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Netflix Content Head Summoned : केंद्र सरकार ने नेटफ्लिक्स के कंटेंट हेड को किया तलब, कंधार विमान हाईजैक पर बनी ‘आईसी-814’ वेब सीरीज से जुड़ा है मामला

Netflix Content Head Summoned : केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इस वेब सीरीज में दिखाए गए विवादास्पद पहलुओं को लेकर नेटफ्लिक्स से जवाब मांगा है। 29 अगस्त को इस वेब सीरीज की रिलीज के साथ ही विवाद शुरू हो गया था। दरअसल इस सीरीज में विमान अपहर्ताओं के नाम बदल दिए गए हैं। उनको भोला और शंकर जैसे नामों से बुलाया जा रहा है। इसी बात को लेकर लोगों का गुस्सा भड़क गया है।

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने ओटीटी प्लेटफार्म नेटफ्लिक्स के कंटेट हेड को तलब किया है। यह मामला कंधार विमान हाईजैक से जुड़े घटनाक्रम पर बनी नेटफ्लिक्स में प्रसारित ‘आईसी-814-द कंधार हाईजैक’ वेब सीरीज के कंटेट से जुड़ा हुआ है। केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने इस वेब सीरीज में दिखाए गए विवादास्पद पहलुओं को लेकर नेटफ्लिक्स से जवाब मांगा है। सोशल मीडिया पर लोग ‘आईसी-814-द कंधार हाईजैक’ सीरीज को बैन करने की मांग कर रहे हैं।

1999 में पाकिस्तान स्थित आतंकवादी संगठन हरकत-उल-मुजाहिदीन द्वारा इंडियन एयरलाइंस के काठमांडू से नई दिल्ली जाने वाले विमान के हाईजैक की घटना पर बनी ‘आईसी-814-द कंधार हाईजैक’ वेब सीरीज नेटफ्लिक्स पर 29 अगस्त को रिलीज हुई थी। रिलीज के साथ ही विवाद शुरू हो गया। दरअसल इस सीरीज में विमान अपहर्ताओं के नाम बदल दिए गए हैं। उनको भोला और शंकर जैसे नामों से बुलाया जा रहा है। इसी बात को लेकर लोगों का गुस्सा भड़क गया और उन्होंने फिल्म निर्माता अनुभव सिन्हा पर जानबूझकर ऐसा करने का आरोप लगाया तथा इस वेब सीरीज को बैन करने की मांग की। अब इसी मामले में केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने नेटफ्लिक्स के कंटेंट हेड से जवाब मांगा है।

बीजेपी के सोशल मीडिया हेड अमित मालवीय ने कल ही इस मामले को उठाते हुए कहा था कि IC-814 के अपहरणकर्ता खूंखार आतंकवादी थे, जिन्होंने अपनी मुस्लिम पहचान छिपाने के लिए उपनाम अपना लिया था। फिल्म निर्माता अनुभव सिन्हा ने उनके गैर-मुस्लिम नामों को आगे बढ़ाकर उनके आपराधिक इरादे को वैध बना दिया। इसका परिणाम यह होगा कि दशकों बाद, लोग सोचेंगे कि हिंदुओं ने IC-814 विमान का अपहरण किया था। पाकिस्तानी आतंकवादियों जो सभी मुसलमान थे, के अपराधों को सफेद करने का वामपंथ का एजेंडा पूरा हुआ। यह सिनेमा की ताकत है, जिसका इस्तेमाल कम्युनिस्ट 70 के दशक से आक्रामक तरीके से करते आ रहे हैं। यह न केवल लंबे समय में भारत के सुरक्षा तंत्र को कमजोर करेगा बल्कि उस पर सवालिया निशान लगाएगा।