नई दिल्ली। पंजाब के मशहूर सिंगर सिद्धू मूसेवाला की बीते 29 मई को गोली मारकर हत्या कर दी गई। हत्या के लगभग एक महीने बाद अब मूसेवाला का गाना SYL रिलीज किया गया है। मूसेवाला का ये गाना यूट्यूब पर ट्रेंड तो कर रहा है लेकिन इसके साथ ही ये गाना अब विवादों में भी फंसता जा रहा है। मूसेवाला के इस गाने के लिरिक्स को भरकाऊ बताया जा रहा है और ऐसा कहा जा रहा है कि इस गाने के लिरिक्स सिखों को उकसाने वाले हैं। आपको बता दें कि मूसेवाला के इस नए गाने की लिरिक्स में पंजाब और हरियाणा के बीच विवादित SYL मुद्दे को छेड़ा गया है। गाने में कृषि कानूनों से लेकर किसान आंदोलन और फिर लाल किला हिंसा तक का जिक्र किया गया है। जिस वजह से सिद्धू का ये गाना अब विवादों में फंसता दिखाई दे रहा है।
आइए जानते हैं ऐसा क्या है इस गाने के लिरिक्स में
सिद्धू मूसेवाला का ये गाना ‘SYL’ रिलीज़ कर दिया गया है और गाने के रिलीज होते ही इस गाने के लिरिक्स पर विवाद भी जारी हो गया है। इस गाने के लिरिक्स में कहा गया है कि-
वाला सानू साडा पीछो करदे, सदा लाना दे देयो
हमें हमारा पुराना इतिहास, हमारा परिवार वापस दे दो।
ओह चंडीगढ़ हिमाचल ते हरियाणा दे देयो
हमें चंडीगढ़, हिमाचल प्रदेश और हरियाणा भी लौटा दो।
ओह जिन्ना चिर सानु साबर तींदा राह नी दिंदे, ओहना चीर पानी छड़ो तुपका नी दिंदे
जब तक आप हमें अपनी खुद की सरकार चलाने का हक नहीं देंगे, हम अपनी नदियों का एक बूंद पानी नहीं देंगे।
ओह कौन सी अत ते अटवाद गवाही देदेयो
सामने आओ और हमारी जांच करो, कौन एक्सट्रीमिस्ट है और कौन यहां आतंकवादी है?
हुन तान बंदी सिंह नु रेहाई दे देयो
जितने भी मासूम सिखों को आपने पकड़ रखा है उन्हें छोड़ा जाए,
ओह जीना चिर साड्डे हाथो हथकड़िया लाह नी दिंदे ओहना चीर पानी छड़ो तुपका नी दिंदे
जब तक हमारे हाथों से हथकडियां नहीं उतारी जाती तब तक हमारी नदियों का एक बूंद भी पानी हम नहीं देंगे।
ओह वड्डा सोच तू वडा नियत छोटी वालेया क्यो पैग एक नल खैंदा फिरदा टोपी आलेया
बड़ा सोचो, छोटी सोच वालों, अरे टोपी वालों तुम हम सिखों से क्यों उलझ रहे हो?
ओहना चीर पानी छड़ो तुपका नी दिंदे
पानी को भूल जाओ, हम एक बूंद पानी नहीं देंगे।
इस गाने की आगे की लाइनों में सिद्धू ने कहा है-
नाले एधार नले ओधार दुनिया बड़ी हिसाबी
ये दुनिया बहुत ही हिसाब-किताब वाली है। कभी एक को सपोर्ट कर देती है तो कभी दूसरे को।
निशान झूले ते फेर रोंडा क्यो सी फेर अदब पंजाबी
क्यों एक प्राउड पंजाबी रोता है? जब उसका झंडा लहराया जाता है।
ओह जिन्ना चिर अस्सी डोग्लेया दे बाह नी डिंडे ओहना चीर पानी छड़ो तुपका नी दिंदे
जब तक हम इन दोमुंहे लोगों की जिंदगी को मुश्किल न बना दें तब तक हम अपनी नदियों का एक बूंद भी पानी नहीं देंगे।
पानी तन पुल आन थालो वगरा सानू नल रा लो लाख भावें थल्ले नी लगना
पानी का क्या है ये तो कहीं से भी बह जाएगी। तुम हमारे साथ आओ लेकिन हमें कंट्रोल करने की कोशिश मत करो।
ओह डबके दे नाल मंगदे ओह अस्सी तान नी दिंदे ओहना चीर पानी छड़ो तुपका नी दिंदे
तुम हमें धमका रहे हो जिस कारण हम अपनी नदियों का पानी तुम्हें नहीं देंगे।’
आगे सिद्धू ने कहा है-
ओ कलम नि रुकनी नित्त नवा हुं गाना आउ
मेरी कलम नहीं रुकेगी। ऐसे और भी गाने आते रहेंगे। मैं हर रोज लिखूंगा, हर दिन रिलीज करुंगा।
जे ना तले फिर मुद बलविंदर जट्टाना औ फेर पुट बेगाने नेहर आन च देखा ला ही दिंदे
अगर तुम पीछे नहीं हटोगे तो ‘भाई बलविंदर सिंह जटाना’ जैसे और भी आगे आएंगे और नदियों का पानी ऐसे ही वीर सपूतों के द्वारा बंद किया जाएगा।
सिद्धू के इस गाने को लेकर विवाद तब जारी हो गया जब इस गाने में उन्होंने ‘बलविंदर सिंह जटाना’ को शहीद का दर्जा दे दिया।
क्या है SYL विवाद
214 किलोमीटर लंबी सतलुज-यमुना लिंक नहर बनाने को लेकर भारत सरकार के द्वारा चलाई गई ये एक परियोजना थी। जिसके जरिए पंजाब का पानी हरियाणा और दिल्ली तक जाना था।