
नई दिल्ली। ‘एक दिन बिक जाएगा माटी के मोल, जग में रह जाएंगे प्यारे तेरे बोल…’ शोमेन राज कपूर की आवाज कहे जाने वाले मुकेश आज भी संगीत प्रेमियों के जेहन में जिंदा हैं। हिन्दी क्लासिक गानों के लिए मुकेश को आज भी याद किया जाता है। मुकेश ने राज कपूर के कई गानों को अपनी सुरीली आवाज से नवाजा है। जिसमें ‘ ‘दोस्त-दोस्त न रहा’, ‘जीना यहां मरना यहां’, ‘कहता है जोकर’, ‘दुनिया बनाने वाले क्या तेरे मन में समाई’, ‘आवारा हूं’ और ‘मेरा जूता है जापानी’ जैसे पॉपुलर गाने शामिल हैं। भारत ही नहीं बल्कि विदेशों में भी मुकेश काफी मशहूर रहे। हिन्दी सिनेमा में मुकेश को हमेशा उनके अविस्मरणीय योगदान के लिए याद किया जाता रहेगा।
नहीं बनना चाहते थे सिंगर
पढ़ाई में अच्छे न होने के कारण मुकेश ने अपनी पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी थी। शायद ये बहुत काम लोग जानते होंगे कि मुकेश कभी भी एक सिंगर बनना नहीं चाहते थे और उनके पिता तो बिल्कुल नहीं चाहते थे कि बेटा गायक बने। एक बार मुकेश अपने एक रिश्तेदार मोतीलाल की बहन की शादी में गाना गा रहे थे। मोतीलाल को मुकेश की आवाज इतनी पसंद आई कि वो उन्हें मुंबई लेकर आ गए और संगीत की ट्रेनिंग दी। इस तरह मुकेश के संगीत का सफर शुरू हुआ और देखते ही देखते वो संगीत जगत का चमकता हुआ सितारा बन गए।
रिकॉर्डिंग के दिन रखते थे उपवास
मुकेश के बारे में ऐसा कहा जाता है कि उनको संगीत से इतना प्यार था कि जिस दिन उनके गाने की रिकॉर्डिंग होती थी उस दिन वो उपवास रखते थे। मुकेश अपने काम के प्रति इतना समर्पित थे कि जब तक उनकी रिकॉर्डिंग पूरी नहीं हो जाती थी तब तक वो सिर्फ गरम दूध और पानी ही लेते थे।
मुकेश ने अपने जीवन में हर तरह के गाने गाए हैं लेकिन उन्हें असली पहचान उनके दर्द भरे गानों से मिली। आपको बता दें कि मुकेश फिल्मफेयर अवॉर्ड पाने वाले पहले पुरुष गायक थे। आज ही के दिन 27 अगस्त 1976 को अमेरिका मे एक स्टेज शो के दौरान दिल का दौरा पड़ने से महान गायक मुकेश का निधन हो गया। उस समय वह एक दिन बिक जाएगा माटी के मोल, जग में रह जाएंगे प्यारे तेरे बोल’ गाना गा रहे थे।