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Animal Review: ‘एनिमल’ से छाए रणबीर कपूर, अकेले लूट ले गए पूरी महफिल, पढ़ें पूरा रिव्यू

Animal Review: एनिमल एक ऐसी फ़िल्म है जो सालों में एक बार बनती है ये आपको हंसाती है, रुलाती है, रोंगटे खड़े कर देती है।सालों में कभी जाकर एक ऐसी फ़िल्म बनती है जिसमें पिता-पुत्र के भावनात्मक रिश्ता को इस तरह से पिरोया गया हो तो कुल मिलाकर रणबीर कपूर की एनिमल टोटली पैसा वसूल मूवी है

नई दिल्ली।रणबीर कपूर की मच अवेटेड फ़िल्म एनिमल आज फाइनली रिलीज़ हो गई है फ़ैंस उस फ़िल्म का बेसब्री से इंतज़ार कर रहे थे। इस फ़िल्म में रणबीर कपूर के अलावा रश्मिका मंदाना, अनिल कपूर, बॉबी देओल, तृप्ति ढीमड़ी और शक्ति कपूर महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं।फ़िल्म का निर्देशन संदीप रेड्डी वांगा ने किया है।अब जब इस फ़िल्म ने फ़ाइनली सिल्वर स्क्रीन्स पर दस्तक दे दी है तो आइए जानते हैं फ़िल्म का पूरा रिव्यू।

फ़िल्म की कहानी

“एनिमल” फ़िल्म की कहानी बाप – बेटे के रिश्ते की अप्रत्याशित परिस्थितियों के इर्द-गिर्द घूमती है। फ़िल्म की कहानी शुरू होती है रणबीर कपूर यानी विजय से।विजय बचपन से ही अपने पिता बलबीर सिंह जैसा बनना चाहते हैं। लेकिन उनके पिता अपने कारोबार में इतने बिजी होते हैं कि उनके पास अपने बेटे तक के लिए समय नहीं होता। विजय को हमेशा से अपने पिता का प्यार उसकी अटेंशन चाहिए होती है जिसके लिए वो कुछ भी कर सकता है। इसी बीच उसे अपने दोस्त की बहन गीतांजलि से प्यार हो जाता है और दोनों शादी कर के यूएस चले जाते हैं। लेकिन फिर बलबीर के साथ कुछ ऐसा होता है कि विजय आठ साल बाद इंडिया वापस आता है और फिर उसकी ज़िंदगी पूरी तरह बदल जाती है। अब विजय इंडिया वापस क्यों आया? बलबीर के साथ क्या हुआ? कैसे विजय की ज़िंदगी बदली ? ये सब जानने के लिए आपको थिएटर जाना पड़ेगा।

कैसी है एक्टिंग ?

अगर एक्टिंग की बात करें तो रणबीर कपूर ने पूरा शो लूट लिया है।आप ये कह सकते हैं कि ये पूरी तरह से रणबीर कपूर की फ़िल्म है।इस फ़िल्म में वो अपने नेवर सीन बिफ़ोर वाले अवतार में दिखेंगे। चॉकलेटी रोमांटिक बॉय से एक ब्रुटल ख़ूँख़ार आदमी जो अपने पिता और परिवार के लिए किसी भी हद तक जा सकता है, एक्टर का ये ट्रांसफ़ॉर्मेशन वाक़ई काबिल – ए – तारीफ़ है।एक्शन मोड में जहां रणबीर ख़ूँख़ार ‘एनिमल’ बन जाते हैं तो वहीं अगले ही सीन में उनका आशिक़ाना अंदाज़ भी साफ़ नज़र आता है। फ़िल्म में रणबीर और रश्मिका के बीच की केमिस्ट्री की बात करें तो नो डाउट दोनों की जोड़ी पर्दे पर अच्छी लगती है। लेकिन रश्मिका की एक्टिंग में थोड़ी और गुंजाइश ज़रूर नज़र आती हैं। ये कह सकते हैं कि रणबीर कपूर की अपनी बाक़ी को-स्टार के साथ जो केमिस्ट्री नज़र आती है उसके मुक़ाबले रश्मिका की केमिस्ट्री थोड़ी कमतर लगी है। बाक़ी एक्टर्स की बात करें तो अनिल कपूर ने एक कड़क पिता बलबीर सिंह जिसके पास अपने बेटे के लिए समय नहीं होता है का किरदार बखूबी पर्दे पर उतारा है।अन्य कलाकारों में तृप्ति ढीमड़ी, शक्ति कपूर और बॉबी देओल सभी ने अपने रोल के साथ पूरा न्याय किया है। बॉबी देओल विलेन की भूमिका में कमाल लगे हैं। उनकी एक्टिंग और स्वैग दोनों ही टॉप नोच है।

म्यूज़िक एंड डायरेक्शन

‘एनिमल’ का निर्देशन साउथ के मशहूर डायरकेटर संदीप रेड्डी वांगा ने किया है। जी हां ये वही डायरेक्टर हैं जिन्होनें अर्जुन रेड्डी और कबीर सिंह जैसी ब्लॉकबस्टर फ़िल्में इंडस्ट्री को दी हैं।इस फ़िल्म में भी उनका ये जादू बखूबी नज़र आता है।फ़िल्म की कहानी जितनी शानदार है उतने ही अच्छे तरीक़े से इसे स्क्रीन पर पेश किया गया है। कह सकते हैं कि कबीर सिंह के बाद अब ‘एनिमल’ से एक बार फिर संदीप रेड्डी वांगा हिन्दी दर्शकों का दिल जीतने की तैयारी कर चुके हैं। वहीं फ़िल्म के म्यूज़िक की बात करें तो म्यूज़िक, बैकग्राउंड स्कोर और गाने सभी शानदार हैं। इस म्यूजिक के साथ मूवी की एक्सपीरिएंस करना चेरी ऑन द केक है।

कहां रह गई कमीं?

‘एनिमल’ की एक बात जो आपको थोड़ी खल सकती है वो है इस फ़िल्म की लंबाई। इस फ़िल्म को आधा घंटा और छोटा किया जा सकता है। तीन घंटे की ये फ़िल्म आज के दौर के ऑडिएंस की हिसाब से थोड़ी बड़ी लगती है। लेकिन प्लस पॉइंट ये है कि फ़िल्म की शुरुआत से लेकर अंत तक रणबीर कपूर आपको इस फ़िल्म से बांधे रखते हैं। उन्होंने इस फ़िल्म को अपने कंधे पर उठाया है और क्या कमाल उठाया है।

देखें या ना देखें ?

एनिमल एक ऐसी फ़िल्म है जो सालों में एक बार बनती है ये आपको हंसाती है, रुलाती है, रोंगटे खड़े कर देती है।सालों में कभी जाकर एक ऐसी फ़िल्म बनती है जिसमें पिता-पुत्र के भावनात्मक रिश्ता को इस तरह से पिरोया गया हो तो कुल मिलाकर रणबीर कपूर की एनिमल टोटली पैसा वसूल मूवी है जिसे देखने के लिए थिएटर जाया जा सकता है।