नई दिल्ली। भारत को दुनियाभर में कृषि प्रधान देश माना जाता है। हमारी अर्थव्यवस्था काफी हद तक कृषि पर निर्भर है और ये चलती है गांव के खेत-खलिहानों से, आप जब भी गांव का नाम सुनते होंगे तो आपके दिमाग में कच्चे रास्ते, हैंडपंप चलाते हुए लोग, जमींदार के काम खेत में काम करने वाले बंधुआ मजदूर, बिजली पानी का बुरा हाल जैसी चीजों की तस्वीरें आ जाती होंगी। लेकिन हमारे देश में ही एक गांव ऐसा भी है जो गांवों को लेकर आपके इस नज़रिए को बदलकर रख देगा। आपको जानकर थोड़ी हैरानी हो सकती है लेकिन दुनिया का सबसे अमीर गांव हमारे देश में ही मौजूद है।
भारत में मौजूद दुनिया का सबसे अमीर गांव
गुजरात के कच्छ जिले में मौजूद मधापार नाम का ये गांव बैंक डिपोज़िट के मामले में दुनिया का सबसे अमीर गांव है। करीब 7,600 घरों वाले मधापार गांव में 17 बैंक हैं। आप यह जानकर चौंक जाएंगे कि इन सभी बैंकों में 92,000 लोगों के 5000 करोड़ रुपए जमा हैं। मधापार कच्छ के मिस्त्रियों द्वारा बसाए गए 18 गांवों में से एक है। गांव के बैंक में औसतन प्रति व्यक्ति जमा करीब 15 लाख रुपये है। 17 बैंकों के अलावा, मधापार गांव में स्कूल, कॉलेज, झील, हरियाली, बांध, स्वास्थ्य केंद्र और मंदिर भी हैं। गांव में एक अत्याधुनिक गौशाला भी है..लेकिन अब सवाल उठता है कि आखिर मधापार गांव भारत के पारंपरिक गांवों से इतना अलग क्यों है?
असल में, मधापार गांव की ज्यादातर आबादी पटेल लोगों की है जो NRI हैं। उन्होंने देश के बाहर रहकर काम किया और पैसे कमाकर गांव की तरक्की में योगदान दिया। इनमें से कई NRI पैसा कमाने के बाद भारत वापस आ गए और गांव में अपना खुद का वेंचर शुरू कर दिया..आज मधापार गांव अपनी कृषि उपज को मुंबई समेत देश के अन्य हिस्से में भेजता है।