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Pathaan: शाहरुख खान और पठान फिल्म की बढ़ी मुश्किलें, सेंसर बोर्ड ने फिलहाल प्रमाण पत्र देने से किया इंकार

Pathaan: पठान फिल्म का लम्बे समय से भीषण विरोध चल रहा था, हालांकि शाहरुख खान लगातार ये दिखाने की कोशिश कर रहे थे कि उन्हें इस विरोध से कोई फर्क नहीं पड़ता है। लेकिन अब जब सेंसर बोर्ड से उनकी फिल्म को प्रमाण पत्र मिलने से रोक लग गई है, इससे उनकी फिल्म को असर जरूर पहुंच सकता है। यहां हम इसी मामले पर बात करेंगे।

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नई दिल्ली। पठान फिल्म के लिए नई मुश्किलें आकर खड़ी हो गई हैं। जी हां फिल्म और फिल्म के गाने बेशरम रंग को लेकर जो विरोध जनता के बीच काफी समय से चल रहा था। अब उस विवाद ने नया रंग ले लिया है। केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड यानी सीबीएफसी ने अब ये निर्णय लिया है कि पठान फिल्म को प्रमाण पत्र तभी जारी किया जाएगा, जब वो अपनी फिल्म और गानों में सुधार करेंगे। सेंसर बोर्ड ने पठान फिल्म को फ़िलहाल सर्टिफिकेट देने से रोक दिया है और उनका कहना है कि फिल्म में कुछ जरूरी काट-छांट होने के बाद ही फिल्म को प्रमाण पत्र या सर्टिफिकेट दिया जा सकता है। पठान फिल्म का लम्बे समय से भीषण विरोध चल रहा था, हालांकि शाहरुख खान लगातार ये दिखाने की कोशिश कर रहे थे कि उन्हें इस विरोध से कोई फर्क नहीं पड़ता है। लेकिन अब जब सेंसर बोर्ड से उनकी फिल्म को प्रमाण पत्र मिलने से रोक लग गई है, इससे उनकी फिल्म को असर जरूर पहुंच सकता है। यहां हम इसी मामले पर बात करेंगे।

पठान फिल्म का गाना बेशरम रंग जब से रिलीज़ हुआ, तब से लगातार पठान फिल्म, शाहरुख खान और दीपिका पादुकोण को विरोध का सामना करना पड़ रहा है। बेशरम रंग गाने में भगवा बिकनी और भगवा रंग को बेशरम रंग कहना, पठान फिल्म के मेकर्स को भारी पड़ने वाला है। अब सेंसर बोर्ड ने फिल्म को प्रमाणपत्र देने से फ़िलहाल के लिए इंकार कर दिया है। सेंसर बोर्ड का कहना है कि पठान फिल्म और उसके गाने बेशरम रंग में कुछ काट-छांट की आवश्यकता है और जब वो इस आवश्यकता को पूर्ण कर देते हैं तभी उसे सेंसर बोर्ड की तरफ से प्रमाण पत्र दिया जाएगा।

ऐसा बताया जा रहा है कि जब फिल्म सर्टिफिकेशन के लिए सेंसर बोर्ड के पास गई तो ऐसा पाया गया कि पठान फिल्म निश्चित गाइडलाइन का पालन नहीं करती है। जिसके बाद सेंसर बोर्ड के चेयरमैन प्रसून जोशी ने पठान फिल्म के मेकर्स से फिल्म में सुधार करने को कहा है। प्रसून जोशी ने खुद ये बताया है कि फिल्म को सेंसर बोर्ड के अधिकारीयों ने देखा है और उन्होंने फिल्म में निश्चित बदलाव करने को कहा है। जोशी ने बताया,”सीबीएफसी हमेशा ये ध्यान रखती है कि रचनात्मक स्वतंत्रता के नाम पर दर्शकों की भावनाओं से खिलवाड़ न किया जाए। जोशी ने कहा हमारी संस्कृति गौरवशाली, और जटिल है और हमें ये ध्यान रखना चाहिए कि मेकर्स और दर्शकों के बीच का विश्वास हमेशा बना रहे।

बेशरम रंग गाने के बाद विवाद बहुत तेज़ी से बढ़ा था और तमाम प्रकार के संत और पुजारी ने फिल्म के गाने का विरोध किया था। सबकी नाराज़गी फिल्म में मौजूद बेशरम रंग गाने में दिखाए गए भगवा रंग वाली बिकनी से थी। सभी ने उस पर आपत्ति दर्ज़ कराई और अब सीबीएफसी की तरफ से ये एलान किया गया कि मेकर्स को फ़िलहाल के लिए सर्टिफिकेट देने से रोक दिया गया है और मेकर्स को, फिल्म और फिल्म के गाने में बदलाव करने को कहा है। हालांकि अभी ये सुनिश्चित हो नहीं पाया है कि ये बदलाव फिल्म के गाने बेशरम रंग को लेकर है या किसी और दृश्य और संवाद को लेकर है।

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