
नई दिल्ली। मशहूर गीतकार जावेद अख्तर ने दिवाली पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए हिन्दू संस्कृति में सहिष्णुता की सराहना की। जावेद अख्तर ने अपने संबोधन में कहा कि भारत में अगर लोकतंत्र कायम है तो इसके पीछे की वजह हिन्दू संस्कृति ही है। उन्होंने कहा कि ये सोचना कि हम ही सही है और दूसरे लोग गलत हैं, ये हिन्दू संस्कृति का हिस्सा नहीं है। हालांकि इस दौरान जावेद अख्तर ने ये भी कहा कि अब असहिष्णुता बढ़ रही है, लेकिन देशभर में लोकतंत्र भी इसी कारण कायम है क्योंकि हिन्दू संस्कृति सहिष्णुता वाली है। बता दें कि जावेद अख्तर यहां महाराष्ट्र नवनिर्माण के प्रमुख राज ठाकरे की ओर से आयोजित कार्यक्रम दीपोत्सव में भाग लेने पहुंचे थे।
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About BhaiHis elder son Biggest Star of INDIA
Still he never is same and loving and respect giving person with his parents #Salmankhan | #Tiger3 pic.twitter.com/Rpi41iw0yL— FIGHTя (@SalmanzFighter_) November 9, 2023
एक साथ नजर आई ”सलीम-जावेद” की जोड़ी
इस कार्यक्रम में जावेद अख्तर के साथ मंच पर सलीम खान भी नजर आए। दोनों ही लेखक लंबे अरसे बाद किसी मंच पर एक साथ नजर आये। बीच में इन दोनों के बीच मतभेद की भी खबरें आईं थी। बता दें कि सलीम-जावेद की फेमस जोड़ी ने ही ‘शोले’ जैसी सुपरहिट फिल्म की पटकथा लिखी थी। जावेद अख्तर ने इस दौरान असहिष्णुता का दवा किया। उन्होंने कहा- ‘आजकल जो फ़िल्में बन रही हैं, उसे आप परिवार के साथ बैठकर नहीं देख सकते। अभिव्यक्ति की आजादी कम हुई है और ये बात तो मैं लगातार दोहरा रहा हूं। यदि आज के दौर में हम शोले लिख रहे होते तो मंदिर में एक्ट्रेस के साथ धर्मेंद्र के डायलॉग पर बवाल मच जाता। इसी तरह संजोग फिल्म में ओमप्रकाश जिस तरह कृष्ण और सुदामा की कहानी सुनाते हैं, क्या आज के समय में वैसा हो सकता है!!’
जावेदजींनी हिंदुत्वाची मांडलेली व्याख्या याहून सोपी असूच शकत नाही. देशात सनातन हिंदुत्वाच्या नावाखाली स्तोम माजवणाऱ्यांच्या कानाखाली काढलेला हा सणसणीत जाळ आहे.#JavedAkhtar #RajThackeray @Javedakhtarjadu @RajThackeray pic.twitter.com/U7eV5GvRuF
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जावेद अख्तर ने कहा- ‘हिन्दुओ की सोच विशाल’
राजनितिक मसलों पर अक्सर खुल कर बोलने वाले जावेद अख्तर ने कहा- ‘असहिष्णुता आज बढ़ रही है। पहले कुछ लोग होते थे जो असहिष्णु थे। हिन्दू वैसे नहीं थे। हिंदुओं की सबसे बड़ी खासियत यही है कि उनकी सोच विशाल है। ये खासियत अगर खत्म हो गई तो वो लोग भी दूसरों की तरह हो जाएंगे। ऐसा नहीं होना चाहिए। हमने तो आपसे ही जीना सीखा है। लेकिन अब क्या हिन्दू ही उन मूल्यों को छोड़ देंगे? उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। आगे जावेद अख्तर ने कहा कि- ‘अगर आज देश में लोकतंत्र कायम है तो इसके पीछे की वजह हिन्दू संस्कृति ही है, उन्होंने ही मदद की है।’
मुंबईत शिवाजी पार्क येथे मनसेद्वारे आयोजित दीपावली महोत्सवाचे उदघाटन प्रसिद्ध सिनेपटकथा लेखक, सलीम खान आणि गीतकार जावेद अख्तर यांच्या हस्ते आज, गुरुवारी झाले. यावेळी मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे उपस्थित होते. #Deepavali2023 #MNS #RajThackeray #JavedAkhtar #SalimKhan pic.twitter.com/YUd7V6ybvP
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जावेद अख्तर को इस बात का है गर्व
गीतकार जावेद अख्तर ने इस दौरान हिन्दुओं के भगवान श्री राम और देवी सीता को लेकर भी बड़ा दावा किया। उन्होंने कहा कि भगवान राम और सीता न केवल हिंदू देवी-देवता हैं बल्कि उन्हें भारत की सांस्कृतिक विरासत कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि रामायण भारत की सांस्कृतिक धरोहर है और उन्हें राम-सीता की पावन भूमि पर पैदा होने का गर्व है।
“भारत में लोकतंत्र हिंदुओं के कारण बना हुआ है”
◆ जावेद अख्तर का बयान @Javedakhtarjadu | #JavedAkhtar | Javed Akhtar pic.twitter.com/UsSRnKHZwn
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जावेद अख्तर ने लगाए ‘जय श्री राम’ के नारे
जावेद अख्तर ने कहा, ‘राम और सीता केवल हिंदू देवी-देवता नहीं हैं। यह भारत की सांस्कृतिक विरासत है। हालांकि मैं नास्तिक हूँ फिर भी मैं राम और सीता को इस देश की संपत्ति मानता हूं इसलिए मैं यहां आया हूं। रामायण हमारी सांस्कृतिक विरासत है। यह आपकी रुचि का विषय है। मुझे इस बात पर गर्व है कि मैं राम और सीता की भूमि पर पैदा हुआ हूं, जब हम मर्यादा पुरुषोत्तम की बात करते हैं तो राम और सीता ही याद आते हैं। तो, आज से जय सियाराम।’ जावेद अख्तर ने लोगों से भी ‘जय श्री राम’ के नारे लगाने को कहा। जिसके बाद यहां मौजूद सबने जावेद अख्तर के साथ ‘जय श्री राम’ के नारे लगाए।