newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

लॉकडाउन के दौरान परिवार के साथ रहने के लिए आभारी हूं : रणविजय

रणविजय ने कहा,  “सेना की पृष्ठभूमि से होने के चलते, कुछ पल ऐसे भी थे, जब मैं अपने पिता से महीनों नहीं मिला हुआ होता था। उस वक्त वह श्रीनगर में थे। मेरी मां, मेरा भाई और मैं चार-पांच दिनों तक उनके कॉल के इंतजार में रहते थे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सब कुछ ठीक है।”

नई दिल्ली।  लॉकडाउन की इस अवधि में अपने परिवार के साथ रहने के चलते अभिनेता रणविजय सिंह अपना आभार जताते हैं। उनका कहना है कि वह यह समझ नहीं पा रहे हैं कि अपने परिवार के साथ घर पर रहने वाले लोग इतने परेशान क्यों हो रहे हैं। रणविजय ने आईएएनएस को बताया, “सच कहूं, मुझे पानी के ग्लास को आधा भरा हुआ देखना सिखाया गया है।”

Rannvijay Singh

रणविजय ने कहा,  “सेना की पृष्ठभूमि से होने के चलते, कुछ पल ऐसे भी थे, जब मैं अपने पिता से महीनों नहीं मिला हुआ होता था। उस वक्त वह श्रीनगर में थे। मेरी मां, मेरा भाई और मैं चार-पांच दिनों तक उनके कॉल के इंतजार में रहते थे, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सब कुछ ठीक है।”


वह आगे कहते हैं, “मुझे वह समय आज भी याद है और आज मैं अपने परिवार के साथ घर पर बैठा हूं। देखने के लिए हमारे पास कई सारी चीजें हैं, अच्छी किताबें हैं, बच्चों के साथ करने के लिए कई मजेदार चीजे हैं। मेरे माता-पिता भी चंडीगढ़ में हैं, जहां वे रहा करते हैं। मैं आभारी हूं कि लॉकडाउन के इस समय में मैं अपने परिवार के साथ हूं। मैं आभारी हूं कि गर्मी, भूख जैसी समस्याओं से निपटने के लिए हमारे पास संसाधन मौजूद हैं, हम आराम से अपने घर पर रह रहे हैं। मुझे समझ में नहीं आता कि घरों के अंदर अपने परिवार के साथ रहने वाले लोग भी क्यों इस वक्त परेशान हैं। वाकई में मेरे लिए समझना मुश्किल है।”