Selfiee Review: सेल्फी रिव्यू, अक्षय कुमार और इमरान हाशमी की “सेल्फी” है एंटरटेनमेंट, ट्वीस्ट-टर्न का तगड़ा डोज़, पैसावसूल

Selfiee Review: आप में से बहुत से लोग होंगे जो जानना चाहते होंगे की फिल्म कैसी है ? आपको देखने, जाना चाहिए या नहीं ? मुख्य तौर पर अक्षय कुमार और उनके प्रशंसक इस इंतज़ार में होंगे कि 2022 का सूखा 2023 में खत्म होगा या नहीं ? आप में से बहुत से ऐसे दर्शक होते हैं जो रिव्यूज़ का इंतज़ार करते हैं| और उसके बाद रिव्यू में जैसा फिल्म को बताया जाता है वैसे ही आप अपना निर्णय खुद तय करते हैं। तो यहां मैं आपके लिए ही फिल्म के बारे में बताने के लिए हाज़िर हूं।

Avatar Written by: February 24, 2023 10:02 am

नई दिल्ली। आपको हेडलाइन देखकर ये समझ आ ही गया होगा कि हम यहां सेल्फी फिल्म का रिव्यू करने जा रहे हैं। सेल्फी आज यानी 24 फरवरी 2023 को रिलीज़ हो गई है। इस फिल्म में अक्षय कुमार, इमरान हाशमी, डायना पेंटी और नुसरत भरुचा जैसे मुख्य कलाकारों ने काम किया है। मुख्यतः ये फिल्म अक्षय कुमार और इमरान हाशमी के बीच होने वाली टशल पर चलती है। आप में से बहुत से लोग होंगे जो जानना चाहते होंगे की फिल्म कैसी है ? आपको देखने, जाना चाहिए या नहीं ? मुख्य तौर पर अक्षय कुमार और उनके प्रशंसक इस इंतज़ार में होंगे कि 2022 का सूखा 2023 में खत्म होगा या नहीं ? आप में से बहुत से ऐसे दर्शक होते हैं जो रिव्यूज़ का इंतज़ार करते हैं| और उसके बाद रिव्यू में जैसा फिल्म को बताया जाता है वैसे ही आप अपना निर्णय खुद तय करते हैं। तो यहां मैं आपके लिए ही फिल्म के बारे में बताने के लिए हाज़िर हूं।

अक्षय कुमार की ये इस साल की पहली फिल्म है इसके अलावा अक्षय कुमार इस साल कई अन्य फिल्म में दिखने वाले हैं। खिलाड़ी कुमार की इस साल की शायद 4-5 फिल्म सिनेमाघर में रिलीज़ होनी है और उस हिसाब से बात करें तो अक्षय कुमार ने कंटेंट के मामले में धमाकेदार ओपनिंग की है। सेल्फी फिल्म में आपको एक बढ़िया कहानी देखने को मिलती है अच्छी परफॉर्मेंस देखने को मिलती है और आप बैठकर फिल्म को एन्जॉय कर सकते हैं। मजा आयेगा। ये कहना गलत नहीं होगा कि काफी समय बाद कोई ऐसी फिल्म दिखी है जिसकी असल में प्रॉपर हैप्पी एंडिंग है। जिसके बाद आपका मूड फ्रेश हो जाता है। जिसके बाद आप पूरी तरह से चिल हो जाते हैं।

तो अगर आपका ऑफिस से मूड खराब है, अगर आपका किसी से कोई झगड़ा है या आप किसी प्रकार के डिप्रेशन में हैं। तो आप जाइए और फिल्म देखकर आइए। फिल्म आपको एंटरटेनमेंट का तगड़ा डोज़ देगी| आपको कहानी शुरू के 5-10 मिनट के बाद पूरी तरह से बांध लेगी। ये अलग बात है कि ये फिल्म कोई यूनीक सब्जेक्ट नहीं है लेकिन एंटरटेनमेंट के लिहाज़ से एक बेहतरीन फिल्म है आपका मूड सेट करने के लिए ये एक अच्छी फिल्म है जिसे जरूर देखना चाहिए। अगर आप ऐसी फिल्म देखना पसंद करते हैं जो प्रॉपर एंटरटेनमेंट फिल्म हो, जिसमें ज्यादा ज्ञान न हो। जो आपके गम को कुछ समय के लिए आपसे दूर कर दे। तो आप बिना कुछ सोचे जाइए और जरूर फिल्म को देखकर आइए।

थोड़ा सा तफ्शील से बात करते हैं। कहानी आरटीओ इंस्पेक्टर ओम प्रकाश अग्रवाल और सुपरस्टार विजय कुमार की है। विजय कुमार का किरदार अक्षय कुमार ने और आरटीओ इंस्पेक्टर कर किरदार इमरान हाशमी ने निभाया है। ओम प्रकाश अग्रवाल, सुपरस्टार विजय कुमार को अपना भगवान मानते हैं क्योंकि वो उनके बड़े वाले प्रशंसक हैं। लेकिन कुछ बाहरी तत्वों की वजह से कुछ ऐसा हो जाता है कि भक्त और भगवान में बुरी तरह से लड़ाई हो जाती है। सुपरस्टार विजय कुमार को अपनी फिल्म पूरी करने के लिए ड्राइविंग लाइसेंस की आवश्यकता होती है वहीं आरटीओ ऑफिसर ओम प्रकाश अग्रवाल जो हेलीकॉपटर का ड्राविंग लाइसेंस दिलाने को राजी था अपने सुपरस्टार को, वही इस बात पर अड़ जाता है कि अब चाहे जो भी जाए वो सुपरस्टार का ड्राविंग लाइसेंस बनने नहीं देगा। अब ड्राइविंग लाइसेंस बनता है या नहीं दोनों की लड़ाई कहां तक चलती है ? कौन किस पर भारी पड़ता है ? किस वजह से फैन और सुपरस्टार में लड़ाई हो जाती है ? फैन और सुपरस्टार में कौन गलत और कौन सही है ? लास्ट में फैन और सुपरस्टार में से कौन और कैसे जीतेगा ? इसी को लेकर पूरी कहानी बकायदा ट्वीस्ट एंड टर्न के साथ  तेज़ रफ़्तार वाली ट्रेन की तरह भागती रहती है।

मैं जब इस फिल्म को देखने लिए गया तो मुझे इस फिल्म से कोई भी आशा नहीं थी। मुझे लगा था कि अक्षय कुमार एक बार फिर निराश करेंगे लेकिन फिल्म खत्म करने के बाद मुझे ये एहसास हुआ कि शायद मैं अगर इसे नहीं देखता तो एंटरटेनमेंट के जश्न में मैं शामिल नहीं हो पाता। फिल्म की कुछ परफॉर्मेंस “ताली बजाने वाली” और “सीटीमार” हैं। अगर इस फिल्म की पटकथा की बात करें तो पटकथा को 5 में से 4 अंक मिलने चाहिए क्योंकि उसने आपको जरा भी इधर-उधर होने नहीं दिया और प्रॉपर कुर्सी की पेटीं पर बांधकर आपको एन्जॉय कराया है। वहीं अगर कलाकारों के परफॉर्मेंस की बात करें तो मुख्य कलाकारों ने तो अपना काम अच्छे से निभाया है वहीं छोटे से किरदार में अभिमन्यु सिंह और मेघना मालिक ने दिल जीत लिया है। इन्हें जरूर आपको देखने के लिए जाना चाहिए। मैं क्यों कह रहा हूं कि इन्हें देखने आपको जाना चाहिए क्योंकि इनका किरदार भले छोटा हो लेकिन फिल्म के  बीच-बीच में और क्लाइमैक्स में इनका अहम रोल है जो कि कह सकते हैं  फिल्म की आत्मा है। आपको ख़ास इन दोनों को देखने जाना चाहिए कि भले एक छोटा सा किरदार है लेकिन किरदार आपको याद रह जाता है।

अक्षय कुमार ने बेहतरीन फिल्म से शुरुआत की है। पहले कुछ जगह पर फिल्म अखरती है थोड़ी सी निराशा होती है लेकिन उसके बाद जब फिल्म आगे बढ़ती है और सुपरस्टार विजय कुमार और अग्रवाल साहब का शुरुआत में सामना होने वाला होता है तब फिल्म उत्सुकता बढ़ाती है। बल्कि आगे फिल्म में जब भी दोनों लोग एक दूसरे के सामने आते हैं तो ये उत्सुकता बढ़ती है कि, आगे क्या होगा ?  कौन किस पर भारी पड़ेगा ?  क्योंकि जैसे ही कुछ समय के लिए विजय कुमार भारी पड़ता है तुरंत ही अग्रवाल साहब भारी पड़ जाते हैं। दोनों एक-दूसरे से बराबरी की लड़ाई लड़ रहे होते हैं जिसमें कभी सुपरस्टार जीतता है तो कभी आरटीओ इंस्पेक्टर। और इसी हार- जीत  में आप फिल्म का पूरा मजा लूट रहे होते हैं।

इमरान हाशमी ने अच्छी परफॉर्मेंस दी है| कैसे एक भक्त से वो सख्त आरटीओ ऑफिसर हो जाते हैं ऐसा रूप कोई बहरूपिया ही बदल सकता है। कमाल की परफॉर्मेंस उन्होंने निभाई है। इमरान हाशमी और अक्षय कुमार दोनों के किरदार को बैलेंस इम्पोर्टेन्ट भी मिली है, न किसी का कम न किसी का ज्यादा। जैसे इंटरवल के पहले इमरान हाशमी की वाहवाही हो रही होती है| लोगों की सहानुभूति इमरान हाशमी से होती है वहीँ इंटरवल के बाद स्क्रीन में मौजूद लोग और कुर्सी पर बैठे हम जैसे दर्शक अक्षय कुमार से सहानुभूति रखने लगते हैं, अक्षय कुमार की वाहवाही होने लगती है। ऐसे में दोनों की टशल बेहतरीन चलती  रहती है। मैं इस बात को बार-बार कह रहा हूं लेकिन जिस तरह से दोनों एक दूसरे को लुक देते हैं आप फिल्म में डूब जाते हो।  जब आपके दो हीरो आपस में लड़ रहे होते हैं तो आपको ज्यादा मज़ा आता है क्योंकि आप इस इंतज़ार में होते हो कि कौन जीतेगा। और यही इंतज़ार में आपको फिल्म अपना मज़ा दे रही होती है। जिस इमरान हाशमी के साथ पूरी मीडिया और लोगों की सहानुभूति होती है एक समय वही इमरान अकेले पड़ जाते हैं और अक्षय की बड़ी- बड़ी होर्डिंग्स लग जाती है। पूरा सपोर्ट एक तरफ से दूसरी तरफ, पटकथा के माध्यम से ऐसे बदल जाता है कि आप एक पल में इस किरदार से सहानुभूति रखते हो, एक पल में दूसरे किरदार से। ऐसे में दोनों ही किरदार से आप जुड़े हुए रहते हो।

एक सीन है जहां दोनों का आमना-सामना होता है जहां सुपर स्टार विजय कुमार यानी और  आरटीओं इंस्पेक्टर यानी इमरान हाशमी के पास ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने का टेस्ट देने जाते हैं अब उस सीन में इमरान हाशमी, अक्षय कुमार से 10 प्रश्न पूछते हैं अगर अक्षय कुमार ने सही जवाब दे दिए तो ही अक्षय कुमार पहला स्टेप पास हो पाएंगे। इस सीन को काफी इंट्रेस्टिंग बनाया है। फिर उसी सवाल जवाब में इमरान जीतने लगते हैं तो आपको लगता है इमरान जीत जाएगा। आप इतना ही सोच रहे होते हैं तुंरत बाजी पलट जाती है और अक्षय कुमार जीत जाता है। तो इस तरह से पूरी फिल्म में लगभग दोनों के बीच में जो लड़ाई चलती है ऐसे में कौन जीतेगा और कैसे जीतेगा ? ये प्रश्न आपको फिल्म से जोड़े रखता है, एंटरटेनमेंट के साथ थ्रिल बना रहता है। इसके अलावा आपको बीच-बीच में कुछ जगह पर तालीमार सीन भी मिलते हैं।

तो ओवरआल ट्वीस्ट और टर्न से भरी हुई फिल्म है और बाद में कैसे अक्षय कुमार को ड्राइविंग लाइसेंस मिलता है। वो लास्ट का क्लाइमैक्स यहां रीवील नहीं कर सकते हैं वो जबरदस्त है, और इमोशनल है। तो ये  आपकी जरूर देखी जाने वाली फिल्म होनी चाहिए। अगर आप भी मेरी तरह ये सोच रहे हैं कि यार बेकार फिल्म होगी तो शायद आप गलत कर रहे हैं क्योंकि ये एक बेहतरीन फिल्म है। फैमिली एंटरटेनर, हैप्पी एंडिंग वाली फिल्म है जिसे देखकर आपको मजा आने वाला है। तो अगर एक अच्छी फिल्म देखना चाहते हैं और परिवार वालों के साथ कुछ अच्छा कंटेंट देखना चाहते हैं जिसके बाद सबको मजा आ जाए तो एक बार आपको सेल्फी जरूर देखनी चाहिए। मेरा यक़ीन है आप बिल्कुल भी निराश नहीं होंगे। मेरी तरफ से फिल्म को चार स्टार।