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Kantara Hindi Movie Review: आखिर क्यों Kantara फिल्म आपको भी देखनी चाहिए, हिन्दू संस्कृति पर बनी एक और जबरदस्त एक्शन फिल्म दर्शकों को आई पसंद

Kantara Hindi Movie Review: आखिर क्यों Kantara फिल्म आपको भी देखनी चाहिए, हिन्दू संस्कृति पर बनी एक और जबरदस्त एक्शन फिल्म दर्शकों को आई पसंद इस फिल्म की जिस स्तर पर तारीफ हो रही थी उस हिसाब से ये फिल्म खरी उतरती है या नहीं यहां हम इसी बारे में बात करेंगे। यहां हम आपको बताएंगे कि आखिर इस कहानी में क्या कुछ खास है और क्या ये कहानी आपके देखने लायक है या नहीं ?

नई दिल्ली। काफी समय से एक फिल्म की चर्चा चल रही थी जिसका नाम है कांतारा (Kantara)। दक्षिण भाषा सिनेमा में एक बड़ी हिट देने के बाद अब इस फिल्म को हिंदी भाषा में सिनेमाघर में रिलीज़ किया गया है। इस फिल्म में मुख्य किरदार के रूप में ऋषभ शेट्टी हैं। ऋषभ शेट्टी (Rishab Shetty) ने ही इस फिल्म को लिखा भी है और डायरेक्ट भी किया है। इस फिल्म को कन्नड़ा भाषा में बनाया गया है और कन्नड़ा भाषा में फिल्म की काफी तारीफ होने के बाद इस फिल्म को हिंदी (Kantara Review Hindi)  में रिलीज़ किया गया है। इस फिल्म की जिस स्तर पर तारीफ हो रही थी उस हिसाब से ये फिल्म खरी उतरती है या नहीं यहां हम इसी बारे में बात करेंगे। यहां हम आपको बताएंगे कि आखिर इस कहानी में क्या कुछ खास है और क्या ये कहानी आपके देखने लायक है या नहीं ?

कहानी क्या है

पहले फिल्म की संक्षेप में कहानी बता देते हैं। कहानी कर्नाटक के एक छोटे से गाँव पर आधारित है। जो कभी 1800 के समय के बारे में बात करती है फिर कभी 1900 के समय के बारे में बात करती है। 1800 के बारे में बात करती हुई कहानी बताती है कि उस दौर में एक राजा थे जिनके पास सबकुछ था प्रजा भी उनसे संतुष्ट थी लेकिन उनकी खुद की सुख शान्ति गायब थी। उन्होंने बहुत खोजा लेकिन उन्हें वो सुख और शांति नहीं मिली। राजा ने थक-हारकर जंगल में शरण ली जहां पर एक पत्थर के सामने उन्हें सुख और शांति मिली। उसके बाद राजा ने अपनी सारी सम्पत्ति मंदिर और गांव वालों को दान में दे दी।


अब इन गांव वालों की रक्षा उस गांव के देवता करते हैं। लेकिन राजा की वर्तमान पीढ़ी अब उन जमीन को, गांववालों से छीनना चाहती है। गांववाले अपनी जिंदगी सरल तरीके से जंगल से गुजर-बसर करके जी रहे होते हैं लेकिन तब तक फारेस्ट डिपार्टमेंट आ जाता है और वो जंगल को संजोने की बात करता है। इसके अलावा फारेस्ट डिपार्टमेंट का कहना है कि जो गांववालों की जमीन है वो सरकारी सम्पत्ति है जिसे लेकर गांववाले और पुलिसवालों में लड़ाइयां भी होती हैं। मारने मरने की बात भी होती है। लोगों को जेल तक जाना पड़ता है।

उस गांव में भूतकाला नाम के एक नृत्य की प्रस्तुति भी होती है। भूतकाला दक्षिण भाषा में निभाई जाने वाली प्रथा है जिसे कोई भी सामान्य व्यक्ति नहीं कर सकता है। ये एक दैवीय नृत्य होता है जो एक प्रथा के अंतर्गत होता है और इसे कोई विशेष व्यक्ति ही अंजाम देता है। फिल्म के मुख्य किरदार हैं शिवा। जिसे ऋषभ शेट्टी ने निभाया है। इनके पूर्वज इस प्रथा को अंजाम देते थे। जो भी व्यक्ति नृत्य करते थे ये अपनी भाषा में कुछ कहते थे जिसे गांववाले समझते भी थे और अपने देवता के सम्मान में उन्हें प्रणाम भी करते थे। शिवा हर समस्या से गांववालों को हल निकाल कर देता है। गांववालों के सामने अब एक फारेस्ट डिपार्टमेंट की समस्या है और एक उस मुखिया की जो राजा की पीढ़ी के हैं। दोनों से गांववालों की जमीन को खतरा है। अब क्या इन गांव वालों की जमीन बच पाएगी ? क्या शिवा इनकी मदद कर पाएगा ? इन सवालों के जवाब के लिए आपको पूरी कहानी को देखना होगा।

कैसी है फिल्म

फिल्म अच्छी है। मुख्य आकर्षण है फिल्म का क्लाइमैक्स। जिसके कारण ही पूरी फिल्म चर्चा में बनी थी। इस फिल्म में ऋषभ शेट्टी की भी खूब तारीफ हो रही थी। कुछ लोग इस फिल्म को केजीएफ (KGF) और पुष्पा (Pushpa) से तुलना कर रहे थे। यहां हम आपको बिंदुओं में फिल्म के बारे में बताएंगे।

  • इस फिल्म की सबसे बड़ी बात है कि फिल्म की कहानी नई है। ऐसी कहानी है जो लोगों ने ज्यादा सुनी नहीं है। लोगों को कुछ नया देखने को मिलता है।
  • फिल्म को संस्कृति और धर्म से जोड़ा गया है जिसमें ऐसा नहीं है कि मुख्य केंद्र भक्ति रहा हो। बल्कि मुख्य केंद्र सम्पर्ण है। उस देव के प्रति सम्पर्ण जिसके लिए गांववाले कुछ भी सुनना पसंद नहीं करते हैं।
  • फिल्म में देवता को दैव कहा गया है। जिनकी शक्तियों का महिमामंडन है। एक हिसाब से फिल्म को जड़ों से जोड़ते हुए उसे आस्था और विश्वाश पर केंद्रित किया गया है।
  • फिल्म यथार्थ से होकर गुजरती है। जमीनी स्तर की कहानी लगती है, जिससे दर्शक जुड़ जाते हैं। शहरी दर्शक फिल्म के एक्शन से जुड़ जाते हैं और वहीं जो अन्य दर्शक हैं वो इस फिल्म की कहानी गांव के कल्चर से जुड़ जाते हैं।
  • फिल्म में एक सुन्दर सा संगीत है जिसमें भगवान विष्णु और उनके वराह अवतार का भी गुणगान है।
  • फिल्म में दिखाया है देव की कितनी शक्ति है। जिनका अपमान करने पर एक आदमी की मौत हो जाती है। उसके यहां जो अगली पीढ़ी जन्म लेती है उसका ग्रैंड चिल्ड्रेन  भी विकलांग होता है।
  • फिल्म में कई जगह पर हंसने वाले संवाद डाले गए हैं। जैसे अक्सर दक्षिण भाषा फिल्मों में आप देखते हैं। संवाद बनाए नहीं जाते हैं। बेहद निम्न स्तर के संवाद हैं लेकिन उन पर दर्शकों को हंसी आती है।
  • फिल्म में रोमांस और प्यार को भी काफी देशी अंदाज़ में दिखाया है। जैसे पुष्पा फिल्म में लोगों को देशी, जमीन से जुड़ा हुआ अंदाज़ पसंद आया था ऐसा ही अंदाज़ कुछ इसमें भी शिवा का है। जमीनी स्तर का रोमांस है और अंदाज़ है। फिल्म में रोमांस इसलिए भी अच्छा है क्योंकि उस रोमांस में सच्चाई होती है।
  • पुलिस वाले के रूप में मुरली का किरदार बेहतरीन एक्टिंग और एक्प्रेशन से दिल जीत लेता है।
  • अगर फिल्म में डबल मीनिंग बाते भी हैं तो वो ओछी नहीं लगती हैं। लोग उन्हें पसंद करते हैं।
  • फिल्म इसलिए दर्शकों को जोड़ती है क्योंकि कहानी जमीनी स्तर की है लेकिन एक्शन आसमान के बराबर हैं। अम्परम्पार एक्शन हैं। कैसे एक छोटे से गांव पर समस्या आती है और उस गांव और संस्कृति को बचाने के लिए पूरा गांव अपना खून बहाने को तैयार हो जाता है।
  • अगर ऋषभ की एक्टिंग की बात करें तो फिल्म के क्लाइमैक्स में अंत में गांव के लोग ऋषभ के दैवीय किरदार को प्रणाम करते हैं। यहां पर आप ऋषभ की एक्टिंग को प्रणाम कर सकते हैं क्योंकि अंत में उन्होंने जलवा बिखेर दिया है।
  • हालांकि फिल्म लम्बी है जो छोटी हो सकती थी। एक्शन सीन और होने चाहिए था। जो अंत में देखने को मिला अगर वो शुरुआत और कहानी के मध्य में भी देखने को मिलता तो जनता का उत्साह बना रहता। कहानी खराब नहीं है। लेकिन शुरुआत और मध्य का पार्ट थोड़ा धीमा है जो उतना ज्यादा बाँध नहीं पाता है। एक्शन सीन और कॉमेडी सीन ही कहानी के शुरुआत और मध्य में बांधते हैं।
  • हां जैसा हॉलीवुड में फिल्में बनती हैं शुरुआत में चलती हैं और अंत में जाकर आपको संतुष्टि भरा अनुभव देकर जाती हैं इस फिल्म की कहानी भी कुछ वैसी ही है। जो धीरे धीरे चलती है कहानी का प्लॉट बताती है। आपको कहानी से जोड़ती है और कहानी के अंदर ले जाती है और फिर अंत में आपकी आंख खुली रह जाती है।

तो अगर आप टुम्बाड जैसी फिल्म के शौकीन हैं तो आप इस एक्शन थ्रिलर को देख सकते हैं। आपको ये फिल्म इसके एक्शन, संगीत, एक्टिंग से आकर्षित कर सकती है। मेरी तरफ से इस फिल्म को मिलते हैं मात्र 3 सितारा।