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Indian Diamond Industry: ‘रूस के साथ USA का बढ़ा तनाव तो भारतीय ज्वेलर्स गिरी बड़ी गाज, फ्रीज किया गया करोड़ों का फंड

Indian Diamond Industry: अब धीरे-धीरे हालात सुधरने लगे हैं लोग एक बार फिर डायमंड और गोल्ड में इन्वेस्ट करने का मन बनाने लगे हैं ऐसे में भारतीय ज्वेलरी इंडस्ट्री में बड़ा बूम आने की संभावना है।

नई दिल्ली। रूस और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच तनाव अब छिपा नहीं है और इसका असर भारत के ज्वैलर्स और हीरा व्यापारियों पर भी महसूस किया जा रहा है। अमेरिकी सरकार की एक संस्था, विदेशी संपत्ति नियंत्रण कार्यालय (ओएफएसी) ने पिछले कुछ महीनों में विदेशों में काम करने वाले भारतीय ज्वैलर्स से जुड़े लाखों रुपये के फंड को फ्रीज कर दिया है। आरोप लगाया गया है कि ये ज्वैलर्स रूस में खनन किए गए कच्चे हीरों का आयात और उपयोग कर रहे हैं। चिंताजनक बात यह है कि ओएफएसी ने अब तक लगभग 26 मिलियन डॉलर की धनराशि रोक दी है।

joe biden and putin

संयुक्त अरब अमीरात में सहायता करने वाली कंपनियाँ भारतीय कंपनियाँ हैं जो इन उपायों से सीधे प्रभावित हुई हैं। लक्षित संस्थाएँ भारतीय हीरा घरानों से संबद्ध हैं और उनके संयुक्त अरब अमीरात से संबंध हैं। इन यूएई फर्मों से भारतीय आपूर्तिकर्ताओं को डॉलर में भुगतान इस संदेह के बीच रोक दिया गया था कि आपूर्तिकर्ता रूसी मूल के हैं।

यह हालिया घटनाक्रम रूस और अमेरिका के बीच तनाव के वैश्विक प्रभावों को दिखाता है, जिसका असर भारत के व्यवसायों पर भी महसूस हो रहा है। जैसे-जैसे स्थिति सामने आ रही है, यह देखना बाकी है कि इन उपायों का लंबे समय में हीरा और आभूषण उद्योग पर क्या प्रभाव पड़ेगा। वैसे भी कोरोनावायरस के बाद भारत के ज्वेलरी इंडस्ट्री पर बड़ा प्रभाव पड़ा था लोगों के पास महामारी के दौरान और उसके बाद काफी लंबे समय तक पैसे नहीं थे लोग खरीदारी नहीं कर रहे थे। लेकिन अब धीरे-धीरे हालात सुधरने लगे हैं लोग एक बार फिर डायमंड और गोल्ड में इन्वेस्ट करने का मन बनाने लगे हैं ऐसे में भारतीय ज्वेलरी इंडस्ट्री में बड़ा बूम आने की संभावना है। भारत की ज्वैलरी इंडस्ट्री में रूस और यूएसए जैसे देश भी बड़ी भूमिका निभाते हैं। खासकर डायमंड इंडस्ट्री में, इसलिए इन दोनों देशों का भारत के साथ व्यापार बेहद महत्वपूर्ण है।