नई दिल्ली। इनदिनों वेलेंटाइन वीक चल रहा है। इन दिनों में प्यार करने वाले एक-दूसरे को तोहफे देते हैं और अपनी मोहब्बत को सेलिब्रेट करते हैं और जो लोग किसी को पसंद करते हैं तो वो लोग भी इन दिनों में अपने प्यार का इजहार करते नजर आते हैं। आज 10 फरवरी है और वेलेंटाइन वीक का आज टेडी डे है। जब भी प्यार की बात आती है तो हिंदी फिल्मों का नाम हमेशा सबसे ऊपर आता है। बॉलीवुड साल दर साल सोसाइटी में इश्क़ और मोहब्बत का नया आयाम सेट करता आया है। दिल वाले दुलहनियां ले जाएंगे हो या वीर-ज़ारा, दिल तो पागल है हो या दिलीप साहब की मुगले -आजम, इन फिल्मों ने रुपहले पर्दे पर जिस तरह से रोमांस को फिल्माया है, उसने प्यार करने वालों को प्यार करने की परवाज अदा की है, उन्हें इश्क़ के नए पंख दिए हैं।
दुनिया को एक से बढ़कर एक रोमांटिक फ़िल्में देने वाले बॉलीवुड में अब लगता है प्यार की कमीं हो गई है शायद यही वजह है कि आज वेलेंटाइन वीक में भी बॉलीवुड नई फ़िल्मों के बजाय दस – बीस साल पुरानी रोमांटिक हिंदी फ़िल्मों को री-रिलीज़ करने पर मजबूर है। अब ऐसा क्यों है इसकी चर्चा तो हम आगे करेंगे लेकिन पहले हम आपको बता देते हैं वेलेंटाइन वीक 2024 में दोबारा रिलीज़ की जाने वाली हिंदी फ़िल्मों के बारे में।
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इस हफ़्ते री-रिलीज़ हुई फ़िल्में
- जब वी मेट (2007)
- यह जवानी है दीवानी (2013)
- मोहब्बतें (2000)
- दिल तो पागल है (1997)
- प्यार का पंचनामा (2011)
- प्यार का पंचनामा 2 (2015)
- वीर ज़ारा (2004)
- दिलवाले दुल्हनिया ले जाएंगे (1995)
- तू झूठी मैं मक्कार (2023)
- सोनू के टीटू की स्वीटी (2018)
अब सवाल ये है कि इन तमाम फ़िल्मों में सिर्फ़ एक फ़िल्म “तू झूठी मैं मक्कार” को छोड़कर बाक़ी सभी फ़िल्में पांच-दस साल पुरानी है और कुछ तो 20 साल पुरानी भी। तो क्या बॉलीवुड के पास दिखाने के लिए कोई नई लव स्टोरी नहीं है ? इसका जवाब है शायद नहीं। हाल के दिनों में हम देख रहे हैं कि जिस तरह रिश्तों से इमोशन ग़ायब होता जा रहा है, लोग रिलेशनशिप से ज़्यादा सिचुएशनशिप में यक़ीन रखने लगे हैं। वैसे ही हमेशा इश्क़ और मोहब्बत के लिए जाना जाने वाला बॉलीवुड भी अब इमोशनलेस होता जा रहा है।
यहां जवान, पठान और एनिमल जैसी फ़िल्में तो बनती जा रही हैं जो बॉक्स ऑफिस पर धुंआधार कमाई करते हुए हज़ार करोड़ तो बटोरती है लेकिन दोबारा कोई राज मल्होत्रा नहीं बन पा रहा है जिसके पलट…पलट कहते हीं लड़कियों के दिलों की धड़कन तेज हो जाये।बॉलीवुड आज अपनी पुरानी आइकॉनिक रोमांटिक मूवीज़ को दोबारा रिलीज़ करने को मजबूर है क्योंकि आज के बॉलीवुड में ज़बरदस्त एक्शन , खून-ख़राबा और एडल्ट कंटेंट तो है लेकिन वीर प्रताप सिंह का वो इश्क़ मिसिंग है, जिसे देखने के लिए आज भी लोग थिएटर जाना पसंद करते हैं।
जहां आजकल थिएटर में रिलीज़ हुई फ़िल्मों को देखने के लिए लोग इसके OTT पर आने का इंतज़ार करते हैं, उसी जमाने मे अगर दर्शक वीर ज़ारा, DDLJ और ये जवानी है दीवानी जैसी फ़िल्मों को देखने के लिए आज भी थिएटर जा रहे हैं तो ये कहना ग़लत नहीं होगा कि बॉलीवुड को ज़रूरत है अपने उस स्वर्णिम काल को वापस लाने की जहां इस तरह की आइकॉनिक फ़िल्में बना करती थी, जिन्हें आज सालों बाद देखकर भी दर्शकों के दिल में जरूर कुछ कुछ होता है।