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Anupam Kher on The Kashmir Files: अनुपम खेर ने IFFI के इवेंट में बताया कश्मीर फाइल्स फिल्म के ऐतिहासिक होने का राज

Anupam Kher on The Kashmir Files: अनुपम खेर ने एक ऐसी बात कही है जिसे सुनने के बाद आपको एहसास होगा कि आखिर क्यों द कश्मीर फाइल्स फिल्म इतने लोगों तक पहुंची और इतनी सफल फिल्म रही है। अनुपम खेर ने इफ्फी में क्या कुछ कहा है, यहां हम आपको वही बताएंगे।

नई दिल्ली। अनुपम खेर (Anupam Kher) जिन्होंने द कश्मीर फाइल्स (The Kashmir Files) फिल्म में एक कश्मीरी पंडित की भूमिका निभाई थी। उन्होंने फिल्म और अपने किरदार को लेकर बात सामने रखी है। असल में गोआ में इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ़ इण्डिया यानी इफ्फी (IFFI) चल रहा है। जिसमें देश की तमाम फिल्मों की स्क्रीनिंग की जा रही है और तमाम एक्टर और फिल्म जगत के लोग वहां पहुंच रहे हैं। हाल ही में पंकज त्रिपाठी का एक इंटरव्यू (Pankaj Tripathi Interview) खूब वायरल हो रहा है। इसके अलावा अब द कश्मीर फाइल्स और तमाम अन्य बेहतरीन फिल्म में काम करने वाले कलाकार, अनुपम खेर का इंटरव्यू (Anupam Kher Interview) भी बाहर आ गया है। अनुपम खेर ने एक ऐसी बात कही है जिसे सुनने के बाद आपको एहसास होगा कि आखिर क्यों द कश्मीर फाइल्स फिल्म इतने लोगों तक पहुंची और इतनी सफल फिल्म रही है। अनुपम खेर ने इफ्फी में क्या कुछ कहा है, यहां हम आपको वही बताएंगे।

इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ़ इंडिया में में शामिल हुए अनुपम खेर ने बताया,“कश्मीर फाइल्स उनके लिए सिर्फ फिल्म नहीं बल्कि भावना है। जो उन्होंने स्क्रीन पर उतारा है।” ये बात अनुपम खेर ने 53वें इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ़ इंडिया के मंच टेबल टॉक्स से की है। अनुपम खेर ने कहा,“मैंने उन लोगों का प्रतिनिधित्व किया है जिन्हें उन्हीं के घर से निष्काषित कर दिया गया, इसलिए मैं इसे अच्छे तरीके से पेश करने की जिम्मेदारी समझता हूं।”

अपनी भावनाओं को व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा,“मेरे आंसू, मेरी मुश्किलें, जो भी आपने फिल्म में देखा है, सभी वास्तविक हैं।” अनुपम खेर ने विवेक अग्निहोत्री की तारीफ करते हुए कहा, “विवेक अग्निहोत्री में पूरी दुनिया को 1990 दशक में कश्मीरी पंडितों के साथ हुई त्रासदी को दुनिया से अवगत कराया। ये एक असल घटना पर आधारित फिल्म थी। विवेक अग्निहोत्री ने पूरी दुनिया भर के करीब 500 लोगों का इंटरव्यू किया था। 19 जनवरी 1990 को करीब 5 लाख कश्मीरी पंडितों को कश्मीर में घटित हिंसा के बाद अपने घर को छोड़ना पड़ा था।”

अनुपम खेर ने आगे बताया कि कश्मीर पंडित के तौर पर मैं उस त्रासदी के साथ जी रहा हूं। कोई और नहीं है, जो इस त्रासदी को अपना रहा हो| बल्कि हर व्यक्ति उसे (त्रासदी) छिपाने की कोशिश कर रहा था, लेकिन कश्मीर फाइल्स ने उस दर्द को समझा और फिल्म के रूप में उसका दस्तावेजीकरण किया। आगे ओटीटी (OTT) की बात करते हुए उन्होंने कहा, जो भी फिल्म सच दिखाती है उससे दर्शक जुड़ते हैं। कश्मीर फाइल्स की सफलता इसमें है कि बगैर किसी संगीत और कॉमेडी के फिल्म ने बेहतरीन काम किया है।

वाकई कश्मीर फाइल्स फिल्म ने सफलता के नए आयामों को छुआ था। जिसमें सभी कलाकारों ने बेहतरीन काम किया था और अनुपम खेर ने सभी की आंखो से आंसू ला दिए थे। जब वो फिल्म रिलीज़ हुई थी तो ज्यादातर दर्शकों की आंखो में फिल्म देखने के बाद आंसू थे। क्योंकि फिल्म ने एक सच्चाई से रूबरू कराया और उसे यथार्थता से कलाकारों ने उतारा इसीलिए वो एक बेहतरीन फिल्म साबित हुई है।