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Adipurush Controversy: मनोज मुंतशिर समेत ‘आदिपुरुष’ के मेकर्स को आया हाई कोर्ट का बुलावा, कोर्ट के फैसले ने बढ़ाई मुसीबत

Adipurush Controversy: आदिपुरुष के लेखक मनोज मुंतशिर निर्देशक ओम राउत और निर्माता भूषण कुमार को अब कोर्ट की तरफ से तलब किया गया है। दरअसल फिल्म आदिपुरुष पर बैन लगाने के लिए दायर की गई याचिका में इलाहबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक बड़ा आदेश दिया है।

नई दिल्ली। प्रभास और कृति सेनन स्टारर फिल्म आदिपुरुष रिलीज के बाद से लगातार विवादों में है। फिल्म को लेकर आए दिन कुछ न कुछ होता रहता है। देशभर से आलोचनाएं झेलने के बाद अदालत ने भी फिल्म के मेकर्स को लताड़ना शुरू कर दिया है। फिल्म आदिपुरुष के लेखक मनोज मुंतशिर निर्देशक ओम राउत और निर्माता भूषण कुमार को अब कोर्ट की तरफ से तलब किया गया है। दरअसल फिल्म आदिपुरुष पर बैन लगाने के लिए दायर की गई याचिका में इलाहबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक बड़ा आदेश दिया है। कोर्ट ने याचिका की अगली सुनवाई पर लेखक मनोज मुंतशिर निर्देशक ओम राउत और निर्माता भूषण कुमार को पेश होने के लिए कहा है।

निर्माता-निर्देशक को किया तलब

इलाहबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच ने फिल्म आदिपुरुष के प्रोड्यूसर भूषण कुमार डायरेक्टर ओम राउत और राईटर मनोज मुंतशिर को इन पर्सन तलब किया है। कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि अगली तारीख पर इन तीनों को अदालत के सामने पेश होना होगा। इसके साथ ही हाई कोर्ट ने एक पांच सदस्यों की कमिटी बनाने का भी आदेश दिया है। कोर्ट ने साफ़ कहा है कि कमिटी में दो सदस्य वाल्मीकि रामायण के ज्ञाता हों जो ये देखें कि फिल्म में जिस तरह से राम, सीता, हनुमान, रावण, विभीषण की पत्नी आदि का चित्रण किया गया है, क्या वो सही है। आदेश अनुसार इस कमिटी को 15 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट कोर्ट के सामने दाखिल करनी है।

सेंसर बोर्ड को भी लगाई फटकार

इससे पहले 27 को सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सेंसर बोर्ड को भी जमकर लताड़ा था और कहा था कि ‘क्या सेंसर बोर्ड ने अपनी जिम्मेदारी सही सही ढंग से निभाई है? आखिर ये प्रोपेगेंडा नहीं है तो और क्या है? जो राम भक्त है वो क्या सच में देखा पाएंगे ये फिल्म? ये तो अच्छा है कि ये उस धर्म के बारे में है, जिसके लोगों ने कोई पब्लिक ऑर्डर का प्रॉब्लम क्रिएट नहीं किया।’

इससे पहले जब 26 जून को याचिका पर सुनवाई हुई थी तब कोर्ट ने साफ़ कहा था कि सिर्फ रामायण ही नहीं बल्कि पवित्र कुरान, गुरु ग्रंथ साहिब और गीता जैसे धार्मिक ग्रंथों को तो कम से कम बख्श दीजिए, बाकी जो करते हैं वो तो कर ही रहे है। इसके साथ ही कोर्ट ने फिल्म के मेकर्स की अदालत में अनुपस्थिति पर कड़ा रुख दिखाया।