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Bheed: अनुभव सिन्हा की फिल्म “भीड़” के टीज़र के बाद भड़के क्रिटिक, तो हंसल मेहता भी यूं बरस पड़े

Bheed: क्रिटिक ने अनुभव सिन्हा की फ़िल्मी स्टाइल पर कमेंट करना शुरू कर दिया। आपको बता दें अनुभव सिन्हा ने भीड़ फिल्म को कोविड और पांडेमिक के मद्देनज़र रखते हुए बनाई है। लेकिन फिल्म में अपनी विचारधारा से जो कुछ उन्होंने जोड़ना चाहा है वो क्रिटिक को अखर गया है। क्या है पूरा मामला चलिए बताते हैं।

नई दिल्ली। अनुभव सिन्हा की “भीड़” अब कंट्रोवर्सी में घिरती जा रही है। कल रिलीज़ हुए टीज़र ने कंट्रोवर्सी का जामा पहन लिया है। जहां फिल्म के टीज़र को सह-फिल्मकार और अन्य कलाकारों की तरफ से तारीफे मिल रही हैं। वहीं क्रिटिक ने फिल्म को घेरे में ले लिया है। क्रिटिक अनुभव सिन्हा की फिल्म को लेकर हावी होते दिखे हैं। कल ही जब से अनुभव सिन्हा की फिल्म “भीड़” के टीज़र को रिलीज़ किया गया, फिल्म कंट्रोवर्सी में घिर गई। क्रिटिक ने अनुभव सिन्हा की फ़िल्मी स्टाइल पर कमेंट करना शुरू कर दिया। आपको बता दें अनुभव सिन्हा ने भीड़ फिल्म को कोविड और पांडेमिक के मद्देनज़र रखते हुए बनाई है। लेकिन फिल्म में अपनी विचारधारा से जो कुछ उन्होंने जोड़ना चाहा है वो क्रिटिक को अखर गया है। क्या है पूरा मामला चलिए बताते हैं।

पिंकविला के एंटरटेनमेंट जर्नलिस्ट हिमेश ने ट्वीट करते हुए लिखा, “अनुभव सिन्हा मुद्दों को सनसनीखेज बनाने के लिए अति कर रहे हैं। भीड़ जैसी फिल्म, हिंदी फिल्म जगत के लिए अनुचित नफरत फैलाने का काम करती हैं। इस ट्वीट के बाद हिमेश से बहुत से लोग सहमत दिखाई दिए। वहीं कुछ फिल्मकार जैसे हंसल मेहता, हिमेश पर ही भड़क गए और उन्हीं से सवाल पूछने लगे।

इसके अलावा फिल्म क्रिटिक सुमित कड़ेल ने भी अनुभव सिन्हा की फिल्म भीड़ के टीज़र पर सवाल उठाते हुए लिखा, “भीड़ फिल्म, भारत में कोविड लॉकडाउन की तुलना भारत के विभाजन 1947 से कर रही है। ये बिल्कुल ही बेहूदा है। मैं आश्चर्य में हूं कि आखिर क्यों हमारे प्रोडक्शन हाउस और एक्टर अनुभव सिन्हा के व्यक्तिगत प्रोपगैंडा का हिस्सा बन जाते हैं। जो कि पूरी इंडस्ट्री के लिए नफ़रत फैलाता है। इस इवेंट के कारण पूरी इंडस्ट्री को कैंसिल कल्चर का सामना करता है और लोग फिल्म को बॉयकॉट करते हैं और फिल्म इंडस्ट्री से नफरत करने लगते हैं।”

इसके बाद हंसल मेहता ने तुरंत उस पर जवाब देते हुए पूछा कि, “क्या आपने फिल्म देख ली है।” जिसका जवाब देते हुए सुमित ने लिखा, “आपको कोविड महामारी को दिखाने का अधिकार है लेकिन आप उसकी तुलना 1947 में हुए बंटवारे से नहीं कर सकते हैं जो कि धार्मिक आधार पर हुआ था। अनुभव सिन्हा अपनी फिल्म के जरिए भारत को बुरी तरह से पेश करना चाहते हैं। और कोई भी राष्ट्रवादी और किसी भी विचारधारा के व्यक्ति को इसे सपोर्ट नहीं करना चाहिए।”

इसका जवाब देते हुए हंसल मेहता ने कहा कि आप जिस भी राजनीतिक विचारधारा का समर्थन करते हैं उसे सुनिए सर। मैं अभिव्यक्ति की आजादी और भाषण की आजादी की विचारधारा को सपोर्ट करता हूं। और मेरी विचारधारा आलोचना और बहस के लिए खुली हुई है।” इसके बाद सुमित ने फिर से कहा कि वो ऐसी फिल्मों का सपोर्ट करते हैं जो कि पैंडेमिक की महामारी को दिखाए। लेकिन वो उन फिल्मों का सपोर्ट नहीं करते जो इसे भारत के बंटवारे से जोड़कर उसे प्रोपगैंडा फिल्म बना दे। आपको बता दें अनुभव सिन्हा की आने वाली फिल्म भीड़ में पैंडेमिक के दौरान लोगों को हुई परेशानी को दिखाया जाएगा और अभी तक रिलीज़ हुए भीड़ के टीज़र से ऐसा लग रहा है कि वो कोविड पैंडेमिक को भारत के विभाजन से जोड़ा जा रहा है। जिसका विरोध लगातार जारी है।