
अलीगढ़। यूपी में मदरसों का सर्वे किया जा रहा है। इसके आदेश सीएम योगी आदित्यनाथ ने दिए थे। इस सर्वे में अलीगढ़ में 103 मदरसे अवैध मिले हैं। यूपी मदरसा बोर्ड में इन मदरसों का पंजीकरण ही नहीं है। डीएम इंद्र विक्रम सिंह ने मीडिया को बताया कि सर्वे की रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। आगे की कार्रवाई के लिए निर्देशों का इंतजार है। सरकार की तरफ से सर्वे में 11 जानकारियां सभी मदरसों से मांगी गई थीं। इनमें जमीन खरीदी है या किराए का भवन है, मदरसे में कितने छात्र हैं, किस श्रेणी तक तालीम दी जा रही है, 26 जनवरी और 15 अगस्त मनाया जाता है या नहीं, मदरसे के लिए फंड कहां से मिलते हैं जैसे सवाल थे।
अलीगढ़ में मिले 103 अवैध मदरसे
जल्द शासन को भेजी जाएगी रिपोर्ट
मदरसों के सर्वे में हुआ बड़ा खुलासा@Dm_Aligarh @aligarhpolice @CMOfficeUP pic.twitter.com/h6lr7uDsRY— Zee Uttar Pradesh Uttarakhand (@ZEEUPUK) October 8, 2022
जिन मदरसों का पंजीकरण नहीं मिला है, उनसे प्रशासन ने कहा है कि जल्द से जल्द पंजीकरण करा लें। ताकि सरकार कोई कार्रवाई न करे। सर्वे में 103 मदरसों के अवैध पाए जाने पर सियासत भी हो रही है। सपा के पूर्व विधायक हाजी जमीरुल्लाह ने न्यूज चैनल ‘एबीपी गंगा’ से कहा कि अगर जांच के बाद मदरसों पर पाबंदी लगी, तो घर-घर मदरसे खोले जाएंगे। उन्होंने कहा कि न कुरान रुका है और न ही मदरसे रुकेंगे। जमीरुल्लाह ने कहा कि 100 क्या 1000 मदरसे भी अवैध हो सकते हैं।
वहीं, दारुल उलूम माज बिन जबल मदरसा के संचालक मौलाना मुफ्ती अकबर कासिमी ने भी टीवी चैनल से कहा कि मदरसों को टारगेट कर जांच कराना ठीक नहीं है। उनका कहना है कि सरकार की साजिश मुसलमानों को कमजोर करने की है। कासिमी ने कहा कि मुसलमान को कमजोर नहीं कर सके, तो अब मदरसों पर हमला किया जा रहा है। ताकि यहां कुरान की तालीम को रोका जाए। बता दें कि यूपी सरकार ने ऐसे आरोपों को गलत बताया है। यूपी सरकार का कहना है कि वो मदरसों को आधुनिक बनाना चाहती है। यहां के छात्रों और स्टाफ को सुविधाएं देना चाहती है। इसी वजह से मदरसों के सर्वे का आदेश दिया गया है।