नई दिल्ली: फिल्म और टीवी जगत की मशहूर अदाकारा उत्तरा बावकर का 79 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। अभिनेत्री पिछले एक साल से बीमार चल रही थी। उत्तरा बावकर ने लंबी बिमारी से लड़ते हुए पुणे के एक अस्पताल में अपनी आखिरी सांस ली। बुधवार को अभिनेत्री का अंतिम संस्कार किया गया। आपको बता दें कि उत्तरा बावकर को मृणाल सेन की ‘एक दिन अचानक’ के लिए सर्वश्रेष्ठ सहायक अभिनेत्री का राष्ट्रीय पुरस्कार भी मिल चुका है। यही नहीं गोविंद निहलानी की तमस और रुक्मावती की हवेली में भी उनके काम की जमकर तारीफ हुई है।
इंडस्ट्री के मंझे हुए कलाकरों में था उत्तरा का नाम
उत्तरा बावकर ने नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा से अभिनय की बारीकियां सीखी थी। वो एक जबरदस्त थियेटर आर्टिस्ट थीं और रंगमंच की दुनिया के कई बेहतरीन नाटकों में अपनी अदायगी का जलवा बिखेर चुकी थी, जिसमें ‘मुख्यमंत्री’, ‘मीना गुर्जरी’, शेक्सपियर का लिखा ‘ओथेलो’ और गिरीश कर्नाड का लिखा ‘तुगलक’ शामिल है। इन सभी नाटकों में उत्तरा ने अपने बेहतरीन अभिनय का लोहा मनवाया था। थियेटर की दुनिया में अपने बेहतरीन काम के लिए उत्तरा को साल 1984 में संगीत नाटक अकादमी अवॉर्ड भी मिला।
Had the privilege of witnessing her genius on stage many times! What an actor!! You will be missed Uttraji! Rest In Peace! ?? https://t.co/r6g2jGL3UY
— manoj bajpayee (@BajpayeeManoj) April 13, 2023
उत्तरा बावकर की निधन की खबर से इंडस्ट्री में शोक की लहर है। अभिनेता मनोज बाजपेयी ने अभिनेत्री के निधन पर ट्वीट कर उन्हें श्रद्धांजलि दी। एक्टर ने लिखा, ‘उनकी प्रतिभा को कई बार मंच पर देखने का सौभाग्य मिला! क्या अभिनेत्री थीं आप !! आप याद आएंगी उत्तरा जी! आत्मा को शांति मिले!’
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मशहूर सिंगर ईला अरुण ने भी उत्तरा बावकर के निधन पर शोक जताया और लिखा, ‘पहली बार उत्तरा जी से एनएसडी में मिली थी, जहां मैं शॉर्ट टर्म कोर्स कर रही थी। मैं उनके व्यक्तित्व और आवाज से प्रभावित थी। बाद में गोविंद निहलानी की ‘तमस’ और ‘रुक्मावती की हवेली’ में काम करने में बहुत मजा आया, जिसमें उन्होंने रुक्मावती का लीड रोल प्ले किया था और मैं उनकी बड़ी बेटी का किरदार निभा रही थी। यह पूरी थिएटर बिरादरी के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है और हम सभी जो उसे जानते थे, उसे बहुत याद करेंगे। ॐ शांति।