नई दिल्ली। वित्त वर्ष 2022-23 का आम बजट को पेश करने के दौरान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने भारत में क्रिप्टो करेंसी (Cryptocurrency) पर 30 परसेंट का भारी-भरकम टैक्स लगाने का ऐलान किया था। ट्विटर पर लोगों ने इस फैसले का काफी विरोध भी किया। वैसे भारत कोई पहला देश नहीं है जिसने क्रिप्टो करेंसी पर टैक्स लगाया हो। इससे पहले भी कई देशों ने क्रिप्टो पर टैक्स लगाया है। थाइलैंड भी उन्हीं देशों में से एक है जिसने क्रिप्टो से होने वाले Profit पर 15% टैक्स लगाने का एलान किया था। हालांकि, अब लोगों के विरोध के बाद थाईलैंड क्रिप्टो पर लगने वाले टैक्स को वापस लेने की तैयारी कर रहा है। थाईलैंड ने पहले घोषणा की थी कि वो क्रिप्टो प्रॉफिट पर 15 परसेंट का टैक्स लगाएगा लेकिन वहां की सरकार के विरोधियों और देश के युवाओं ने इसका जमकर विरोध किया।जिसके बाद सरकार इस फैसले को वापस लेने जा रही है।
इस साल की शुरुआत में थाईलैंड ने घोषणा की थी कि वो एसेट क्लास के कैपिटल गेन टैक्स ला रहा है जिसमें ट्रेडिंग और माइनिंग पर भी टैक्स शामिल है।
Financial Times की एक रिपोर्ट में बताया गया कि थाईलैंड इस प्लान के साथ आगे नहीं बढ़ेगा। ट्रेडर्स ने सरकार के इस फैसले का विरोध किया। क्रिप्टो मार्केट के सपोर्टर ने कहा है कि हाई टैक्सेशन से मार्केट का हाल खराब हो जाएगा।
थाईलैंड के राजस्व विभाग ने पहले जानकारी दी थी कि मार्केट का साइज और वैल्यू साल 2020 के बाद लगातार बढ़ा है। Upbit क्रिप्टो-एक्सचेंज के CEO Pete Peeradej ने बताया कि थाईलैंड के राजस्व विभाग ने अपना होमवर्क पूरा नहीं किया था। बैंक ऑफ थाईलैंड और देश के वित्त मंत्री ने सिक्योरिटी एंड एक्सचेंज कमीशन के साथ मिलकर पिछले हफ्ते घोषणा की थी वे डिजिटल करेंसी पेमेंट को रिस्ट्रिक्ट करने के लिए रेगुलेटरी गाइडलाइंस प्लान जारी करेंगे। बता दें कि कई देश क्रिप्टो मार्केट पर टैक्स लगाने की तैयारी कर रहे हैं और इस लिस्ट में भारत भी शामिल हो गया जिसमें क्रिप्टो पर 30% टैक्स लगा दिया है।