शेयर कारोबार में गड़बड़ी को लेकर रिलायंस और मुकेश अंबानी पर SEBI की बड़ी कार्रवाई, ठोका जुर्माना
Reliance: दरअसल रिलायंस पेट्रोलियम(Reliance Petroleum) लिमिटेड के शेयरों की नकद और फ्यूचर खरीद में अनियमतता पाई गई है। इससे पहले मार्च 2007 में आरआईएल ने आरपीएल में 4.1 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का निर्णय किया था।
नई दिल्ली। रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक और देश के सबसे अमीर इंसान मुकेश अंबानी की नई साल में मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। बता दें कि अंबानी और उनकी कंपनी पर भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) 40 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। गौरतलब है कि शेयर बाजार को रेगुलेट करने वाली सेबी ने नवंबर 2007 में पूर्ववर्ती रिलायंस पेट्रोलियम लिमिटेड (आरपीएल) के शेयर कारोबार में कथित गड़बड़ी को लेकर कार्रवाई की है। सेबी ने इस मामले में रिलायंस इंडस्ट्रीज पर 25 करोड़ रुपये का और मुकेश अंबानी के साथ-साथ दो अन्य इकाइयों पर 15 करोड़ रुपये का जुर्माना लगाया है। इतना ही नहीं, सेबी ने नवी मुंबई सेज प्राइवेट लिमिटेड से 20 करोड़ रुपये और मुंबई सेज लिमिटेड को 10 करोड़ रुपये का जुर्माना देने को भी कहा है। बता दें कि यह मामला आरपीएल शेयरों की नकद और वायदा खंड में खरीद और बिक्री से जुड़ा हुआ है जोकि नवंबर 2007 का है।
दरअसल रिलायंस पेट्रोलियम लिमिटेड के शेयरों की नकद और फ्यूचर खरीद में अनियमतता पाई गई है। इससे पहले मार्च 2007 में आरआईएल ने आरपीएल में 4.1 फीसदी हिस्सेदारी बेचने का निर्णय किया था। इस सूचीबद्ध अनुषंगी इकाई का बाद में 2009 में आरआईएल में विलय हो गया। इस संदर्भ में सेबी के अधिकारी बीजे दिलीप ने जोकि मामले की सुनवाई करने वाले अधिकारी हैं, उन्होंने अपने 95 पन्नों के आदेश में कहा कि प्रतिभूतियों की मात्रा या कीमत में कोई भी गड़बड़ी हमेशा बाजार में निवेशकों के विश्वास को चोट पहुंचाती है। इससे वे बाजार में हुई हेराफरी में सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं। इसलिए सेबी इस तरह की गई हेराफेरी पर नजर बनाए रखता है।
उन्होंने कहा कि इस मामले में आम निवेशकों को इस बात का पता नहीं था कि वायदा एवं विकल्प खंड में सौदे के पीछे की इकाई आरआईएल है। इस मामले में धोखाधड़ी वाले कारोबार से नकद और वायदा एवं विकल्प खंड दोनों में आरपीएल की प्रतिभूतियों की कीमतों पर असर पड़ा और अन्य निवेशकों के हितों को नुकसान पहुंचा।