
नई दिल्ली। बीते दिन श्रद्धा मामले ने हम सभी को सदमे में डाल दिया है। जैसे जैसे उस मामले में छानबीन हो रही है और खबरें बाहर आ रही हैं लोगों के बीच लव जिहाद जैसी बातें और भी तेज़ी से चल रही हैं। लव जिहाद शब्द जब से 2008 में केंद्र में आया तब से ऐसे तमाम केस लव जिहाद से जुड़े हुए देखे जा चुके हैं। श्रद्धा मर्डर केस एक ऐसा ताजा मामला है जिसे भी लोग लव जिहाद के एंगल से ही देख रहे हैं। इसके अलावा लखनऊ का सूफियान मर्डर केस को भी लोग लव-जिहाद के एंगल से जोड़कर देख रहे हैं। ऐसे में लव जिहाद को बढ़ावा देने के लिए तमाम फिल्मों पर भी आरोप लग रहा है। बॉलीवुड (Bollywood) पर लगातार कोई न कोई आरोप लगते रहते हैं, कभी आरोप लगते हैं कि वो हिन्दू धर्म और संस्कृति के विपरीत फिल्म बनाता है तो कभी लव जिहाद जैसे मुद्दे को बढ़ाने के भी आरोप बॉलीवुड पर लगते आए है। ऐसे में हम आपको यहां उन फिल्म के बारे में बताएंगे जिन पर पहले भी लव जिहाद जैसे मुद्दे को बढ़ाने आरोप लगे हैं।
अतरंगी रे (Atrangi Re)
2021 में अतरंगी रे नाम की बॉलीवुड फिल्म आई जिस पर आरोप लगे कि वो लव जिहाद के मुद्दे को आगे बढ़ाती है। इस फिल्म में मुख्य किरदार के रूप में सारा अली खान (Sara Ali Khan), अक्षय कुमार (Akshay Kumar) और धनुष (Dhanush) काम कर रहे थे। इस फिल्म को लेकर जब लव जिहाद का मुद्दा उठा तो इस फिल्म का भी बहिष्कार किया गया था। ये फिल्म पर आरोप थे कि ये फिल्म धर्म पर आक्रमण करती है। इस फिल्म में दिखाया गया था कि कैसे एक हिन्दू लड़की एक मुस्लिम लड़के से प्यार करती है और उसके साथ भागने का प्रयास करती है। इस मुद्दे को बहुत ही प्रमुखता से दिखाने की कोशिश की गई है।
केदारनाथ (Kedarnath)
इस फिल्म पर भी लव जिहाद जैसे मुद्दे को बढ़ावा देने के आरोप लगे थे। इसके अलावा इस फिल्म के बाद केदारनाथ धाम के पुजारी ने फिल्म का खूब विरोध किया था। इस फिल्म के कई सारे सीन से भी लोगों ने आपत्ति दर्ज़ कराई थी। इस फिल्म को लेकर भी आरोप लगे थे कि फिल्म लव जिहाद के मुद्दे को बढ़ावा देती है।
तूफ़ान (Toofan)
परेश रावल (Paresh Rawal), मृणाल ठाकुर (Mrunal Thakur) और फरहान अख्तर (Farhan Akhtar) अभिनयकृत फिल्म के भी कई वीडियो वायरल हो रहे हैं। जहां परेश रावल, मृणाल ठाकुर को मुस्लिम लड़के से शादी करने से रोकते हैं। मृणाल को लव जिहाद के मुद्दे से आगाह कराते हैं और मृणाल कहती हैं कि उनका अज्जू ऐसा नहीं है। इस फिल्म के माध्यम से भी हिन्दू लड़की और मुस्लिम लड़की के विवाह को सही ठहराने की कोशिश की गई है। फिल्म में परेश रावल के किरदार को पुरानी सोच वाला दिखाया है जो कि हिन्दू है वहीं मुस्लिम लड़के को सीधा और शरीफ दिखाया है। जिसके बाद इस फिल्म को लेकर भी विवाद हुआ था और लोगों का कहना था कि इस फिल्म के माध्यम से कुछ ख़ास लोगों की छवि को साफ़ करने का प्रयास किया गया है।