newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

MX Player पर रिलीज हुई बॉबी देओल की वेब सीरीज ‘आश्रम’, दर्शकों की उम्मीदों पर नहीं उतरी खरी

बॉलीवुड एक्टर बॉबी देओल (Bobby deol) की वेब सीरीज (Web Series) ‘आश्रम’ (Ashram) शुक्रवार को MX Player पर रिलीज हो गई है। प्रकाश झा (Prakash Jha) द्वारा निर्देशित ‘आश्रम’ से लोगों को काफी उम्मीद थी। लेकिन ये वेब सीरीज दर्शकों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पाई।

नई दिल्ली। बॉलीवुड एक्टर बॉबी देओल (Bobby deol) की वेब सीरीज (Web Series) ‘आश्रम’ (Ashram) शुक्रवार को MX Player पर रिलीज हो गई है। प्रकाश झा (Prakash Jha) द्वारा निर्देशित ‘आश्रम’ से लोगों को काफी उम्मीद थी। लेकिन ये वेब सीरीज दर्शकों की उम्मीदों पर खरी नहीं उतर पाई। हाल ही में बॉबी देओल ने ‘क्‍लास ऑफ 83’ से अपनी दमदार वापसी की है। दिलचस्‍प बात तो ये कि नौ एपिसोड्स वाले इस पहले सीजन के बाद सीजन-टू की भी घोषणा हुई है। लेकिन दोनों वेब सीरीज एक दूसरे से काफी अलग है। ‘आश्रम’ उस बाबा राम रहीम सिंह से प्रेरित नहीं है, जो सलाखों के पीछे हैं। मगर असल में कहानी उन्‍हीं को ध्‍यान में रख बनाई गई है।

बॉबी देओल bobby deol

आश्रम का शूट फैजाबाद, गोंडा और अयोध्‍या में हुआ, मगर इसका लोकेल काल्‍पनिक रखा गया है। मेरठ की पम्‍मी दलित वर्ग से आती है, पहलवानबाजी करती है, पर इलाके के सर्वण ऐसा नहीं होने देते। वो भी पूर्व मुख्यमंत्री हुकुम सिंह के सामने हो रहे मैच के दौरान। पम्‍मी के भाई के दोस्‍त को घोड़ी चढ़कर ब्‍याह रचाना है, लेकिन वो अरमान भी इलाके के सर्वण पूरा नहीं होने देते और आन की लड़ाई में पम्‍मी के भाई को लहूलुहान कर देते हैं। स्‍थानीय पुलिस का प्रमुख उजागर सिंह है, वो भी पम्‍मी का साथ नहीं देता है, तभी बाबा निराला की एंट्री होती है। वो सब ठीक कर देता है। जिसके बाद पम्‍मी के इलाके के लोग बाबा के भक्‍त से बन जाते हैं और यहीं से प्रदेश के सीएम और बाबा निराला में महाभारत शुरू हो जाती है। जिसके बीच में मोहरा बनती है इलाके की पुलिस, एक्‍स सीएम, पम्‍मी, उसका भाई और कुछ अन्य किरदार।

prakash jha

प्रकाश झा का कमजोर निर्देशन

‘गंगाजल’ में पुलिस के मकड़जाल और ‘राजनीति’ में नेताओं के दांव पेंच को बखूबी दिखाने वाले प्रकाश झा यहां चूक गए हैं। कसी हुई स्क्रिप्‍ट के साथ फिल्‍में बनाने वाले निर्देशक यहां अपने वेब शो के साथ डेली सोप सा ट्रीटमेंट कर गए हैं। कई जगहों पर एक-एक सीन चार से पांच मिनट के बने हैं। जबकि उनकी लम्‍बाई डेढ़ मिनटों की हो सकती थी। यह एंगेजिंग तो कतई नहीं है। उकताहट सी होने लगती है।

ashram bobby deol

निराला के किरदार में कमजोर पड़े बॉबी

बॉबी देओल ने हाल ही में ‘क्‍लास ऑफ 83’ में जोरदार एक्टिंग की थी। पर यहां बाबा निराला के किरदार में वो रम नहीं पाए हैं। ये किरदार हर तरह के गलत काम करता है, लेकिन उसकी क्रूरता को बॉबी सीन्स में नहीं ला पाए हैं। उनकी सौम्‍यता बाबा निराला की धूर्तता पर हावी दिखती है। बाकी किरदार भी प्रभावित नहीं कर पाते।