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Freddy Movie Review: कार्तिक आर्यन की फिल्म, “फ्रेडी” आकर्षित करती है लेकिन अनुमानित कनफ्लिक्ट और क्लाइमैक्स पानी फेर देता है

Freddy Movie Review: यहां हम आपके लिए फ्रेडी फिल्म का रिव्यू करेंगे। आपको बताएंगे इस फिल्म में क्या खास है और क्या नहीं। जिससे आप ये तय कर सकें कि नेटफ्लिक्स के ओटीटी प्लेटफार्म पर जाकर आपको ये फिल्म देखना है नहीं। तो चलिए Freddy फिल्म का रिव्यू (Freddy Review) शुरू करते हैं।

नई दिल्ली। कार्तिक आर्यन (Kartik Aaryan) ने इस साल खूब नाम बटोरा है। उनकी फिल्म भूल भुलैया 2 ने दर्शकों पर ऐसा असर किया कि आज भी कार्तिक आर्यन सभी के फेवरेट बने हुए हैं। कार्तिक आर्यन की आने वाली कई फिल्म का इंतज़ार दर्शक कर रहे हैं। आज उनकी नई फिल्म ओटीटी प्लेटफार्म नेटफ्लिक्स पर रिलीज़ हो गई है। जिसका नाम है फ्रेडी (Freddy)। इस फिल्म में कार्तिक आर्यन मुख्य भूमिका में हैं और उनका साथ दिया है अलाया ने। इस फिल्म को परवेज़ शेख और असीम अरोड़ा ने लिखा है। इसके अलावा फिल्म का डायरेक्शन शशांका घोष ने किया है। यहां हम आपके लिए फ्रेडी फिल्म का रिव्यू करेंगे। आपको बताएंगे इस फिल्म में क्या खास है और क्या नहीं। जिससे आप ये तय कर सकें कि नेटफ्लिक्स के ओटीटी प्लेटफार्म पर जाकर आपको ये फिल्म देखना है नहीं। तो चलिए Freddy फिल्म का रिव्यू (Freddy Review) शुरू करते हैं।

किरदारों की भूमिका

फिल्म में कार्तिक आर्यन ने डॉक्टर की भूमिका निभाई है और उनके किरदार का नाम, फ्रेडी जिनवाला है। इसके अलावा, अलाया फिल्म में फीमेल लीड की भूमिका में हैं, फिल्म में उनके किरदार का नाम कैनाज़ ईरानी है। बाकी सभी अन्य स्टार ने सपोर्टिंग स्टार की तरह काम किया है।

क्या है कहानी

एक सीधा और शर्मीला डॉक्टर है। जो न किसी से ज्यादा मिलता है और न ज्यादा बातचीत करता है। वो एक डेंटिस्ट है और अपने पेशे में निपुण है लेकिन बातचीत करने के पेशे में उसके हाथ-पांव फूलने लगते हैं। उसके पास पैसा, मकान, गाड़ी सब कुछ है, लेकिन जिंदगी में फिर भी कमी है। जीवन उदासियों से भरा है क्योंकि उसकी जिंदगी में कोई खूबसूरत लड़की नहीं है। उसने कई डेटिंग ऐप और शादी कराने वाली वेबसाइट पर अपनी प्रोफ़ाइल बना रखी है। कइयों से वो मिलता भी है लेकिन कोई भी लड़की, उसे पसंद नहीं करती है। फिर एक फंक्शन में वो कैनाज़ से रूबरू होता है और उससे मिलने लगता है। कैनाज़ एक शादीशुदा लड़की है जिसका पति उसे मारता और गालियां देता है। फ्रेडी, कैनाज़ को उसकी दुखभरी जिंदगी से निकालने की कोशिश करता है और उसमें सफल भी होता है। लेकिन क्या खूबसूरत कैनाज़, भोले -भाले फ्रेडी के इस रिश्ते को अपनाएगी ? अगर कैनाज़ इस रिश्ते को नहीं अपनाएगी तो फ्रेडी क्या करेगा ? इसी विषय पर आधारित है सस्पेंस थ्रिलर फिल्म फ्रेडी।

कैसी है कहानी

फ्रेडी, रिलीज़ से पहले इसके ट्रेलर और गाने अच्छे लगे थे। लगा था कि फिल्म कुछ नया और अलग तरह का कंटेंट देने वाली है। इस फिल्म की कहानी से अपेक्षाएं थीं लेकिन फिल्म उन सभी अपेक्षाओं पर पानी फेर कर चली जाती है।

ये फिल्म शुरुआत में आपको अपनी ओर खींचती है। कार्तिक आर्यन का किरदार, फ्रेडी भी आपको आकर्षित करता है, लेकिन जैसे ही फिल्म में कनफ्लिक्ट आता है उसके बाद फिल्म का सारा आकर्षण और जुड़ाव खत्म हो जाता है।

फिल्म में लगभग 40 मिनट बाद कनफ्लिक्ट आता है, लेकिन वो कन्फ्लिक्ट नया नहीं लगता है, कई फिल्मों में देखा हुआ लगता है। इसके बाद पूरी कहानी न ही थ्रिल रख पाती है और न ही सस्पेंस बना पाती है। आप पहले भी तय कर लेते हैं कि कहानी में ये होगा। हालांकि कहानी का अंत पता होने के बावजूद कई बार कहानी का मध्य इतना आकर्षक होता है कि आप फिल्म की तारीफ करने लगते हैं लेकिन यहां पर कहानी का मध्य और अंत देखा हुआ सा लगता है।

जब आप सस्पेंस और थ्रिलर फिल्म बनाते हैं तब आपकी सबसे पहली जिम्मेदारी होती है कि आप दर्शक को थ्रिल महसूस कराएं। कहानी वहीं असफल हो जाती है और अगर बात सस्पेंस की करें तो उसका अंदाजा आसानी से लगाया जा सकता है। इस लिहाज़ से स्टोरी प्रेडिक्टबल हो जाती है।

किरदारों की भूमिका की बात करें तो फ्रेडी का किरदार, कार्तिक आर्यन ने ढंग से निभाया है। जो इमोशन चाहिए थे उन्होंने सभी इमोशन देने की कोशिश की है| कई जगह पर उनका काम अच्छा है, लेकिन कई जगह पर वो डगमगाए भी हैं।

कुछ खास संवाद फिल्म में नहीं हैं। हां जहां पर फ्रेडी जोक सुनाता है वो कुछ कॉमिक जरूर करता है। लेकिन ऐसे सिर्फ 1 या 2 जोक ही हैं।

फिल्म कहानी, पटकथा, डायरेक्शन और एक्टिंग के मामले में औसत से भी नीचे दर्ज़े की है। एक देखी जाने वाली टाइमपास मूवी तो है, लेकिन एक बेहतरीन सस्पेंस थ्रिलर नहीं बन पाती है। ओवरऑल इस फिल्म से भारतीय सिनेमा आगे बढ़ता हुआ तो नहीं ही दिखता है। उम्मीद करेंगे कि भारतीय सिनेमा आगे बढ़े और ऐसी कहानियां दे जो रहस्यों की ऐसी दुनिया में ले जाएं कि दर्शकों को उस दुनिया से निकलने में वक़्त लगे। ऐसी फिल्मों का हमें इंतज़ार है और इस फिल्म के लिए हमारे पास 2 स्टार है।