
नई दिल्ली। एपिसोड की शुरुआत में रूही कहती हैं कि मैं इसे भी बनाना चाहती हूं। अभि उसे आने के लिए कहता है। उसे एक फोन आता है और वह कहता है कि अभीर के मामले के बारे में उसके डॉक्टर का फोन है। यह सुनते ही आरोही उदास हो जाती है। मुस्कान कहती है कि ताज कहां गया। कायरव उस ताज को देखता हैं और उठा कर वह मुस्कान को देता हैं। यह सब सुरेखा देख लेती है। इधर आरोही ताज को ठीक नहीं कर पाती हैं, अभीर कहता है वाह, आपकी मूर्ति सुंदर लग रही है। सुवर्णा अक्षु और अभिनव की जोड़ी को आशीर्वाद देती है और कहती है कि तुम्हारी मूर्ति सबसे सुंदर है। अभि आता है और आरोही की मदद करता है। ये सब देख कर मंजिरी खुश होती हैं। इधर सुवर्णा अपना फोन खोज रही होती हैं तभी सुरेखा आती हैं और मुस्कान के बारे में कहती हैं कि अपना कायरव हीरा हैं और वो पहाड़न उस पर डोरे डाल रही है। सुवर्णा ये सुनते ही सुरेखा को बोलती हैं कि यूएस में रह कर भी सोच नहीं बदली आपकी और ये अफवाहें फैलाना बंद करों और कृपया बच्चों को बख्श दें। मुस्कान ये सब सुन लेती हैं और रोने लगती हैं।
अभिनव ने अक्षरा की तारीफ की
अभीर और अभिनव एक दूसरे की तारीफ करते हैं। अभिनव पूछता है कि तुम्हारी मां कहां है। वह दरवाजा खटखटाता है। इधर अभीर मजाक करता है। अक्षु कहती है रुको, मैं आ रही हूँ, अभिनव कहता हैं आओ और हमें देखों। अभिनव अक्षु को आने के लिए कहता है। वो दरवाजा खोलती है। वह मुड़कर उसकी ओर देखता है। वह मुस्करा देता है। तभी अक्षु कहती है कि शीशे में साफ तो नहीं दिखा लेकिन तुम्हारे चेहरे की मुस्कान बता रही हैं कि मैं इतनी भी बुरा नहीं लग रही हूं, अभिनव। अभिनव कहता हैं कि आज आप अक्षरा नहीं अप्सरा लग रही हो। अक्षु मुस्कराती है। इधर आरोही की तारीफ मंजिरी कर रही होती है और कहती हैं कि आज तो तुम बहुत सुंदर लग रही हो, अभि देख के दीवाना हो जाएगा। तभी अभि आता हैं और कहता हैं कि मां आपकी बेटी अच्छी लग रही लेकिन मेरी बेटी रूही बहुत ज्यादा अच्छी लग रही है। तब रूही बोलती हैं नहीं पॉपी माता श्री ज्यादा अच्छी लग रही हैं।
अक्षु और अभिनव तैयार होकर नीचे आते हैं। उधर अभि और आरोही सबके पास आते हैं।
महिमा शेफाली से पार्थ को माफ करने को कहती हैं
इधर शेफाली तैयार हो जाती है। वह कहती है कि मैंने अकेले ही मूर्ति बनाई है, जब सभी पार्थ के बारे में पूछेंगे तो मैं कैसे जवाब दूंगी, मुझे विसर्जन के लिए नहीं जाना चाहिए। पार्थ आता है। महिमा कहती हैं मैंने इसे फोन किया था। शेफाली कहती हैं कि अब हमारा कोई संबंध नहीं है। महिमा उसे समझाती है और कहती है कि उसे माफ कर दो। पार्थ कहता हैं कि हमें अलग नहीं रहना चाहिए, तुम मुझे सजा दे सकती हो, तुम जो कहोगी मैं वही करूंगा। शेफाली कहती है बस छोड़ो। वह कहता है कि अगर अभि, अक्षु और आरोही को दूसरा मौका मिल सकता है, तो मुझे क्यों नहीं मिल सकता। वहीं इधर अभिनव कहता है मुस्कान, तैयार हो जाओ। वह पूछती है कि मैं वहां क्या करूंगी। वह पूछता है कि क्या हुआ, क्या तुम मुझसे कुछ छिपा रही जिस पर मुस्कान कहती हैं कि नहीं ऐसा कुछ नहीं हैं।
इधर कायरव अभिनव के पास आता हैं और मुस्कान को रूमाल देता हैं और दोनों मुस्कान का मजाक बनाते हैं जिस पर मुस्कान दोनों पर गुस्सा करके चली जाती हैं। इधर कायरव मुस्कान के पास आता हैं तब मुस्कान कहती है कि आप मुझसे दूर रहिएगा मैं रोऊं या कुछ भी करूं आप मेरे पास मत आना, तब कायरव बोलता हैं कि मैं नहीं तुम आती हो तो मुस्कान कहती हैं कि अब नहीं आऊंगी और ना आप आना क्योंकि सबको लगेगा कि मैं आप पर डोरे डाल रही हूं।