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कोविड-19 : आयुष्मान ने लिखी शायरी, अपारशक्ति ने की न घबराने की अपील

आयुष्मान खुराना ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर अपनी लिखी शायरी साझा की। इस शायरी के माध्यम से उन्होंने उन परिवारों की समस्याओं को उठाया है, जो कोरोनावायरस महामारी से प्रभावित हुए हैं।

मुंबई। आयुष्मान खुराना ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर अपनी लिखी शायरी साझा की। इस शायरी के माध्यम से उन्होंने उन परिवारों की समस्याओं को उठाया है, जो कोरोनावायरस महामारी से प्रभावित हुए हैं। उन्होंने लिखा, “अब अमीर का हर दिन रविवार हो गया, और गरीब है अपने सोमवार के इंतजार में। अब अमीर का हर दिन सह-परिवार हो गया है, और गरीब है अपने रोजगार के इंतजार में।”

Ayushmann Khurrana

इसके साथ ही आयुष्मान ने एक वीडियो भी साझा किया है, जिसमें देखा जा सकता है कि वह किस तरह से अपने परिवार के साथ वक्त बिता रहे हैं। वीडियो में देखा जा सकता है कि वह अपने बच्चों और पत्नी ताहिरा कश्यप के साथ पेंटिंग कर रहे हैं।

इसके अलावा आयुष्मान के भाई अपारशक्ति ने लोगों से न घबराने की अपील की है। अपारशक्ति ने इंस्टाग्रााम पर लिखा, “क्या आपको याद है कि आखिरी बार कब आज की तरह आपका जीवन धीमा हुआ था? हम चूहे की दौड़ का हिस्सा इतने लंबे समय से बने हुए हैं कि हमें बमुश्किल ही खुद से भी जुड़ने का भी समय मिल पाता है। आज मैं भले ही मदद नहीं कर सकता, लेकिन इस महामारी के एक उज्‍जवल पक्ष को जरूर देख सकता हूं। एक ऐसा पक्ष जो हमें धीमा करने के लिए, विचार करने के लिए, आत्मनिरीक्षण करने के लिए, दूसरों के साथ जुड़ने के लिए और खुद से जुड़ने के लिए कह रहा है।”

 

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आराम फ़रमाए अरसा हो गया वक्त गवाए अरसा हो गया . . यूँ लुत्फ़ लिए अरसा हो गया नींद मुफ़्त लिए अरसा हो गया . . इत्मिनान से सोचे अरसा हो गया तकिए को दबोचे अरसा हो गया . . पेड़ की छाँव में बैठे अरसा हो गया खुद से खुद को कुछ कहते अरसा हो गया . . माँ से बात किए अरसा हो गया पड़ोसी से मुलाक़ात किए अरसा हो गया . . गिटार बजाए अरसा हो गया किशोर दा के गाने गाए अरसा हो गया सच पूछो तो अच्छे से मन ही मन मुस्कुराए अरसा हो गया। . . – अपारशक्ति खुराना? . . Do you remember the last time your life was as slow as it is today? We’ve been part of the rat race since so long that we barely got time to connect even with ourselves. Today, I can’t help but see a bright side of this pandemic. A side which is telling us to slow down, to reflect, to introspect, to connect with others while connecting with our own selves. Also, let’s try not to panic. As the most intelligent species on earth, we definitely will find ways to tackle it, cure it and come out of it stronger, as we always have. Till then, let’s remember – we are all in this together ❤

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उन्होंने आगे लिखा, “इसके साथ ही चलिए घबराने की कोशिश नहीं करते हैं। पृथ्वी पर सबसे बुद्धिमान प्रजाति के तौर पर हम निश्चित रूप से इससे निपटने के तरीके ढूंढ लेंगे, इसका इलाज करेंगे और इसके बारे में जानेंगे। तब तक के लिए यह ध्यान में रखें कि हम सब इसमें हैं।”