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Yeh Rishta Kya Kehlata Hai 5 September 2023: जन्माष्टमी हो होगा अक्षरा के साथ बड़ा हादसा, जान पर बन आएगी बात

Yeh Rishta Kya Kehlata Hai 5 September 2023: ये बात सुनकर अक्षरा और बाकी सभी लोग महिलाओं को सुनाते हैं। अक्षरा कहती है कि कहां लिखा है कि विधवा पूजा नहीं कर सकती हैं..अगर लिखा है को दिखा दीजिए..मैं आज ही छोड़ दूंगी। वो कहती है कि कान्हा जी ने हमेशा औरतों का सम्मान किया है

नई दिल्ली। ‘ये रिश्ता क्या कहलाता है’ टीवी की दुनिया के पॉपुलर शोज में से एक है। शो में इन दिनों कई सारे ट्विस्ट एंड टर्न्स देखने को मिल रहे हैं। सीरियल के बीते एपिसोड में आपने देखा कि जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जाता है। सभी लोग तैयारी करते हैं। अभीर भगवान कृष्ण बना है और रूही राधा। वहीं कुछ महिलाएं अक्षरा को विधवा होने का ताना मारती हैं और अभिमन्यु उन महिलाओं को सुनाता है।

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अक्षरा पर उठेंगी अंगुलियां

आज के एपिसोड में आप देखेंगे कि जन्माष्टमी का त्योहार मनाया जा रहा है। कुछ महिलाएं बार बार अक्षरा पर निशाना साधने की कोशिश करती है। अक्षरा भगवान का प्रसाद लेने जाती हैं लेकिन वो उसे टोक देती हैं और दूसरा काम करने को कह देती हैं। मनीष ये सब नोटिस कर रहा होता है। दूसरी तरफ अभिमन्यु परेशान है क्योंकि अक्षरा को उसने ताना मार दिया। शैफाली अभिमन्यु की परेशानी समझती है और उसे अक्षरा से पूरी बात करने की सलाह देती हैं। वो कहती है कि पहले गलतियों की सजा सिर्फ तुम दोनों को मिलती थी लेकिन अब अभीर को भी मिलेगी। इसी बीच 12 बज चुके हैं और अक्षरा भगवान के पर्दे खोलने वाली होती है लेकिन वहीं महिलाएं उसे टोक देती हैं और मना करती है। मनीष महिलाओं से सवाल करता है कि वो अक्षरा को काम करने से क्यों रोक रहे हैं। एक महिला कहती है कि अक्षरा अभी विधवा हुई है और वो कोई भी शुभ काम नहीं कर सकती हैं। अगर अक्षरा पूजा में शामिल होती है, तो हम यहां नहीं रूकेंगे।


ये बात सुनकर अक्षरा और बाकी सभी लोग महिलाओं को सुनाते हैं। अक्षरा कहती है कि कहां लिखा है कि विधवा पूजा नहीं कर सकती हैं..अगर लिखा है को दिखा दीजिए..मैं आज ही छोड़ दूंगी। वो कहती है कि कान्हा जी ने हमेशा औरतों का सम्मान किया है और आप खुद एक औरत का अपमान कर रही हैं। मुझे विधवा कहकर आप पाप की भागी बन रही है। अक्षरा कहती है कि हां मैं विधवा हूं..लेकिन मरी नहीं हूं, जिंदा हूं। जिसके बाद पूरा परिवार अक्षरा के हाथ से पर्दा उठवाते हैं और बाकी लोग बहस करते हैं। हालांकि अक्षरा मना कर देती है और घर जाकर पूजा करने के लिए कहती है। तभी पर्दे में गांठ लग जाती है और अक्षरा आकर गांठ को खोल देती है और कान्हा जी के दर्शन होते हैं। जिसके बाद अक्षरा की भगवान की आरती करती है।