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Raksha Bandhan Film Review: रिलीज हुई अक्षय कुमार की ‘रक्षाबंधन’, मेलोड्रामा और सोशल कमेंट्री से लबरेज इस फिल्म में जानिए क्या है खास

Raksha Bandhan Film Review: फिल्म भाई-बहन के खूबसूरत रिश्ते पर आधारित है। एक लंबे अरसे के बाद बॉलीवुड में ऐसी कहानी देखने को मिली है जिसमे भाई और बहन के बीच के अटूट प्रेम को फिल्माया गया है। एक मिडिल क्लास परिवार में किस तरह भाई-बहन एक-दूसरे के लिए अपने सपनों की कुर्बानी देकर एक-दूसरे का सहारा बनते हैं, इसे सिखाने के लिए इस फिल्म से बेहतर और कोइ उदाहरण नहीं हो सकता है।

नई दिल्ली। बॉलीवुड सुपरस्टार अक्षय कुमार की फिल्म ‘रक्षा बंधन’ आज बड़े पर्दे पर रिलीज की जा चुकी है। जैसा कि फिल्म के नाम से साफ जाहिर होता है कि फिल्म भाई-बहन के खूबसूरत रिश्ते पर आधारित है। एक लंबे अरसे के बाद बॉलीवुड में ऐसी कहानी देखने को मिली है जिसमे भाई और बहन के बीच के अटूट प्रेम को फिल्माया गया है। एक मिडिल क्लास परिवार में किस तरह भाई-बहन एक-दूसरे के लिए अपने सपनों की कुर्बानी देकर एक-दूसरे का सहारा बनते हैं, इसे सिखाने के लिए इस फिल्म से बेहतर और कोइ उदाहरण नहीं हो सकता है। फिल्म के डायरेक्टर आनदं एल. राय ने इस फिल्म के जरिए समाज में फैली कुप्रथाओं को उजागर करने की कोशिश की है। तो चलिए आपको बताते हैं कि ये फिल्म देखना क्यों जरुरी है?

कहानी

दिल्ली के चांदनी चौक में लाला केदारनाथ चाट और गोलगप्पे की दुकान चलाता है। पूरे शहर में लाला के दूकान की चर्चा है कि प्रेग्नेंट औरतें यहां के गोलगप्पे खाने के बाद लड़के को जन्म देती हैं। वहीं लाला केदारनाथ की खुद चार बहने हैं जिनकी शादी की जिम्मेदारी लाला के कन्धों पर है। लाला ने अपनी मरती हुई मां को वचन दिया था कि अपनी चारों बहनों की शादी के बाद ही वो अपना घर बसाएगा। मिडिल क्लास फैमिली में चार बहनों की शादी उनके दहेज़ की टेंशन लाला और उसकी गर्लफ्रेंड सपना के रिश्तों में दरार ला देती है। इस बीच लाला की बड़ी बहन गायत्री की शादी तय हो जाती है और लाला अपनी बहन को खूब सारा दहेज़ देकर बड़े शान से विदा करता है। इसके बाद लाला को बाकी तीन बहनों के शादी की चिंता सताने लगती है। क्या लाला अपनी बाकी बहनों की शादी करा पाता है? क्या लाला और सपना के रिश्ते सुधरते हैं? ये सब जानने के लिए आपको ये मूवी देखनी पड़ेगी।

दहेज़ प्रथा को चुनौती देती फिल्म

फिल्म रक्षाबंधन में समाज की जिस कुप्रथा को प्रमुखता से दिखाया गया है वो है ‘दहेज़ प्रथा’, ये फिल्म दहेज़ प्रथा के खिलाफ एक चुनौती के तौर पर सामने आई है। जिस तरह से इस फिल्म में दहेज़ प्रथा को दिखाया गया है इसे देखने के बाद शायद लोग समझें की समाज में आज भी इस तरह की कुरीतियां मौजूद हैं जिन्हें हटाने की जरुरत है।

कैसी है एक्टिंग ?

एक्टिंग की बात की जाए तो, अक्षय की चारों बहनों में खासकर उनकी बड़ी बहन गायत्री की एक्टिंग दमदार है। भूमि पेडनेकर और अक्षय की बाकी बहनों की एक्टिंग भी कमाल है। अक्षय कुमार ने लाला के किरदार के साथ पूरा न्याय किया है।

बेहतरीन निर्देशन और सिनेमैटोग्राफी

इस फिल्म का निर्देशन आनंद एल. राय ने किया है। फिल्म की कहानी को आनंद एल. राय ने बेहतरीन तरीके से पर्दे पर उतारा है। इस फिल्म के सिनेमैटोग्राफर के.यू. मेनन हैं जिनका काम शानदार तरीके से पर्दे पर झलकता है। वहीं बात अगर फिल्म के गानों की करें तो फिल्म के गाने इरशाद कामिल ने लिखे हैं। जिसे हिमेश रेशमियां ने अपने संगीत से सजाया है।

फिल्म देखें या न देखें

फिल्म रक्षाबंधन में एक बेहतरीन कहानी को दर्शाया गया है। ऐसी कहानी काफी अरसे बाद बॉलीवुड में देखने को मिली है। इसलिए इस फिल्म को हर किसी को कम से कम एक बार तो जरुर देखनी चाहिए।