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Anupama Serial Update: अपनी बेटी के सपनों को कांताबेन ने किया चूरचूर, अब अनुपमा का दिखेगा नया रूप

Anupama Serial Update: इधर अनुपमा अपनी मां को बेसब्री से इंतजार करती हैं कि मां जल्दी ही अनुज और छोटी को वापस लेकर आएगी। वो भगवान के सामने ज्योति भी जलाती हैं, तभी अनुपमा की मां आती हैं जिसे देख कर अनुपमा भागी दौड़ी चली आती हैं और कहती हैं कि मां इतनी देर कहां लगा दी, छोटी अनु और अनुज को भी साथ लेकर आई हो क्या तुम,..फिर अनुपमा कहती हैं कि नहीं आए ना, मेरे कपाड़िया जी जब गुस्सा होते हैं

नई दिल्ली। अनुपमा सीरियल की शुरुआत में दिखाया गया कि अनुपमा की मां माया से कहती हैं कि हां मैं अनुज से गुस्सा हूं, लेकिन मैं एक चीज अच्छे से जानती हूं कि अनुज के दिल में अनुपमा हो या ना हो लेकिन कोई और नहीं हैं और जहां तक तुम्हारी बात हो तो हो सकता हैं कि तुम अच्छी हो लेकिन तुम कभी अनुपमा की जगह नहीं ले सकती हो तो इसलिए अनुज को पाने के सपने छोड़ दो। अनुपमा की मां माया को दावा करते हुए कहती हैं कि बूढ़ी आंखें बहुत दूर का देखती हैं आज मैं कह सकती हूं कि अनुज और अनुपमा जरूर एक होंगे और तुम ये सब होता देखोगी। यह सब सुनते ही माया अनुपमा की मां को नमस्ते करती हैं तो वह चली जाती हैं, वहीं उधर अनुज वहां पहुंचता हैं और माया से कहता हैं कि मैं अपने दोस्त के फ्लैट पर रहने जा रहा हूं तुम्हें उसका address भेजूंगा छोटी को वहीं भेज देना। अनुज घर छोड़ कर अपने दोस्त के घर जाता हैं इधर माया कहती हैं कि अभी तो अनुज आप जा रहे हैं लेकिन जल्द ही आप मेरे पास वापस लौटेंगे वो भी बहुत जल्द.. मेरा प्यार आपको मेरे पास वापस जरूर लेकर आएगा।

कांता मां ने अनुपमा को कराया सच से सामना

इधर अनुपमा अपनी मां को बेसब्री से इंतजार करती हैं कि मां जल्दी ही अनुज और छोटी को वापस लेकर आएगी। वो भगवान के सामने ज्योति भी जलाती हैं, तभी अनुपमा की मां आती हैं जिसे देख कर अनुपमा भागी दौड़ी चली आती हैं और कहती हैं कि मां इतनी देर कहां लगा दी, छोटी अनु और अनुज को भी साथ लेकर आई हो क्या तुम,..फिर अनुपमा कहती हैं कि नहीं आए ना, मेरे कपाड़िया जी जब गुस्सा होते हैं तो वह आग बबूला हो जाते हैं लेकिन उन्हें सिर्फ मैं ही मना सकती हूं। अनुपमा अपनी मां के सामने सवालों की लाइन लगा देती हैं। तब अनुपमा की मां कहती हैं कि अनुज अब वापस नहीं आएगा, तू उसका इंतजार मत कर और अनुज तेरे बिना जी सकता हैं लेकिन अपनी बेटी के बिना नहीं इसलिए वह कभी वापस नहीं आएगा। यह सुनते ही अनुपमा पूरी तरह से टूट जाती हैं और खुद को कमरे में बंद कर लेती हैं।

अनुपमा खुद को करना चाहती हैं खत्म

वहीं इधर किंजल अनुपमा को फोन करती हैं तो उसका फोन नहीं लगता हैं जिसके बाद किंजल बापू जी से कहती हैं कि मम्मी का फोन नानी के पास हैं और नानी फोन नहीं उठा रही हैं। वहीं इधर वनराज बताता हैं कि वह अनुपमा से मिलने गया था वो अपना सुधबुध सब खो बैठी हैं। वहीं इधर अनुपमा अपने जिंदगी खत्म करना चाहती हैं वो अब जीना ही नहीं चाहती हैं जिसके बाद उसकी मां उसको हॉस्पिटल ले जाकर दिखाती हैं कि देखो ये जीना चाहते हैं लेकिन ऐसे पड़े हैं और भगवान ने तुझे मौका दिया और तुम ऐसे कर रही हैं। यह सब सुनते ही अनुपमा कहती हैं कि मां मैं वादा करती हूं कि मैं अब अपने लिए जिउंगी।