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What Is SOUL Conclave In Hindi? : क्या है SOUL कॉन्क्लेव, जिसका पीएम नरेंद्र मोदी ने किया उद्घाटन, क्या है इसका उद्देश्य?

What Is SOUL Conclave In Hindi? : प्रधानमंत्री ने कहा, आज जब SOUL पहला बड़ा कदम उठा रहा है, तब आपको यह याद रखना है कि आपकी दिशा क्या है, आपका लक्ष्य क्या है। कोई भी देश जब तरक्की करता है, तो नेचुरल रिसोर्सेज़ की अपनी भूमिका होती ही है, लेकिन उससे अधिक ह्यूमन रिसोर्स की बहुत बड़ी भूमिका होती है।

नई दिल्ली। दिल्ली के भारत मंडपम में स्कूल ऑफ अल्टीमेट लीडरशिप (SOUL) कॉन्क्लेव का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उद्घाटन किया। दो दिवसीय SOUL कॉन्क्लेव के आयोजन का मुख्य उद्देश्य देश की राजनीति में गैरराजनीतिक पृष्ठभूमि के लोगों को बढ़ावा देना है। SOUL गुजरात में स्थित एक प्राइवेट संस्था है जिसकी स्थापना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुसार की गई है। इसकी परिकल्पना ऐसे लीडर तैयार करने की है जो अपनी योग्यता, नेतृत्व क्षमता और समाज के प्रति उनके सेवा भाव के जरिए राजनीति में भागीदारी करके देशहित में कुछ नया करना चाहते हैं।

पीएम मोदी ने इस कार्यक्रम का उद्घाटन करते हुए कहा, आज जब SOUL पहला बड़ा कदम उठा रहा है, तब आपको यह याद रखना है कि आपकी दिशा क्या है, आपका लक्ष्य क्या है। स्वामी विवेदानंद को याद करते हुए पीएम बोले, स्वामी विवेकानन्द ने एक बार कहा था, मुझे सौ ऊर्जावान युवा पुरुष और महिलाएं दीजिए, और मैं भारत को बदल दूंगा। स्वामी विवेकानन्द भारत को गुलामी से बाहर निकाल कर देश को महान राष्ट्र में बदलना चाहते थे। उनका विश्वास था कि अगर उनके पास 100 लीडर्स होंगे तो वो भारत को आजाद ही नहीं बल्कि दुनिया का नंबर वन देश बना सकते हैं। इसी इच्छा शक्ति के साथ और इसी मंत्र को लेकर हम सबको और विशेषकर आपको आगे बढ़ना है।

पीएम बोले, आज हर भारतीय 21वीं सदी के विकसित भारत के लिए दिन-रात काम कर रहा है। एक सौ चालीस करोड़ के देश में, हमें हर क्षेत्र और जीवन के हर पहलू में उत्कृष्ट नेतृत्व की आवश्यकता है। यह सिर्फ राजनीतिक नेतृत्व के बारे में नहीं है। स्कूल ऑफ अल्टीमेट लीडरशिप में भी 21वीं सदी के लिए नेतृत्व विकसित करने की जबरदस्त गुंजाइश है।

मोदी ने कहा, कोई भी देश जब तरक्की करता है, तो नेचुरल रिसोर्सेज़ की अपनी भूमिका होती ही है, लेकिन उससे अधिक ह्यूमन रिसोर्स की बहुत बड़ी भूमिका होती है। इस दौरान पीएम गुजरात और महाराष्ट्र को अलग करने के लिए वर्षों पहले हुए आंदोलन का जिक्र करते हुए आज के गुजरात को सराहा।