नई दिल्ली। बॉलीवुड की दुनिया में कल्लू मामा से मशहूर सौरभ शुक्ला का आज जन्मदिन है। सौरभ शुक्ला ने अपनी अदाकारी से ये साबित कर दिया कि पहचान बनाने के लिए लीड रोल का मिलना जरूरी नहीं। अगर आपमें सच्ची प्रतिभा है तो भी बॉलीवुड में आप अपना जलवा बिखेर सकते हैं। सौरभ शुक्ला उन्हीं चंद कलाकरों में से एक हैं, जो बॉलीवुड में जगह बनाने के लिए लीड रोल मिलने का इंतजार नहीं करते रहे। 5 मार्च 1963 में यूपी के गोरखपुर राज्य में जन्में सौरभ को बचपन से ही एक्टिंग का शौक था। वैसे कहा जाए तो कला सौरभ को विरासत में ही मिली थी। उनकी मां ‘जोगमाया शुक्ला’ भारत की पहली महिला तबला वादक थीं, वहीं पिता ‘शत्रुघन शुक्ला’ एक मशहूर आगरा घराने के संगीतकार थे। यही कारण है कि सौरभ के घर का माहौल काफी कलात्मक था।
सौरभ के जन्म के कुछ साल बाद ही उनका परिवार दिल्ली आ गया। दिल्ली में रहकर ही सौरभ ने अपनी पढ़ाई-लिखाई पूरी की। खालसा कॉलेज से उन्होंने ग्रेजुएशन पूरा किया, लेकिन सौरभ को एक्टिंग का शौक था। अपने सपने को पूरा करने के लिए उन्होंने साल 1984 में ‘नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा’ में एडमीशन लिया और अपने अभिनय के सफर की शुरूआत की। थियेटर में अभिनय सीखने के साथ ही उन्हें काम भी मिला। अपनी ट्रेनिंग के उन्होंने कई बेहतरीन नाटकों में एक्टिंग की और तारीफें भी बटोरीं। सौरभ ने ‘एक व्यू फ्रॉम द ब्रिज’, ‘लुक बैक इन एंगर’ और ‘घासीराम कोतवाल’ सहित कई जबरदस्त नाटकों में काम किया है।
कुछ सालों तक थियेटर में काम करने के बाद उन्होंने मायानगरी मुंबई का रुख किया और यहीं से उनकी किस्मत बदल गई। बॉलीवुड के मशहूर निर्माता और निर्देशक शेखर कपूर ने सौरभ को अपनी फिल्म ‘बैंडिट क्वीन’ में पहला ब्रेक दिया और यही से सौरभ की बॉलीवुड में एंट्री हो गई। इस फिल्म में दर्शकों ने उनकी एक्टिंग को काफी पसंद किया। इसके बाद सौरभ ने कभी भी पीछे मुढ़कर नहीं देखा। इसके बाद उन्होंने ‘इस रात की सुबह नहीं’, ‘करीब’ और ‘जख्म’ जैसी शानदार फिल्मों में काम किया। एक्टिंग में उनके करियर की शुरूआत तो हो गई, लेकिन उन्हें असली पहचान राम गोपाल वर्मा की फिल्म ‘सत्या’ में कल्लू मामा के किरदार ने दिलाई। इस किरदार ने उन्हें ऐसी पहचान दी कि लोग उनके असली नाम सौरभ को भुला कर कल्लू मामा के नाम से ही बुलाने लगे।
एक इंटरव्यू के दौरान सौरभ ने खुद स्वीकार किया था कि वो फिल्म सत्या में काम नहीं करना चाहते थे, लेकिन कल्लू मामा के रोल की वजह से ही वो इस फिल्म में काम करने के लिए तैयार हुए थे। बता दें, कि इस फिल्म की स्क्रिप्ट सौरभ और अनुराग कश्यप ने ही साथ में मिलकर लिखी थी, यानी एक तरह से देखा जाए तो सौरभ सत्या के को राइटर भी हैं। फिल्मी पर्दे पर सौरभ ने बॉलीवुड के हर सुपरहिट एक्टर्स के साथ काम किया, जो बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रही हैं। उन्होने ‘हे राम’, ‘स्लमडॉग मिलेनियर’, ‘ये साली जिंदगी’, ‘बर्फी’, ‘जॉली एलएलबी’, ‘पीके’, ‘जॉली एलएलबी 2’, ‘रेड’, ‘बाला’ और ‘छलांग’ जैसी फिल्मों में अपनी एक्टिंग के झंडे गाड़ दिए हैं।