
मुंबई। बॉलीवुड एक्ट्रेस कंगना रनौत (Kangana Ranaut) और महाराष्ट्र सरकार (Maharashtra Goverment) के बीच जारी जंग किसी से छुपी नहीं है। सुशांत सिंह राजपूत की मौत के बाद से एक्ट्रेस उद्धव सरकार पर लगातार हमलावर है। कभी महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, तो कभी शिवसेना नेता संजय राउत पर उन्होंने निशाना साधा। इतना ही नहीं उन्होंने मुंबई की तुलना पीओके से भी की। जिससे दोनों के बीच विवाद और बढ़ गया और महाराष्ट्र सरकार ने उनके ऑफिस पर हथौड़ा चलवा दिया। इसके बाद भी दोनों में जुबानी जंग जारी थी। लेकिन इन सबके बीच महाराष्ट्र सरकार ने एक्ट्रेस को सपोर्ट किया है।
दरअसल, हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने गुरुवार को कंगना रानौत का सपोर्ट किया है। महाराष्ट्र सरकार ने बॉम्बे हाईकोर्ट में कंगना के ट्विटर अकाउंट को स्थाई रूप से निलंबित किए जाने की मांग वाली याचिका का विरोध किया। सरकारी वकील वाई पी याग्निक ने कहा कि याचिकाकर्ता अली काशिफ खान देशमुख द्वारा की गयी मांगें अस्पष्ट हैं और याचिका को खारिज किया जाना चाहिए।
स्थानीय वकील काशिफ खान देशमुख ने अपनी याचिका में कहा कि कंगना अपने ट्विटर के माध्यम से देश में नफरत फैला रही हैं, जिसे रोकने के लिए एक्ट्रेस के अकाउंट को निलंबित या बंद करना चाहिए। याचिकाकर्ता ने कहा कि ट्विटर जैसे मंच के दुरुपयोग को रोकने के लिए देश के दिशा-निर्देशों और कानूनों का पालन करने का भी निर्देश दिया जाना चाहिए।
वहीं, सरकारी वकील याग्निक ने उनकी याचिका को गलत ठहराया। उन्होंने कहा, ”यह एक बहुत ही अस्पष्ट याचिका है। ट्विटर एक अंतरराष्ट्रीय संस्था है। कोई भी इस तरह अस्पष्ट मांगें नहीं कर सकता है।” साथ ही उनका कहना है कि ये दलील सही नहीं है और इसका निपटारा किया जाना चाहिए।
एक तरफ तो कंगना और महाराष्ट्र सरकार में जंग जारी थी, जिसकी आंच कंगना के ऑफिस और घर तक पहुंच गई थी। वहीं, अब वहां की सरकार ने उनका पक्ष लिया है। अब क्या वाकई मुंबई की सरकार ने कंगना के हित में कदम उठाया है या ये एक्ट्रेस को हराने के लिए कोई प्लान है। क्योंकि दो लोगों में 36 के आंकड़े के बीच अचानक ये कदम सोचने पर मजबूर तो करता है।