नई दिल्ली। 95वें ऑस्कर अवॉर्ड 2023 का वो पल जिस समय हमारे भारत के दो कलाकार विश्व के सर्वश्रेष्ठ अवॉर्ड को लेने के लिए ऑस्कर स्टेज पे खड़े थे वो वीडियो और फोटो शायद आप सभी के आंखो में बसी होगी। इस बार भारतीय प्रोडक्शन में बनी फिल्म आरआरआर के गीत नाटू-नाटू को पहली बार बेस्ट ओरिजिनल सॉन्ग की कैटेगरी में ऑस्कर अवॉर्ड मिला है। यह अवॉर्ड विश्व के किसी भी कलाकार के लिए सबसे बड़ा अवॉर्ड होता है। पहली बार किसी भारतीय सॉन्ग को ये अवॉर्ड मिला है। इसे लेने के लिए ऑस्कर स्टेज पर गए थे इस गाने को बनाने वाले म्यूसिक कम्पोज़र एम एम कीरवानी और लिरिक्स राइटर चंद्रबोस जी। एम एम कीरवानी ने इस दौरान ऑस्कर की स्टेज पर एक गाना भी गया था जिस पर सभी ने तालियां बजाईं थीं और आज वो हमारी यादों का हिस्सा हो गया है। ऑस्कर अवॉर्ड जीतने के बाद एम एम कीरवानी को अवॉर्ड लेने के बाद कुछ मलाल रह गया है जो वो स्टेज पर नहीं कर सके। यहां हम इस बारे में आपको बताएंगे।
Congratulations M.M. Keeravani @mmkeeravaani to win Best Original Song with his anthem “Naatu Naatu” from the hit Telugu-language film RRR @RRRMovie made history by becoming the first Indian film song to win an Oscar. #naatunaatu #RRR #oscars #Oscars2023 pic.twitter.com/UAaqsKtwBD
— timidmag (@timidmag) March 18, 2023
जैसा कि हमने आपको बताया कि ऑस्कर अवॉर्ड लेने के बाद एम एम कीरवानी ने अपनी विनिंग स्पीच में एक गीत गुनगुनाया था जिसे सभी ने पसंद किया था। लेकिन एम एम कीरावनी अपनी उस विनिंग स्पीच में कुछ ऐसा भी करना चाहते थे जो वो समय की कमी के कारण नहीं कर पाए। एम एम कीरावनी गलाटा प्लस के एक इंटरव्यू में बताते हैं कि वो अपनी स्पीच के बाद “जय हिंद” बोलना चाहते थे पर समय की कमी के कारण वो बोल नहीं सके।
एम एम कीरवानी कहते हैं, “इवेंट से पहले हमें अकादमी के प्रेजिडेंट की तरफ से सख्त निर्देश थे कि हमें अपनी स्पीच को मात्र 45 सेकण्ड के अंदर ही खत्म करना था। चाहे टीम के कितने भी लोग स्टेज पर हों लेकिन किसी एक को 45 सेकंड में स्पीच खत्म करना होगा। मेरे लिए 45 सेकंड में सब कुछ बयान कर पाना आसान नहीं था। इसलिए मैंने गीत गाया। लेकिन मेरे इस स्पीच में एक स्लोगन भी था जिसे मैं वहां नहीं कह पाया। मैं जय हिन्द बोलना चाहता था लेकिन मैं बोल नहीं सका क्योंकि लगातार मुझे अपनी बात को खत्म करने के लिए डिजिटली स्क्रीन पर कहा जा रहा था। ऐसे में इतने लोगों के बीच हर कोई नर्वस हो जाता है और मैं भी हो गया और मैं जय हिन्द बोलना भूल गया।”
हालांकि कीरवानी बताते हैं कि जब वो बैकस्टेज पर जा रहे थे तो उन्होंने और लिरिक्स राइटर चंद्रबोस दोनों ने डिजिटली “जय हिन्द” जरूर लिखा। समय की कमी होने के कारण कीरवानी को ये मलाल है कि वो जय हिन्द नहीं बोल सके और न ही उन आर्टिस्ट्स को क्रेडिट दे सके जिनका उस गाने और फिल्म में योगदान था। कीरवानी मानते हैं कि जब गोल्डन ग्लोब अवॉर्ड मिला था तब उन्हें अपनी स्पीच के लिए दो मिनट का समय मिला था जहां वो पूरी बात कह सके थे। और अपने साथी कलाकारों को क्रेडिट भी दे पाए थे।