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रामानंद सागर की रामायण से जुड़े वो तथ्य, जो शायद आपको न पता हों

इस रामायण में सबसे बड़ी बात यह है कि इस बार इसको दर्शकों का पहले से अधिक प्यार मिल रहा है। हाल ही में बार्क की एक रिपोर्ट के अनुसार रामायण ने दूरदर्शन पर टीआरपी के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं।

नई दिल्ली। देशव्यापी लॉक डाउन के बीच भारत के लोगों की कुछ पुरानी यादें ताजा हो रही है। कुछ लोगों के लिए पूरे परिवार के साथ बैठकर समय बिताने की यादें बन रही हैं। क्योंकि उनके बीच एक बार फिर से दूरदर्शन पर रामानंद सागर की रामायण प्रसारित की जा रही है।

इस रामायण में सबसे बड़ी बात यह है कि इस बार इसको दर्शकों का पहले से अधिक प्यार मिल रहा है। हाल ही में बार्क की एक रिपोर्ट के अनुसार रामायण ने दूरदर्शन पर टीआरपी के सारे रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं। ऐसे में हम आपको आज रामायण से जुड़ी कुछ खास बातें बताने वाले हैं शायद आपने पहले कभी नहीं सुनी होंगी।

80 के दशक में जब रामानंद सागर की धारावाहिक रामायण टीवी पर आई, तब इसके साथ ही भारत में धारावाहिकों में उतने बड़े स्तर पर स्पेशल इफेक्ट्स की भी शुरुआत हुई थी। रामायण में पहली बार हनुमान जी के संजीवनी बूटी लाने के लिए, पुष्पक विमान को उड़ाने के लिए स्पेशल इफेक्ट्स इस्तेमाल किया गया था।

ramayan

इसके बारे में जानकारी देते हुए प्रेम सागर बताते हैं कि जब रामायण चल रहा था तो उसकी शूटिंग के लिए कई सारे कलाकारों की जरूरत रामायण की टीम को पड़ती थी। जिसके लिए आसपास के बहुत से गांव से लोग घोषणा करके बुलाए जाते थे। इन जूनियर कलाकारों को बुलाने के लिए यह घोषणा ढोल नगाड़ों के साथ की जाती थी।

प्रेम सागर ने एक समाचार चैनल को दिए एक इंटरव्यू में कहा था, ‘ रामायण में स्पेशल इफेक्ट डालने के लिए उन्हें बेहद ही अनुभवी इंसान की जरूरत थी और इसीलिए स्पेशल इफेक्ट्स के बारे में जानने के लिए वे ओरिजिनल किंग कॉन्ग के निर्माता से हॉलीवुड में मिलकर आए थे। साथ ही उन्होंने कई किताबों को पढ़कर रामायण में ये इफेक्ट्स डलवाए थे। उस वक्त यह रामायण दुनिया के 5 महाद्वीपों में दिखाई गई थी और इस रामायण को दुनिया भर के 65 करोड से ज्यादा लोगों ने देखा था।

अब तो इंटरनेट का जमाना है और किसी भी धारावाहिक के कई सारे एपिसोड पहले ही रिकॉर्ड हो जाते हैं और धीरे-धीरे यह एपिसोड्स चैनल पर प्रसारित किए जाते हैं। लेकिन रामायण के समय में ऐसा नहीं था। क्योंकि उस वक्त हर हफ्ते रामायण के ताजा एपिसोड के कैसेट दूरदर्शन के दफ्तर भेजे जाते थे। कई बार तो ये कैसेट प्रसारण के आधे घंटे पहले भी पहुंचे। रामायण की शूटिंग लगातार 550 से ज्यादा दिनों तक चली थी

जब रामायण में रावण रावण की अंत में मौत होती है तो उसका किरदार निभाने वाले अरविंद त्रिवेदी के गांव में लोगों ने शोक मनाया था इससे आप समझ सकते हैं की रामायण के किरदार लोगों के मन में किस तरीके से घर कर चुके थे और लोग भावनात्मक तौर पर इन से जुड़े हुए थे।

Arvind Trivedi Ramayan

जब रामायण के 78 एपिसोड पूरे हो गए तो उसके बाद लोगों ने लव कुश की कहानी दिखाने का रामानंद सागर से अनुरोध किया। मगर इस पर रामानंद सागर ने यह कहते हुए मना कर दिया कि अगर वह लव कुश की कहानी को आगे बढ़ाते हैं तो यह सब काल्पनिक होगा। बाद में लोगों के ज्यादा कहने पर रामानंद सागर ने लव कुश की कहानी को टीवी पर चलाया तो उसके बाद कई सारे विवाद सामने आए। रामानंद सागर पर 10 साल तक कोर्ट में भी केस चला।

इस प्रकार 33 साल पहले बनाई गई रामानंद सागर की रामायण आज भी उतनी ही प्रासंगिक और उतनी ही रोचक दिखाई देती है।