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Govinda Naam Mera On OTT Review: ओटीटी पर रिलीज़ हुई फिल्म “गोविंदा नाम मेरा” में सस्पेंस, इमोशन, थ्रिलर, हॉरर कुछ भी नहीं, टाइमपास है मूवी

Govinda Naam Mera On OTT Review: जब इस फिल्म के ट्रेलर को रिलीज़ किया गया तब अधिकतर लोगों ने फिल्म के ट्रेलर को पसंद नहीं किया था। अब इस फिल्म को ओटीटी पर रिलीज़ कर दिया गया है यहां हम गोविंदा नाम मेरा फिल्म का रिव्यू करेंगे और आपको बताएंगे कि ये फिल्म आपको देखनी चाहिए या नहीं ?

नई दिल्ली। विक्की कौशल, किआरा अडवाणी अभिनयकृत फिल्म गोविंदा नाम मेरा ओटीटी पर रिलीज़ हो गई है। पहले इस फिल्म को सिनेमाघर में रिलीज़ होना था उसके बाद इस फिल्म को ओटीटी पर रिलीज़ किया गया है। इस फिल्म को आप डिज़्नी प्लस हॉटस्टार के ओटीटी प्लेटफार्म पर देख सकते हैं। इस फिल्म में विक्की कौशल और किआरा आडवाणी के साथ भूमि पेडनेकर, दयानन्द शेट्टी सयाजी शिंदे और रेणुका शहाणे देखने को मिलती हैं। फिल्म को शशांक खेतान ने डायरेक्ट किया है। इसके अलावा फिल्म को करण जौहर ने प्रोड्यूस किया है। जब इस फिल्म के ट्रेलर को रिलीज़ किया गया तब अधिकतर लोगों ने फिल्म के ट्रेलर को पसंद नहीं किया था। अब इस फिल्म को ओटीटी पर रिलीज़ कर दिया गया है यहां हम गोविंदा नाम मेरा फिल्म का रिव्यू करेंगे और आपको बताएंगे कि ये फिल्म आपको देखनी चाहिए या नहीं ?

कहानी क्या है

ये गोविन्द वाघमारे की कहानी है जिनका किरदार विक्की कौशल ने निभाया है। गोविन्द वाघमारे और उनकी पत्नी एक साथ एक हवेली में रहते हैं। लेकिन इन दोनों में बिल्कुल भी बनती नहीं है। हर दिन दोनों में लड़ाई होती रहती है। विक्की कौशल की पत्नी का किरदार भूमि पेडनेकर ने निभाया है। गोविन्द वाघमारे एक डांसर हैं जो खुद को कोरिओग्राफर बुलाते हैं। इसके अलावा उनकी एक मां भी है जिसका किरदार रेणुका शहाणे ने निभाया है। किआरा आडवाणी ने भी फिल्म में गोविन्द की को-डांसर का रोल निभाया है, किआरा आडवाणी के किरदार का नाम सुक्कू है। सुक्कू और गोविन्द एक दूसरे से शादी करना चाहते हैं लेकिन गोविन्द शादी तभी कर सकता है जब वो अपनी पत्नी भूमि पेडनेकर 2 करोड़ रूपये वापस कर दे।

गोविन्द वाघमारे और उसकी पत्नी जिस बंगले में रहते हैं वो गोविन्द वाघमारे के पिता का है जो अब इस दुनिया में नहीं हैं। इस बंगले पर मालिकाना हक़ जताने के लिए एक और मां और बेटे लड़ाई लड़ रहे हैं। जो कि गोविन्द वाघमारे के पिता की पहली पत्नी और बेटे हैं। बंगले से संबंधित मामला कोर्ट में चला जाता है। वहीं इस कहानी में एक डॉन भी है जिसका बेटा अपना अलबम बनाना चाहता है, लेकिन उस डॉन के बेटे को ड्रग्स की लत भी है। अब गोविन्द वाघमारे जिसकी बंगले की कहानी हल नहीं हो पा रही थी और जो अपनी बीवी से पहले ही परेशान था वो ड्रग्स के केस में अंदर हो जाता है। अब वो कैसे बाहर निकलेगा ? कैसे बंगले को अपने नाम लेगा ? इसी पर आधारित कहानी है।

कैसी है कहानी

सीधे तौर पर कहूं तो फिल्म की कहानी बहुत औसत है और बेहतर है कि इस फिल्म को ओटीटी पर रिलीज़ किया गया है। फिल्म में औसत दर्ज़े का मनोरंजन है। वहीं फिल्म से इमोशन, सस्पेंस और थ्रिल पूरी तरह से गायब है। अगर बात करें कॉमेडी की तो बेहद हल्की – फुलकी कॉमेडी फिल्म में देखने को मिल जाती है। भले ही ये एक कॉमेडी फिल्म हो और फिल्म में कॉमेडी करने की कोशिश की गई हो लेकिन आप फिर भी खुलकर हंस नहीं पाते हैं और इस मामले में फिल्म असफल हो जाती है।

एक्टिंग की बात करें तो विक्की कौशल और भूमि का काम अच्छा है। किआरा भी ठीक ठाक ही लगी हैं। फिल्म का म्यूसिक ठीक है हालांकि क्योंकि फिल्म ओटीटी पर आ रही है ऐसे में दर्शकों के पास गाने सुनने का कोई ख़ास समय नहीं रहता है। फिल्म के बारे में एक लाइन में कहें तो फिल्म औसत दर्ज़े से भी नीचे की है। फिल्म न हंसाती है न रुलाती है और न ही डराती है। फिल्म सपाट है तो अगर आप कोई औसत दर्ज़े की टाइमपास करने के लिए फिल्म देखना चाहते हैं तो देख सकते हैं और अगर आपके पास कोई और विकल्प है तो आप इस फिल्म को छोड़ भी सकते हैं। क्योंकि फिल्म बहुत हल्की है और देखने के लिए कुछ भी नहीं है। मेरी तरफ से फिल्म को मिलते हैं सिर्फ 2 स्टार।