नई दिल्ली। आमिर खान की फिल्म रिलीज़ हुई है और विवाद का कारण बन गयी है। आपको बता दें आमिर खान की फिल्म लाल सिंह चड्ढा हॉलीवुड फिल्म फॉरेस्ट गम्प का रीमेक है। लेकिन इस फिल्म में फारेस्ट गम्प जैसा कुछ नहीं है। जहां वो फिल्म एक सीधी कहानी कहकर लोगों के दिल को छूती है। वहीं यह फिल्म प्रोपगैंडा स्थापित करने की कोशिश करती है। प्रोपगैंडा के माध्यम से फिल्म में विभिन्न विवादित विषयों को दिखाया है जिसकी फिल्म में कोई जरूरत नहीं थी। काफी लोगों का मानना है की आमिर खान की यह फिल्म फॉरेस्ट गम्प के मुकाबले कुछ भी नहीं है। फॉरेस्ट गम्प ने जिस तरह से तारीफ बंटोरी थी वहीं आमिर खान की फिल्म लाल सिंह चड्ढा अब फिल्म की बुराई में रिकॉर्ड स्थापित करना चाहती है। यहां हम आमिर खान की फिल्म लाल सिंह चड्ढा और टॉम हैंक्स की फिल्म फॉरेस्ट गम्प के बीच तुलना करेंगे और जानेगे की कौन सी फिल्म बेहतर है।
एक फिल्म ओरिजिनल है और एक रीमेक है
जैसा की हमने आपको पहले ही बताया की आमिर की फिल्म फॉरेस्ट गम्प की तुलना में कहीं भी खड़ी नहीं होती है। एक हिसाब से कह सकते हैं फिल्म लाल सिंह चड्ढा, फॉरेस्ट गम्प के पैरों की धूल के बराबर भी नहीं है। सबसे पहली बात तो यह है की फॉरेस्ट गम्प एक फ्रेश और नया आईडिया था। वहीं लाल सिंह चड्ढा फॉरेस्ट गम्प का रीमेक है। इस प्रकार इस फिल्म का वजन ऐसे ही कम हो जाता है। क्योंकि एक फिल्म है जो ओरिजिनल है और एक है जो रीमेक है।
दूसरी बात है लाल सिंह चड्ढा में आमिर की एक्टिंग
अगर फॉरेस्ट गम्प की बात करें तो उसमें टॉम हैंक्स का काम शानदार था। आप उनकी इमोशनल यात्रा से जुड़ जाते थे वहीं इस फिल्म में आपको सब बनावटी लगता है। ऐसा लगता है की जबरदस्ती नकल करने की कोशिश की गयी है। चाहे वो आमिर खान हों, करीना कपूर हों या फिर नागा चैतन्य कोई भी यादगार एक्टिंग नहीं करता है। जबकि फॉरेस्ट गम्प में मौजूद एक-एक कलाकार ने अपनी एक्टिंग के माध्यम से किरदारों को जीवंत कर दिया था।
इमोशनल लिहाज़ से फिल्म हुई असफल
फॉरेस्ट गम्प जब लोगों ने देखी तब उस फिल्म ने लोगों को इमोशनल किया था वहीं लाल सिंह चड्ढा इमोशनल के मामले में बिलकुल असफल हो जाती है। फिल्म में एक ऐसा सीन नहीं, जो लोगों को इमोशनल करके जाता हो। इसके अलावा टॉम हैंक्स कहीं भी किसी का अपमान करते नहीं दिखते थे और न ओवरएक्टिंग दिखती थी पर वहीं लाल सिंह चड्ढा ने दिल खोलकर देश विरोधी बातें करी हैं और उनकी एक्टिंग में भी बनावटीपन नज़र आता है। आमिर खान और टॉम हैंक्स के किरदार में जमीन आसमान का अंतर है।
इतिहास को तोड़कर पेश करने की कोशिश
इसके अलावा फॉरेस्ट गम्प में एक तरह से अमेरिका के सारे ही इतिहास को कवर करने की कोशिश फिल्म में की गयी थी। वहीं लाल सिंह चड्ढा एक निश्चित विचारधारा में बंटी हुई लगती है। जिसमें खासतौर पर चुनकर कुछ मुद्दों को फिल्म में दिखाने की कोशिश करी गयी है। आपको बता दें लाल सिंह चड्ढा में कुछ तथ्यों को इस तरह से तोड़ मरोड़कर प्रस्तुत किया गया है की वो तर्कविरुद्ध लगते हैं उसमें लॉजिक की जगह ही नहीं है।
आमिर ने किया आतंकी की छवि सुधारने की कोशिश
हद तो तब हो गयी जब लाल सिंह चड्ढा फिल्म के माध्यम से एक आतंकवादी की छवि को भी सुधारने की कोशिश करी गयी। इसके अलावा मजहब और धर्म को फिल्म में मलेरिया का नाम दिया गया है। जबकि फॉरेस्ट गम्प में ईश्वरीय आस्था को दिखाया गया था। फॉरेस्ट गम्प का संवाद और दृश्य आपके अंदर विचार-विमर्श की आंधी लाते थे पर वहीं लाल सिंह चड्ढा विचार विमर्श करने का कोई मौका ही नहीं देती है। इन कारणों के हिसाब से अंदाजा लगाया जा सकता है की टॉम हैंक्स की फॉरेस्ट गम्प कहां खड़ी होती है और आमिर खान की लाल सिंह चड्ढा कहां खड़ी होती है।