
नई दिल्ली। पठान में दीपिका पादुकोण द्वारा भगवा बिकिनी पहनकर बेशर्म गाने की शूटिंग किए जाने के बाद पूरे देश में बवाल मचा हुआ है। साधु-संतों का पारा हाई पर है। मध्य प्रदेश के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा यहां तक कह गए हैं कि फिल्म को हम अपने प्रदेश में रिलीज नहीं होने देंगे। विरोध में शाहरुख के पोस्टर तक जलाए जा रहे हैं। फिल्म के बॉयकॉट की मांग चरम पर है। उधर इन सब विरोध के बीच कोलकाता फिल्म फेस्टिवल में शाहरुख अपने फिल्म को लेकर उत्साहित नजर आए। उनके चेहरे पर विरोध की तासीर देखने को नहीं मिली। वहीं, जलसे में शिरकत हुए अभिनेता के अजीज भी उनका साथ देते नजर आएं।। चलिए, अब विषयवस्तु की पूरी पृष्ठभूमि से अवगत होने के उपरांत अब अब आपको मुद्दे पर लाते हैं और मुद्दा यह है कि जहां कुछ लोग इस फिल्म में दीपिका पादुकोण द्वारा भगवा बिकिनी पहनने पर आपत्ति जता रहे हैं, तो वहीं कुछ लोगों को आपत्ति भी नहीं हैं।
उनका तर्क है कि आखिर भारतीय सिनेमा की यह कोई पहली फिल्म तो नहीं है, जिसमें किसी अभिनेत्री ने भगवा बिकिनी पहनी है। इससे पहले भी कई फिल्मों में अभिनेत्रियां भगवा बिकिनी पहनी हुई देखी जा चुकी हैं, तो ऐसे में महज विरोध पठान का ही क्यों? क्योंकि शाहरुख खान सिर्फ मुस्लिम हैं, इसलिए उनका विरोध हो रहा है? या पिछले कुछ दिनों से ये बॉलीवुड में फिल्मों के बॉयकॉट किए जाने का ट्रेंड चला रहा है, इसलिए इसका विरोध किया जा रहा है। विरोध आखिर पठान का भगवा बिकिनी की वजह से? ये सवाल अभी एकाएक सुर्खियों के सैलाब में सराबोर हो चुके हैं और आपको बता दें कि इन सब सवालों के जवाब अभिनेत्रा मुकेश खन्ना ने बेबाकी से मीडिया से मुखातिब होने के क्रम में दिए हैं।
उन्होंने इन सभी मुद्दों पर क्या कुछ कहा है। हम आपको आगे सब कुछ विस्तार से बताएंगे, लेकिन उससे पहले आप यह जान लीजिए कि मुकेश खन्ना ने पहले तो दीपिका पादुकोण द्वारा भगवा बिकिनी पहने जाने पर आपत्ति जताई और फिल्म सेंसर बोर्ड पर सवाल उठाए कि आखिर ऐसे गानों को मंजूरी कैसे दे दी जाती है। उन्होंने कहा कि हमारे बच्चे टीवी देखकर बड़े हो रहे हैं। अगर हम ऐसे गानों को बढ़ावा देंगे तो उनकी मनोदशा पर क्या प्रभाव पड़ेगा, इसका आकलन किया जा सकता है। उन्होंने कहा अभी तो चलिए कपड़े पहनकर गाने शूट किए जा रहे हैं। अगर यह सिलसिला बदस्तूर जारी रहा तो आगामी दिनों में बिना कपड़ों के भी गाने शूट किए जाने लगेंगे। लिहाजा हमारे लिए यह जरूरी हो जाता है कि इस पर विराम लगाने की दिशा में ठोस कदम उठाए जाए।
ये रंग हमारे धर्म का प्रतीक है
अभिनेता ने आगे कहा कि क्या फिल्म बनाने वाले लोगों को नहीं पता कि यह रंग हमारे धर्म का प्रतीक है। यह हमारे लिए बहुत संवेदनशील है। यह शिवसेना के झंडे में भी आता है। यह आरएसएस भी में आता है। कुल मिलाकर यह कहना उचित रहेगा कि यह रंग हमारी आस्था का प्रतीक है। अगर ऐसा नहीं किया गया तो हमारी आगामी नस्लों पर बुरा असर पड़ेगा। बता दें, बॉलीवुड से भी कुछ लोग फिल्म में दर्शाए गए इस दृश्य का विरोध कर रहे हैं। ऐसी स्थिति में आगामी दिनों में यह देखना आतुरतापूर्ण स्थिति रहेगी कि यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर कैसा कमाल दिखा पाती है।
पहले भी तो कई फिल्मों में अभिनेत्रियों ने पहनीं भगवा बिकिनी
इसके साथ ही अभिनेता से जब पूछा गया कि पहले भी तो अभिनेत्रियों ने भगवा बिकिनी पहनकर गाने शूट किए हैं, तब तो विरोध नहीं किया गया, तो विरोध सिर्फ पठान का ही क्यों? इस पर एक्टर ने कहा कि, ‘पहले इस तरह से बिकिनी बना कर नहीं पहना गया है। अब सोशल मीडिया है, लोग अपनी आवाज उठा सकते हैं।’ खैर, सोशल मीडिया पर भी फिल्म का विरोध जारी है। ऐसी स्थिति में बॉक्सऑफिस में यह फिल्म कैसा कमाल दिखा पाती है। इस पर सभी की निगाहें टिकी रहेंगी।