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Chor Nikal Ke Bhaga Review: बांधकर रखती है यामी गौतम और सनी कौशल की ओटीटी पर रिलीज़ हुई “चोर निकल के भागा”

Chor Nikal Ke Bhaga Review: “चोर निकल के भागा” इस साल की यामी की ओटीटी पर रिलीज़ होने वाली दूसरी फिल्म है। उनके साथ सनी कौशल ने काम किया है जो इससे पहले सिद्दत, हुरदंग और हाल में रिलीज़ हुई मिली फिल्म में काम कर चुके हैं। चोर निकल के भागा फिल्म के निर्देशक अजय सिंह हैं। तो चलिए आपको बताते हैं कि आखिर “चोर निकल के भागा” फिल्म आपको देखना चाहिए या फिर नहीं।

नई दिल्ली। यामी गौतम है ही में हमें लॉस्ट फिल्म में दिखी थीं। उससे पहले दसवीं और उससे पहले अ थर्स्डे फिल्म में यामी दिखी थीं। भले ही यामी चर्चा में न रहती हों लेकिन उन्होंने अपनी सोलो फिल्मों से अपने आपको खड़ा रखा है। उनकी फिल्में दर्शकों के द्वारा सराही जाती हैं। और एक ऐसे समय में जब बिन हीरो के कम फिल्म ही बनती है ऐसे में भी यामी गौतम अपने हिस्से की फिल्म करके अपना नाम कमाकर जाती हैं। उनकी एक फिल्म और रिलीज़ हुई है। इस फिल्म में भले वो सोलो न हों लेकिन उन्होंने दिल एक बार फिर से जीत लिया है। “चोर निकल के भागा” इस साल की यामी की ओटीटी पर रिलीज़ होने वाली दूसरी फिल्म है। उनके साथ सनी कौशल ने काम किया है जो इससे पहले सिद्दत, हुरदंग और हाल में रिलीज़ हुई मिली फिल्म में काम कर चुके हैं। चोर निकल के भागा फिल्म के निर्देशक अजय सिंह हैं। तो चलिए आपको बताते हैं कि आखिर “चोर निकल के भागा” फिल्म आपको देखना चाहिए या फिर नहीं।

चोर निकल के भागा फिल्म की कहानी की बात करें तो ये अंकित (सनी कौशल) और नेहा (यामी गौतम) की कहानी है। ये दोनों ही एक दूसरे से बेहद प्यार करते हैं और एक साथ अपना जीवन बिताना चाहते हैं। लेकिन भले ही दोनों एक दूसरे के साथ रहना चाहते हों लेकिन दोनों एक दूसरे को बहुत कम जानते हैं। दोनों के इरादे भी एक-दूसरे से काफी अलग हैं। वहीं शरद केलकर जिस गुत्थी को सुलझाना चाहते हैं वो भी उसे सुलझाने के लिए कुछ ऐसे अंदाज़ की प्रस्तुति करते हैं कि आप देखकर दंग रह जाते हैं। फिल्म का विषय बेहद सरल है लेकिन फिल्म ऐसे रहस्यों को आपके सामने रखते जाती है कि आपका ध्यान फिल्म पर लगा रहता है।

अगर फिल्म में कलाकारों की परफॉर्मेंस के बारे में बात करें तो यामी गौतम ने अपनी पिछली कई फिल्म की तरह इसमें भी सराहनीय काम किया है। वहीं सनी कौशल और शरद केलकर ने भी अपने किरदार से सभी का दिल जीत लिया है। शरद ने कई फिल्म में काम किया है और उनके हर किरदार को दर्शकों ने पसंद किया है। वहीं सनी जिस तरह से काम करते जा रहे हैं ऐसा लगता है एक समय आएगा जब सनी भी एक बेहतरीन अभिनेता की श्रेणी में दिखने लगेंगे।

अगर अजय सिंह के निर्देशन की बात करें तो उन्होंने अपनी कहानी और निर्देशन से दर्शकों को जोड़ने का प्रयास किया है और ऐसा होता भी है। जब आप फिल्म देखते हैं तो आप कहानी से कनेक्टेड रहते हैं। इसके अलावा राइटर अमर कौशिक और शीराज अहमद के संवाद भी ठीक हैं। हालांकि फिल्म में कुछजगहों पर लूपहोल्स भी देखने को मिलते हैं लेकिन अगर हम उन्हें नज़रअंदाज़ कर दें तो आप इस फिल्म को एक बार जरूर देख सकते हैं और ये फिल्म इस वीकेंड आपके मनोरंजन का सहारा बन सकती है।