
नई दिल्ली। केंद्र सरकार शहरों और ग्रामीण क्षेत्रों के सभी लोगों के विकास पर लगातार काम कर रही है। इसके लिए आए दिन नई-नई योजनाए बनाई जाती हैं। इसी क्रम में खेती-किसानी संबंधी योजनाएं भी बनाई गई हैं। इन योजनाओं की सहायता से किसान के कार्यों में लगने वाली लागत को कम करने की कोशिश की जाती है, ताकि वो कुछ बचत कर सकें। किसानों के हित के लिए बनाई गई इन्ही योजनाओं में से एक योजना है ‘प्रधानमंत्री कुसुम योजना’, जिसके तहत किसानों को बड़े स्तर पर आर्थिक अनुदान प्रदान किया जाता है। साल 2019 में शुरू की गई पीएम कुसुम योजना के तहत किसानों को सिंचाई के लिये सोलर पंप की उपलब्धता सुनिश्चित करवाना है, ताकि बिजली और किसानों की मेहनत दोनों की बचत की जा सके। जानिए क्या है इसकी खासियत? इस योजना के तहत केंद्र और राज्य सरकारें किसानों को सौर ऊर्जा और सोलर पंप प्लांट लगाने के लिये 30-30 प्रतिशत की दर से सब्सिडी प्रदान कर रही हैं। इसके लिए किसान केवल 40 प्रतिशत का भुगतान करके सौर ऊर्जा पंप की यूनिट लगा सकते हैं। इसके लिए वो नाबार्ड, बैंक और दूसरी वित्तीय संस्थाओं से 30 प्रतिशत खर्च के लिये लोन भी ले सकते हैं। सरकार और नाबार्ड से अनुदान मिलने के बाद किसानों को केवल 10 % खर्च ही उठाना होगा।
इसके अलावा, किसान सोलर पैनल से बिजली की बचत करके बेच भी सकते हैं और इससे ऊपरी कमाई भी कर सकते हैं। किसानों के खेत में एक बार सोलर पंप लगने के बाद उन्हें अगले 25 सालों तक इसका लाभ मिल सकेगा। सौलर पैनल का रख-रखाव तो आसान है ही, साथ ही प्रदूषण को कम करने में भी ये सहायक है। इस योजना के तहत किसान सौर ऊर्जा संयंत्र के लिये 0.5 मेगावाट से 2 मेगावाट क्षमता वाले प्लांट की खरीद के लिये अप्लाई कर सकते हैं।
आवश्यक पात्रता
- आवेदक को भारतीय नागरिक होना चाहिए।
- आवेदन करने के लिये किसानों के पास सभी जरूरी दस्तावेजों को होना जरूरी है।
- सौलर पंप की बड़ी यूनिट की खरीदी के लिए आवेदक की सालाना आय 1 करोड़ रुपये प्रति मेगावाट होना अनिवार्य है।
आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड
- राशन कार्ड
- KYC डिटेल्स
- आवेदक का पासपोर्ट साइज फोटो
- बैंक-खाता
- बैंक खाते का विवरण
कुसुम योजना का लाभ लेने के लिये किसान अपने नजदीकी कृषि विभाग के कार्यलय में जाकर व्यक्तिगत रूप से संपर्क कर सकते हैं। या फिर सरकारी वेबसाइट HTTPS://MNRE.GOV.IN पर जाकर ऑनलाइन भी अप्लाई कर सकते हैं।