
नई दिल्ली। आज पंकज त्रिपाठी (Pankaj Tripathi) को कौन नहीं जानता है। हर कोई उनकी एक्टिंग और उनके व्यवहार को पसंद करता है। बॉलीवुड (Bollywood) से इतर दुनिया से आए पंकज त्रिपाठी ने दर्शकों पर ऐसा रंग जमाया है कि वो अब निकलने का नाम ही नहीं ले रहा है। मिर्ज़ापुर सीरीज (Mirzapur) से प्रसिद्ध हुए पंकज त्रिपाठी हाल ही में क्रिमिनल जस्टिस (Criminal Justice) जैसी सीरीज में दिखे थे, जहां उनके प्रदर्शन को खूब सराहा गया है। एक से बेहतरीन फिल्में करने वाले पंकज त्रिपाठी का क्रेज़ दर्शकों के बीच बढ़ता ही जा रहा है। सिर्फ बॉलीवुड ही नहीं बल्कि दक्षिण भाषा के निर्देशकों भी, पंकज त्रिपाठी के साथ काम करना चाहते हैं| ये बात पंकज त्रिपाठी ने खुद एक इंटरव्यू में बताई है। जब बॉलीवुड के तमाम कलाकार दक्षिण भाषा की फिल्मों में काम करना चाहते हैं ऐसे में पंकज त्रिपाठी दक्षिण भाषा की फिल्मों को करने से मना क्यों कर रहे हैं, यहां हम यही बात करने वाले हैं।
आजकल साउथ सिनेमा (South Cinema) बॉक्स ऑफिस पर ताबड़तोड़ तरीके से चल रहा है। लगातार बॉलीवुड फिल्म जहां फ्लॉप हो रही हैं, वहीं साऊथ सिनेमा हिट फिल्म दे रहा है और दर्शक भी साउथ सिनेमा के दीवाने बने हुए हैं। जब साउथ सिनेमा दर्शकों के सिर पर चढ़कर बोल रहा है ऐसे में कई बड़े स्टार इस मौके का फायदा उठा रहे हैं और या तो साउथ की ही फिल्म को रीमेक में बना रहे हैं या तो साउथ की फिल्मों में काम कर रहे हैं। लेकिन ऐसे में पंकज त्रिपाठी जैसा कलाकार साउथ फिल्मों को रिजेक्ट कर रहा है।
अभी गोआ में इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ़ इंडिया चल रहा है। जिसे हम इफ्फी (IFFI Goa) के नाम से भी जानते हैं। ये एक ऐसा फिल्म फेस्टिवल है जहां देशभर की फिल्में दिखाई जाती हैं। तमाम स्टार्स और फिल्म जगत के लोग इस इवेंट में पहुंचते हैं और बातचीत करते हैं। इसी इवेंट में गए पंकज त्रिपाठी ने, एक इंटरव्यू में बताया, “मैं हिंदी सिनेमा को प्राथमिकता देता हूं, जबकि भाषा मेरे लिए कोई अवरोध नहीं है। ऐसा सिर्फ इसलिए क्योंकि मैं हिंदी को समझता हूं, उसकी भावनाओं उसकी बारीकियों को जानता हूं इसलिए मेरे लिए वही सुविधाजनक है।”
पंकज त्रिपाठी ने ये भी बताया कि वो हिंदी के साथ सुखद अनुभूति करते हैं और उसमें रहकर वो फिल्म के लिए अपना बेस्ट शॉट दे सकते हैं। उन्होंने कहा, “हॉलीवुड को भूल जाइए, मुझे तेलुगु और मलयालम फिल्ममेकर्स की तरफ से ऑफर मिले, लेकिन मुझे लगता मैं उन फिल्मों के साथ न्याय करने के काबिल नहीं हूं, मैं उनकी भाषा को बोल नहीं पाऊंगा।” इसके अलावा उन्होंने बताया कि उन्होंने एक्टिंग के लिए पश्चिमी देशों की बहुत सी किताबें पढ़ीं हैं। भारत की बहुत सी किताबें पढ़ी हैं लेकिन वो अनुसरण भारत के नाट्य शास्त्र का करते हैं उसी से ज्यादातर बातें सीखते हैं।
पंकज त्रिपाठी ने ऐसे मौके पर ये बात की है जब आम तौर पर दर्शक, साउथ फिल्मों की ओर भाग रहे हैं और साउथ की तमाम फिल्मों का हिस्सा हो रहे हैं। ऐसे में पंकज त्रिपाठी ने हिंदी सिनेमा को तवज्जो दिया है, किसी अन्य भाषा के सिनेमा को कटाक्ष किए बगैर। हमेशा की तरह पंकज त्रिपाठी की यही शैली लोगों को एक बार फिर खूब पसंद आ रही है।