नई दिल्ली। Bad Newz जिसे सुनते ही कान खड़े हो जाये। पांचों इंद्रियां एकदम काम करना बंद कर दे और सच मानिए ये फ़िल्म भी बिलकुल ऐसी ही है। इसकी कहानी ने भई हमको तो हैरत में डाल दिया और मुझे उम्मीद है कि आपमें से भी 90 प्रतिशत लोग ऐसे होंगे जिन्हें पहली बार इस फ़िल्म की कहानी सुनकर थोड़ा अचंभा तो ज़रूर होगा। जी हां, हम बात कर रहे हैं फ़िल्म Bad Newz की जिसमें विक्की कौशल, तृप्ति ढीमरी और ऐमी विर्क जैसे सितारे नज़र आ रहे हैं। फ़िल्म के निर्देशक आनंद तिवारी हैं। फ़िल्म का लेखन ईशिता मोइत्रा और तरुण डुडेजा ने किया है। फ़िल्म को करण जौहर की धर्मा प्रोडक्शन ने प्रोड्यूस किया है। तो चलिए अब बिना किसी देर के एक नज़र डाल लेते हैं फ़िल्म की कहानी पर।
#OneWordReview…#BadNewz: FUN-TASTIC.
Rating: ⭐️⭐️⭐️⭐️
Ample laughs. Enjoyable jokes. Witty one-liners. Engrossing drama. Strong emotions… This well-crafted entertainer promises and delivers non-stop entertainment… #Boxoffice WINNER. #BadNewzReviewDirector #AnandTiwari… pic.twitter.com/NKb4W74JUS
— taran adarsh (@taran_adarsh) July 18, 2024
क्या है फ़िल्म की कहानी!!
Bad Newz की कहानी शुरू होती है सलोनी (तृप्ति ढीमरी) और अखिल चड्ढा (विक्की कौशल) की ड्रीम लैंड वाली प्रेम कहानी से। लेकिन ये प्रेम कहानी जितनी फ़ैरीटेल इन्हें लगती है उतनी होती नहीं है और शादी के कुछ ही महीनों बाद इनका तलाक़ हो जाता है। इसके बाद कहानी में ग़ुरबीर पन्नू (ऐमी विर्क) की एंट्री होती है लेकिन इन तीनों की ज़िंदगी में ट्विस्ट तब आता है जब सलोनी को पता चलता है कि वो ट्विन बच्चों के साथ प्रेगनेंट है लेकिन इसमें एक बच्चे का बाप अखिल (विक्की कौशल) है और दूसरे का बाप ग़ुरबीर (ऐमी विर्क) है। अब इसके बाद इन तीनों की ज़िंदगी में हड़कंप मच जाता है जो आपको थिएटर में बहुत हंसाने वाला है। अब आप सोच रहे होंगे कि आख़िर एक ही कोख में बच्चों के दो अलग-अलग बाप कैसे? सलोनी, अखिल और ग़ुरबीर की ज़िंदगी में आख़िर ऐसा क्या हुआ? ये क्या अजीबोग़रीब मेडिकल टर्म है? तो भैया इन सारे सवालों के जवाब के लिए तो आपको ये फ़िल्म देखनी पड़ेगी।
एक्टिंग:
एक्टिंग की बात करें तो विक्की कौशल ने हमेशा की तरह इस फ़िल्म में भी अपना जादू बरकरार रखा है। विक्की कौशल अखिल के किरदार में इस तरह ढले हैं कि मानों उन्हें बनाया गया हो एक ऐसे पंजाबी मुंडे के रोल के लिए। तृप्ति ढीमरी ने सलोनी के साथ न्याय किया है। इमोशनल सीन्स में भी उन्होंने काफी अच्छा काम किया है। ऐमी विर्क ने गुरबीर के किरदार को जिवंत किया है। हां लेकिन इस सब में विक्की कौशल फिर भी बाजी मार गए। उन्होंने कहीं न कहीं फिल्म में ऐमी को ओवरशैडो किया है। उनका चार्म पूरी फिल्म से आपको बांधे रखता है। बाकी कलाकारों ने भी अपने-अपने किरदार में शानदार काम किया है।
म्यूजिक:
फिल्म के गाने भी शानदार हैं। फिल्म के कुछ गाने पहले ही हिट हो चुके हैं। फिल्म में शाहरुख खान के गाने ”मेरे महबूब मेरे सनम” का नया वर्जन है लेकिन हां गाने की वास्तवकिता के साथ छेड़छाड़ नहीं की गई है। नए गाने में पुराना टच बरक़रार है जो थिएटर में नोस्टालजिक फील देने के लिए काफी है। फिल्म की कॉमिक टाइमिंग शानदार है। कोई ऐसे जोक्स तो नहीं हैं जो सालों साल याद रहें पर फिल्म के साथ सूट करते हैं और हंसी भी आती है।
कहां रह गई कमीं?
फिल्म का स्क्रीनप्ले कहीं-कहीं थोड़ा स्लो है लेकिन अच्छी बात है कि कॉमिक टाइमिंग की वजह से आप बोर नहीं फील कर पाते हैं। फिल्म में विक्की कौशल की कहीं-कहीं ओवरएक्टिंग लगती है या यूं कहें कि रॉकी रंधावा की झलक देखने को मिलती है। लेकिन कैरक्टर के हिसाब से आप ये ओवरएक्टिंग पचा सकते हैं। फिल्म में इमोशन की जरूर थोड़ी कमी दिखाई देती है वहां थोड़ा और काम किया जा सकता था। बाकी फिल्म इंगेजिंग है बांधे रखती है।
देखें या न देखें
कहानी फ्रेश है। कलाकार फ्रेश हैं। फिल्म पूरी तरह एंटरटेनिंग है, तो थिएटर में एक बार देखना तो बनता ही है।