नई दिल्ली। आदिपुरुष (Adipurush) का विरोध काफी तेज़ी से हो रहा है। जगह जगह से फिल्म को लेकर विवाद रफ़्तार पकड़ रहा है। नेता से लेकर अभिनेता फिल्म का विरोध कर रहे हैं। जनता आक्रोश में है और संत समाज भी इस फिल्म और इस फिल्म को बनाने वाले मेकर्स के खिलाफ शिकायत दर्ज करना चाहते हैं। मात्र 1 मिनट 47 सेकंड के टीज़र से सारा विवाद खड़ा हो गया है। अयोध्या में सरयू किनारे मौका था काफी समय से इंतज़ार की जाने वाली फिल्म आदिपुरुष के टीज़र को लांच करने का। टीज़र को रिलीज़ किया गया और टीज़र (Adipurush Teaser) में आपत्ति जनक कंटेंट दिखाने के कारण फिल्म को बॉयकॉट और बैन करने की मांग उठ गई। ट्विटर और सोशल मीडिया साइट्स पर लोग तरह तरह के आरोप लगा रहे हैं और सवाल पूछ रहे हैं। इस बीच लोगों ने सेंसर बोर्ड से भी सवाल पूछना शुरू कर दिया है। यहां हम इसी बारे में बात करने वाले हैं।
आदिपुरुष को बॉयकॉट (#BoycottAdipurush) करने की बात चल रही है। इसके अलावा कुछ लोगों का ये भी कहना है कि वो इस फिल्म को रिलीज़ भी होने नहीं देंगे। अगर इस फिल्म में आपत्तिजनक कंटेंट पर बदलाव नहीं किया जाता है। डायरेक्टर ओम राउत (#OmRaut) और लेखक मनोज मुन्तशिर (#ManojMuntashir) लगातार फिल्म का बचाव करने की कोशिश कर रहे हैं और बताने का प्रयास कर रहे हैं कि उन्होंने कुछ भी गलत नहीं बनाया है बल्कि वो खुद श्रीराम भगवान में आस्था रखते हैं। उन्होंने अपने फिल्म के बचाव में सभी तर्क दे दिए हैं लेकिन लोग मानने को तैयार नहीं हैं और वो आदिपुरुष फिल्म के रावण को खिलज़ी का चरित्र मान रहे हैं।
इन सभी विवादों के बीच अब लोगों ने सेंसर बोर्ड पर भी सवाल उठाना शुरू कर दिया है। लोग सेंसर बोर्ड से पूछ रहे हैं कि जब हर फिल्म सेंसर बोर्ड से पास होती है और वहां हर बात को जांच परखकर फिल्म को प्रमाणपत्र दिया जाता है फिर आखिर इस फिल्म को सेंसर बोर्ड (Censor Board) ने कैसे पास कर सकती है। लोगों का कहना है कि क्या सेंसर बोर्ड सो रहा है। जो ऐसे दृश्यों को पास कर दे रहा है जिसमें हिन्दुओं की भावनाओं के साथ खिलवाड़ हो रहा हो। लोगों ने ये भी सवाल पूछा है कि आखिर कैसे रावण के किरदार को इस तरह से पेश किया जा सकता है। सेंसर बोर्ड को इस पर ध्यान देना चाहिए | लोगों ने सवाल पूछा कि क्या सेंसर बोर्ड अपना काम भी कर रहा है ? सेंसर बोर्ड को ऐसी फिल्में प्रमाणित नहीं करनी चाहिए जो इतिहास को बिगाड़ने का काम करती हैं। कुछ लोग सेंसर बोर्ड से नींद से जागने की बात भी कह रहे हैं।
आपको बता दें किसी भी फिल्म को प्रमाणन के लिए उसे सेंसर बोर्ड के पास भेजना होता है। सेंसर बोर्ड करीब 68 दिन का समय लेता है और उसके बाद उस फिल्म में क्या काट -छांट करनी है या नहीं फिल्म पास करनी है या नहीं। फिल्म को कौन सा सर्टिफिकेट देना ये फिल्म देखकर तय करता है। अगर डायरेक्टर सेंसर बोर्ड के कहने पर भी सीन को हटाने से इंकार कर देता है तो बोर्ड उसे सर्टिफिकेट देने से इंकार कर देता है। इसके अलावा सेंसर बोर्ड सीन में काट छांट कर सकता है लेकिन फिल्म को बैन नहीं कर सकता है। फिल्म को बैन करने का हक़ सरकार के पास ही होता है वो चाहे तो नियमों के तहत फिल्म को बैन कर सकती है।
Widespread opposition to the movie Adipurush
The wrong portrayal of Hindu Gods in the film makes a mockery of Hinduism
Is the Censor Board doing it’s duties ?#Boycott_Adipurush #Ramayan #Prabhas pic.twitter.com/JCr6qKBIph
— Sanatan Prabhat (@SanatanPrabhat) October 8, 2022
Reality is not show in this film,
so #Boycott_Adipurush
Ramayana-based upcoming Bollywood film ‘Adipurush’ portrays Ravana as an Islamic terrorist.
Why does the Censor Board certify such films that misrepresent history? pic.twitter.com/7eo9PTPlr9— Kshama gupta (@kshamagupta12) October 8, 2022
#Boycott_Adipurush
Why does the CENSOR BOARD certify such films that misrepresent history n hurting hindu’s religious sentiments??? pic.twitter.com/x9YPk9Aaq6— Dr Poonam Sharma (@VaidyaPoonamS) October 8, 2022
The wrong portrayal of Hindu Gods in the film makes a mockery of Hinduism…
Why does the Censor Board certify such films that misrepresent history?#Boycott_Adipurush ? pic.twitter.com/Y8VQUsMLmV
— Prajakta (@Prajakta3071455) October 8, 2022
Censor board certifying such movies.
It’s like giving green signal to show whatever they want.
Cinema is a big platform to convey information.
Is it okay to show such wrong stuff about Ramayana?#Boycott_Adipurush@CBFC_India pic.twitter.com/uJa7Xz4xCh
— Madan BR (@MadanBR2) October 8, 2022
#Adipurush movie is said to be based on the Hindu holy epic #Ramayana
Why misrepresent & mock Hindu deities straying away from the original texts?
Hindus need to #Boycott_Adipurush & teach the director,producers,actors a lesson
censor board insensitive to religious sentiments? pic.twitter.com/lb1ZX48X3r
— Sanatan Prabhat (Kannada) (@Sanatan_Prabhat) October 8, 2022
Does #Bollywood, which satirizes Hindu deities every time, have the dare to portray other religious sentiments in the way❓
Censor board wake up from deep sleep !#Boycott_Adipurush pic.twitter.com/LCmKrGq3Rp
— Sujan H P (@Sujan_hp) October 8, 2022