नई दिल्ली। बीजेपी सांसद और एक्टर कंगना रानौत की फिल्म ‘इमरजेंसी’ के रिलीज होने की राह खुल गई है। सेंसर बोर्ड यानी सीबीएफसी ने कंगना रानौत की फिल्म इमरजेंसी को यूए सर्टिफिकेट दे दिया है। द संडे एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक कंगना रानौत की फिल्म में सेंसर बोर्ड ने कई कट यानी दृश्य हटाने को कहा था। इन कट्स के बाद इमरजेंसी को सर्टिफिकेट दिया गया। यूए सर्टिफिकेट का अर्थ है कि इसे नाबालिक अपने पैरेंट्स के साथ ही देख सकते हैं।
खबर के मुताबिक कंगना रानौत की फिल्म इमरजेंसी में 10 कट के सुझाव सेंसर बोर्ड ने दिए थे। इनमें से 9 कट लगाने पर सहमति बनी। फिल्म में अब पाकिस्तानी सैनिकों को बांग्लादेशी लोगों पर हमला करते और बच्चे और महिलाओं का सिर काटते नहीं दिखाया जाएगा। इसके अलावा एक नेता की मौत के बाद भीड़ से अपशब्द बोलने वाला सीन भी काटा गया है। सेंसर बोर्ड ने कंगना रानौत की मणिकर्णिका प्रोडक्शन से ये भी कहा है कि वो फिल्म के लिए किए गए रिसर्च, जानकारी के रेफरेंस और डेटा का सोर्स बताए। साथ ही फिल्म इमरजेंसी में बांग्लादेश के शरणार्थियों, ऑपरेशन ब्लूस्टार के फुटेज और अदालती फैसलों को विस्तार से बताए जाने की मंजूरी सेंसर बोर्ड ने दी है।
कंगना की फिल्म इमरजेंसी पहले 6 सितंबर को रिलीज होने वाली थी। इससे पहले ही सिख संगठन और समुदाय के नेता फिल्म पर बैन लगाने की मांग कर रहे थे। कांग्रेस के सांसद और पंजाब के पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने तो ये तक कह दिया था कि कंगना रानौत को अपनी फिल्म पहले एसजीपीसी को दिखानी होगी। वहां से मंजूरी न मिली, तो इमरजेंसी का प्रदर्शन नहीं होने दिया जाएगा। इस बयान के बाद कंगना रानौत ने एक चैनल से बातचीत में राहुल गांधी तक से अपील कर दी थी कि वो इमरजेंसी को रिलीज होने दें। वहीं, सोशल मीडिया पर तमाम यूजर्स ये सवाल उठा रहे थे कि केंद्र में बीजेपी की सरकार होने के बाद भी उसी की सांसद कंगना रानौत की इमरजेंसी को सेंसर बोर्ड से सर्टिफिकेट क्यों नहीं मिल रहा है। अब सर्टिफिकेट जारी होने के बाद जल्दी ही इमरजेंसी को कंगना रानौत रिलीज कर सकती हैं।