newsroompost
  • youtube
  • facebook
  • twitter

Jagdeep Birth Anniversary: गुरबत में बीता था शोले के सुरमा भोपाली का जीवन, यतीमखाने में खाना बनाकर पाला मां ने…

Jagdeep Birthday Anniversary: जगदीप ने अपने पूरे फिल्मी करियर गोरा-काला, जानवर और इंसान, अपना देश, जिगरी दोस्त जैसी कई सुपरहिट फिल्मों समेत 400 से ज्यादा फिल्मों में काम किया था। उनका नाम सिनेमा के कॉमिक आइकॉन्स में जॉनी वॉकर और महमूद के बाद आख़िरी रखा जाता है।

नई दिल्ली। 70-80 के दशक की सुपरहिट फिल्म शोले में सूरमा भोपाली के नाम से मशहूर हुए एक्टर जगदीप का आज जन्मदिन है। 29 मार्च 1939 में मध्य प्रदेश के ‘दतिया’ में जन्में जगदीप का असली नाम ‘सैयद इश्तियाक अहमद जाफरी’ था। जगदीप के बचपन में ही उनके पिता का देहान्त हो गया था। देश के बंटवारे के बाद वो मध्य प्रदेश से मुंबई में आकर बस गए थे। यहां उन्हें काफी मुश्किल भरे दिन बिताने पड़े। उनका बचपन बहुत गरीबी में गुजरा था। बताया जाता है कि जगदीप की मां यतीमखाने में खाना बनाकर अपना गुजारा करती थीं। इसी तरह के छोटे-मोटे काम करके उन्होंने बेटे जगदीप को पाला। आर्थिक तंगी के चलते जगदीप को पढ़ाई छोकर नौकरी करनी पड़ी। जगदीप ने अपने करियर की शुरुआत साल 1951 में आई बीआर चोपड़ा की फिल्म, अफसाना से बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट से की थी, जिसमें काम करने के लिए उन्हें तीन रुपए मिले थे। एक इंटरव्यू के दौरान जगदीप ने बताया था कि ”वो पतंगे बनाते थे और साबुन बेचा करते थे। उन्होंने आगे बताया कि एक दिन जगदीप सड़क पर काम कर रहे थे, तभी वहां एक आदमी आया, जो फिल्मों में काम करने के लिए बच्चों की तलाश कर रहा था। उन्होंने जगदीप से पूछा कि एक्टिंग करोगे?” इस पर जगदीप ने उनसे पूछा – ”कितने रुपए मिलेंगे?” उसने जवाब दिया- ”तीन रुपए।” जगदीप ने इस पर तुरंत हां कर दी। फिल्म में उन्हें एक बच्चे का रोल निभाना था, जो चुपचाप नाटक देख रहा था। उसी दौरान एक चाइल्ड आर्टिस्ट को एक डायलॉग बोलना था, लेकिन वो बोल नहीं पाया। इस पर जगदीप ने ये डायलॉग बोल दिया, जिस पर उन्हें छह रुपए और मिले।

शोले के ‘सूरमा भोपाली’ का किरदार भोपाल के फॉरेस्ट ऑफिसर नाहर सिंह पर आधारित था। इस ऑफिसर को बड़ी-बड़ी डींगे मारने की आदत थी। इसी वजह से लोगों ने उसका नाम ‘सूरमा’ रख दिया था। कहा जाता है कि शोले के लेखक सलीम-जावेद से नाहर सिंह की अक्सर मुलाकात होती रहती थी। सूरमा भोपाली का किरदार काफी पॉपुलर हुआ तो लोग नाहर सिंह का मजाक बनाने लगे। जगदीप ने बताया कि एक बार मैं वहां से निकल रहा था, तभी उसने मुझे रोककर कहा-”कहां जा रहे हो खां।” मैं उन्हें पहचान नहीं पाया, तो नाहर सिंह ने कहा, ”मुझे देखो मेरा रोल किया है और मुझे ही नहीं पहचानते हो। दो साल का बच्चा भी लकड़हारा कहकर मेरा मजाक बना रहा है।”

जगदीप बताते हैं कि ”अंत में जॉनी वॉकर ने उसे समझा-बुझाकर वापस भोपाल भेजा।” जगदीप ने अपने पूरे फिल्मी करियर ‘गोरा-काला’, ‘जानवर और इंसान’, ‘अपना देश’, ‘जिगरी दोस्त’ जैसी कई सुपरहिट फिल्मों समेत 400 से ज्यादा फिल्मों में काम किया था। उनका नाम सिनेमा के कॉमिक आइकॉन्स में जॉनी वॉकर और महमूद के बाद रखा जाता है। बता दें, जगदीप कॉमेडियन एक्टर जावेद जाफरी के पिता हैं। 8 जुलाई 2020 को जगदीप इस दुनिया से अलविदा कह गए।