
नई दिल्ली। नई दिल्ली। बॉलीवुड एक्ट्रेस दिव्या भारती (Divya Bharti) इंडस्ट्री की खूबसूरत अदाकारों में से एक थी। आज भी उनको कोई टक्कर नहीं दे सकता। अगर वो आज जिन्दा होती तो वो 48 साल की होतीं। दिव्या ‘विश्वात्मा’, ‘डर’, ‘दीवाना’, ‘शोला और शबनम’ जैसी कई हिट फिल्मों में अभिनय कर चुकीं दिव्या भारती की आज 29वीं डेथ एनिवर्सरी है। महज 16 साल की उम्र में एक्टिंग करियर शुरूआत करने वाली दिव्या ने 1990 में तेलुगु फिल्म ‘बोबली राजा’ से मनोरंजन की दुनिया में कदम रखा था। इसके बाद उन्होंने फिल्म ‘विश्वात्मा’ से बॉलीवुड में एंट्री की। पहली ही फिल्म से दिव्या काफी फेमस हो गईं। इस फिल्म का गाना ‘सात समुंदर पार’ लोगों की जुबान पर आज भी चढ़ा है। लेकिन बहुत ही कम उम्र में उनकी मौत हो गई। उनकी डेथ एनिवर्सरी पर आइये जानते हैं उनका फिल्मी सफर और उनके दर्दनाक अंत का किस्सा… 25 फरवरी 1974 में जन्मीं दिव्या भारती बचपन से ही काफी चुलबुली थीं। उनका मन पढ़ाई में बिल्कुल भी नहीं लगता था। उन्होंने 9वीं क्लास में ने पढ़ाई छोड़ दी थी। फिल्ममेकर नंदू तोलानी ने साल 1988 में दिव्या को अपनी फिल्म ‘गुनाहों के देवता’ ऑफर की थी तब वो केवल 14 साल की थीं। लेकिन बाद में ये रोल संगीता बिजलानी को मिल गया। तेलुगु फिल्म ‘बोबली राजा’ में एक्टिंग करने के बाद दिव्या ‘नीला पन्ने’ में नजर आईं। महज दो फिल्में करने के बाद ही दिव्या की बराबरी ‘द लेडी ऑफ सुपरस्टार’ विजयशांति से होने लगी थी। विजयशांति को लेडी अमिताभ भी कहा जाता था। इसके बाद वो ‘राउडी अल्लुडु’, ‘धर्म क्षेत्र’ में नजर आईं।
उनकी डेब्यू फिल्म ‘विश्वात्मा’ के सुपरहिट होने के बाद उनकी की दूसरी फिल्म ‘दिल का क्या कसूर’ रिलीज हुई। हालांकि, बॉक्स ऑफिस पर ये फ्लॉप साबित हुई। इसी साल दिव्या डेविड धवन की फिल्म ‘शोला और शबनम’ में अभिनेता गोविंदा के साथ नजर आईं, जो एक बड़ी हिट फिल्म साबित हुई। इसके बाद दिव्या ‘दीवाना’, ‘जान से प्यारा’, ‘दिल आशना है’, ‘बलवान’, ‘दिल ही तो है’, ‘दुश्मन जमाना’, ‘गीत’ में नजर आईं। ‘शोला और शबनम’ फिल्म की शूटिंग के दौरान उनकी मुलाकात साजिद नाडियाडवाला से हुई। दोनों में दोस्ती हुई और फिर एक दूसरे को दिल दे बैठे और मई 1992 में दोनों ने गुपचुप तरीके से शादी कर ली। शादी से पहले उन्होंने इस्लाम कुबूल कर अपना नाम ‘सना’ रख लिया था। अपने पति साजिद द्वारा निर्मित फिल्म ‘आंदोलन’ की शूटिंग के दौरान दिव्या चेन्नई से शूटिंग खत्म करके 5 अप्रैल 1992 में घर वापस पहुंची थीं। अगली सुबह उन्हें फिर से शूटिंग के लिए निकलना था। इसी बीच उनके पास डिजाइनर नीता लुल्ला का फोन आया कि उन्हें फिल्म के लिए ड्रेस फाइनल करना है। इसके बाद नीता अपने पति श्याम लुल्ला के साथ दिव्या भारती के घर पहुंच गईं जहां तीनों ने मिलकर खूब शराब पी। घर में बचपन से ही दिव्या के साथ रहने वाली उनकी नौकरानी अमृता भी मौजूद थीं। नशे में धुत दिव्या ड्रॉइंग रूम में बैठे मेहमानों से बात करते हुए अपार्टमेंट की विंडों की रेलिंग पर बैठ गईं, जिसकी चौड़ाई 12 इंच थी। इसी बीच दिव्या ने अपना संतुलन खो दिया और वो 5वीं मंजिल से नीचे गिर गईं।
पड़ोसी की सहायता से दिव्या को कूपर अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया गया था। उनकी इस तरह से हुई मौत की वजह से कई नामी हस्तियां शक के दायरे में आ गए। कई लोगों ने कहा कि उनका मर्डर हुआ है। हालांकि, पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ये साबित हो गया कि दिव्या की मौत बालकनी से गिरने से ही हुई है। एक इंटरव्यू के दौरान दिव्या की मां मीता ने बताया, कि ”दिव्या गुस्से में खुद को चोट पहुंचाना शुरू कर देती थीं। मौत से पहले भी दिव्या ने खुद को सिगरेट से जलाया था।” उन्होंने ये भी कहा कि ”दिव्या रोज उनके सपनों में आकर उन्हें जगाती थीं।” इसके अलावा दिव्या की डेथ स्टोरी कवर कर रहीं पत्रकार वर्धा खान को भी कई महीनों तक दिव्या के सपने आते रहे। इसी स्टोरी के चलते वर्धा की मुलाकात साजिद से हुई और साल 2000 में दोनों ने आपस में शादी भी कर ली। दिव्या के पास उनकी मौत से पहले करीब 10 फिल्में थीं, जिसके लिए बाद में दूसरी अभिनेत्रियों को कास्ट किया गया। इन फिल्मों में ‘लाडला’, ‘मोहरा’, ‘दिलवाले’, ‘विजयपथ’, ‘आंदोलन’, ‘चिंतामणि’ (तेलुगु), ‘कर्तव्य’, ‘दो कदम’, ‘हलचल’, ‘अंगरक्षक’ शामिल हैं।