार फीसदी पर और रिवर्स रिपो रेट को 3.35 फीसदी पर स्थिर रखने का फैसला लिया गया है।
आबीआई गवर्नर ने बताया कि एमपीसी ने मौद्रिक नीति के मसले पर समायोजी रुख बरकरार रखा है और जब तक टिकाऊ विकास दर हासिल नहीं कर लिया जाता है तब तक केंद्रीय बैंक का समायोजी रुख कायम रहेगा। पिछले साल आरबीआई ने रेपो रेट में लगातार पांच बार कटौती की जिससे नीतिगत प्रमुख ब्याज दर में 1.35 फीसदी घट गई।
शक्तिकांत दास ने कहा कि 2021-22 के लिए वास्तविक जीडीपी वृद्धि का अनुमान 10.5% पर बरकरार है। साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि सभी भारतीय वित्तीय संस्थानों को 50,000 करोड़ रुपये का कर्ज दिया जाएगा।
The projection for CPI inflation has been revised to 5% in Q4 of 2021, 5.2%, in Q1 of 2021-22, 5.2% also in Q2 of 2021-22, 4.4% in Q3, and 5.1% in Q4 with risks broadly balanced: RBI Governor Shaktikanta Das pic.twitter.com/rr1D29e77B
— ANI (@ANI) April 7, 2021
रेपो रेट वह ब्याज दर है जिस पर केंद्रीय बैंक से वाणिज्यिक बैंकों को लघु अवधि का कर्ज मुहैया मिलता है। इसके विपरीत वाणिज्यिक बैंकों से केंद्रीय बैंक जिस ब्याज दर पर फंड प्राप्त करता है उसे रिवर्स रेपो रेट कहते हैं।