newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

72 Hoorain: JNU में फिल्म 72 हूरों की स्पेशल स्क्रीनिंग से नाराज जेएनयू छात्र संघ, स्क्रीनिंग से पहले रखी गई प्रेस कॉन्फ्रेंस

72 Hoorain: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ ने एक लेटर जारी किया है, जिसमें कुलपति और हिंदुओं के प्रति पक्षपात रखने का आरोप लगाया है। संघ का कहना है कि द कश्मीर फाइल्स और अब 72 हूरें जैसी फिल्मों का प्रचार करने के लिए विश्वविद्यालय को चुना जाता है

नई दिल्ली। ओम राउत की आदिपुरुष के बाद अब फिल्म ’72 हूरें’ विवाद का विषय बन गई है। फिल्म के मेकर्स और सेंसर बोर्ड के बीच फिल्म को रिलीज करने को लेकर काफी खींचतान हुई, जिसके बाद फिल्म को सेंसर बोर्ड ने ए सर्टिफिकेट के साथ पास कर दिया। इसी बीच आज फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग होने वाली है, वो भी दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में। मेकर्स ने खुद इस बात का ऐलान दो दिन पहले किया था। मेकर्स का कहना था कि इसी फिल्म के जरिए जेएनयू के छात्रों को आतंकवाद का असली मतलब पता चलेगा।

आज जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में होगी स्क्रीनिंग

अब फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग से पहले छात्रों और फिल्म के मेकर्स के बीच प्रेस कॉन्फ्रेंस रखी गई है, जिसमें फिल्म से जुड़े लोग अशोक पंडित सह-निर्माता, संजय पूरन सिंह -निर्देशक, कैप्टन गुलाब सिंह तंवर – निर्माता, पवन मल्होत्रा – एक्टर शामिल होंगे। ये प्रेस कॉन्फ्रेंस साढ़े तीन बजे रखी गई है, जबकि फिल्म की स्पेशल स्क्रीनिंग शाम को 4 बजे रिलीज होगी। इसी बीच जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ ने फिल्म की स्क्रीनिंग का विरोध किया है। संगठन ने कुलपति पर पक्षपात करने का आरोप लगाया है।

स्क्रीनिंग पर जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ नाराज

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्र संघ ने एक लेटर जारी किया है, जिसमें कुलपति और हिंदुओं के प्रति पक्षपात रखने का आरोप लगाया है। संघ का कहना है कि द कश्मीर फाइल्स और अब 72 हूरें जैसी फिल्मों का प्रचार करने के लिए विश्वविद्यालय को चुना जाता है, जो गलत है। जारी लेटर में लिखा है- विश्वविद्यालय प्रशासन के निष्पक्ष होने का दावा करने वाले कुलपति ने हिंदुत्व संगठनों और उनके आयोजनों के प्रति अपना पूरा पूर्वाग्रह दिखाया है।हम ऐसी भ्रामक घटनाओं की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं जिनका एकमात्र उद्देश्य किसी विशेष समुदाय को सांप्रदायिक बनाना या अमानवीय बनाना है। गौरतलब है कि फिल्म 7 जुलाई को रिलीज होने वाली है। फिल्म में कैसे आतंकवादी अल्लाह और हूरों के नाम पर लोगों का ब्रेनवाश करते हैं, ये सटीक तरीके से दिखाया गया है।