नई दिल्ली। हॉलीवुड के बेस्ट डायरेक्टर में से एक क्रिस्टोफर नोलान की फिल्म ‘ओपेनहाइमर’ शुक्रवार को दुनियाभर के सिनेमाघरों में रिलीज की जा चुकी है। इस फिल्म को दर्शक खूब पसंद कर रहे हैं। फिल्म में एक्टर सिलियन मर्फी, रॉबर्ट डाउन जूनियर जैसे हॉलीवुड के मशहूर एक्टर्स ने काम किया है। फिल्म ओपेनहाइमर पहले परमाणु बम बनाने वाले भौतिक वैज्ञानिक जे. रॉबर्ट ओपेनहाइमर के जीवन पर आधारित है। फिल्म में ‘ओपेनहाइमर’ के द्वारा परमाणु बनाने से पहले और बाद के घटनाक्रमों को दर्शाया गया है। ये फिल्म भारत समेत दुनियाभर के बॉक्स ऑफिस पर कमाई के नए-नए रिकॉर्ड बना रही है। तो वहीं फिल्म के एक सीन को लेकर भारत में विवाद खड़ा हो गया है।
दरअसल, इस फिल्म में ‘ओपेनहाइमर’ की भूमिका निभा रहे एक्टर सिलियन मर्फी फिल्म के अंदर एक इंटिमेट सीन के दौरान संस्कृत का एक श्लोक बोलते हुए नजर आ रहे हैं। इस श्लोक को हिन्दुओं के धर्मग्रंथ भगवद गीता का हिस्सा बताया जा रहा है। जिसको लेकर भारत में कुछ लोग कड़ी आपत्ति जताकर इसे गीता का अपमान बता रहे हैं। ऐसे में बी आर चोपड़ा के लोकप्रिय शो ‘महाभारत’ में श्री कृष्ण की भूमिका निभा चुके एक्टर नितीश भारद्वाज ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है। तो चलिए आपको बताते है कि ‘महाभारत के कृष्ण’ ने आखिर क्या कहा…
रिपोर्ट्स के मुताबिक नितीश भारद्वाज ने फिल्म के इस सीन को लेकर कहा- ‘गीता मूल रूप से युद्ध के मैदान में अपना कर्तव्य कैसे निभाना है ये सिखाती है। हमारी लाइफ का भी स्ट्रगल मुख्य रूप से इमोशनल युद्ध का मैदान ही है। गीता के श्लोक 11.32 में अर्जुन को श्री कृष्ण ने एक योद्धा के रूप में अपने कर्तव्य का निर्वहन करने के लिए कहा था, जो कि बुराई के विरुद्ध लड़ना है। श्री कृष्ण के इस पूरे श्लोक को ठीक से समझना चाहिए। कृष्ण कहते हैं कि मैं शाश्वत काल हूं, जो हर चीज़ को मार डालेगा। इसलिए हर कोई मर जाएगा भले आप उसे न मारें। इसीलिए उचित है कि आप अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी निष्ठा से कीजिए।’
नितीश भारद्वाज गीता के इस ज्ञान को ओपेनहाइमर से जोड़ते हुए आगे कहते हैं कि – ‘ओपेनहाइमर के द्वारा बनाए गए परमाणु बम का उपयोग जापान की अधिकतम आबादी को खत्म करने के लिए किया गया था। वो ये सवाल खुद से कर रहे थे कि क्या उन्होंने अपने कर्तव्यों का निर्वहन ठीक से किया! उनके एक फेमस इंटरव्यू में भी उन्हें रोते हुए देखा गया था क्योंकि, शायद उन्हें अपने अविष्कार पर पछतावा था। उन्होंने बाद में शायद ये महसूस किया कि उनका ये अविष्कार भविष्य में पूरी मानव जाती को नष्ट कर सकता है, इसीलिए उन्हें पछतावा था। फिल्म में इस वर्स या यूं कहे कि इस सीन को ओपेनहाइमर की भावुक मनोदशा से भी समझना चाहिए। एक वैज्ञानिक अपने आविष्कार के बारे में 24x 7×365 दिन सोचता है, उसके माइंड स्पेस में सिर्फ और सिर्फ उसका क्रिएशन होता है और फिजिकल एक्ट सिर्फ एक नेचुरल मैकेनिकल एक्ट है’।